अवैध कन्वर्जन के मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर मौलाना के काले कारनामों की परतें धीरे-धीरे उधड़ रहीं हैं। अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) को छांगुर के विदेशों में 5 बैंक अकाउंट की जानकारी मिली है, जो साफ दर्शाता है कि उसकी साजिशें केवल भारत तक सीमित नहीं थीं, बल्कि उसका एक संगठित अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क भी काम कर रहा था। बता दें मौलाना छांगुर की मंशा को पाञ्चजन्य ने 2022 में ही उजागर कर बताया था कि कैसे खाड़ी देशों में मौलाना छांगुर लोगों को इस्लाम कबूल कराता है।
सऊदी में होता कन्वर्जन और रेप : पीड़िताओं का खुलासा
हालांकि छांगुर से गिरोह से पीड़ित युवतियों ने अपने बयानों में ही पहले भी बताया था कि कैसे सऊदी में छांगुर के मुरीद उसके इशारों पर काम करते हैं। हिन्दू लड़कियों को खासकर इकलौती लड़कियों को निशाना बनाकर उन्हें कन्वर्ट करके मुसलमान बनाते हैं। विरोध करने पर उनके साथ मारपीट से लेकर गैंगरेप तक करते हैं।
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शारजाह से दुबई तक, हर जगह फैले छांगुर के एजेंट
ईडी की जांच में यह सामने आया है कि छांगुर ने अपने एजेंटों के माध्यम से शारजाह, दुबई और UAE के अन्य शहरों में भी बैंक खाते खुलवाए। इन खातों के ज़रिए करोड़ों रुपए के लेन-देन की आशंका है।
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, जिन बैंकों में ये अकाउंट हैं, वे निम्नलिखित हैं-
- शारजाह में एक अकाउंट — Axis Bank में खोला गया था
- दुबई में भी Axis Bank में ही एक और अकाउंट
- UAE में HDFC Bank में एक विदेशी अकाउंट
- UAE में Emirates NBD Bank में खाता
- और सबसे चौंकाने वाला — UAE में Federal Bank का Vostro अकाउंट भी सामने आया है
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अब पैसे का रास्ता खंगाल रही है ED
इन अकाउंट्स में कितना पैसा आया..? यह कहां-कहां गया..? यह अब जांच का केंद्र बिंदु है। ईडी इन खातों से किए गए ट्रांजैक्शन की डेट, एमाउंट और रिसीवर की जानकारी जुटा रही है। शुरुआती जांच में अनुमान है कि इन खातों के ज़रिए हवाला, फॉरेन फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर मामलों को अंजाम दिया गया हो सकता है।
सूत्रों की माने तो- जांच एजेंसी ED छांगुर मौलाना के इन खातों से जुड़ी जानकारियाँ कई अन्य देशों की एजेंसियों से साझा कर रही हैं। साथ ही यह जानने की कोशिश की जा रही हैं कि ये खाते कैसे खुले और किसके माध्यम से ऑपरेट किए जा रहे थे..?
अंतरराष्ट्रीय साजिश के संकेत
छांगुर गिरोह के विदेशी खातों का खुलासा सिर्फ एक वित्तीय अनियमितताओं की कहानी भर नहीं है- यह संकेत है एक बड़ी और गहरी साजिश की, जिसके तहत भारत की एकता और अखंडता को निशाना बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योजनाएं बनाई जा रही थीं। इसी साजिश के तहत छांगुर गिरोह द्वारा मतांतरण जैसे गंभीर अपराध को फॉरेन फंडिंग और एजेंट नेटवर्क की मदद से संचालित किया जा रहा था।
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क्या होगा अगला कदम.?
ईडी के सूत्रों की मानें तो अगला कदम इन अकाउंट्स से जुड़े लोगों की पहचान करना होगा— यानी जो लोग UAE या अन्य देशों में बैठकर मौलाना छांगुर के लिए फंड भेज रहे थे, उनका भी कच्चा चिट्ठा तैयार किया जा रहा है।
यह भी संभव है कि जल्द ही ईडी Interpol के माध्यम से रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी करवा सकती है ताकि छांगुर के सहयोगियों को भारत लाया जा सके।
क्या कहती है जनता..?
इस खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि यह सिर्फ अवैध मतांतरण नहीं, बल्कि भारत की इस्लामिक राष्ट्र बनाने की आतंकी साजिश है। वहीं कुछ लोगों ने मौलाना छांगुर जैसे लोगों को राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए घातक बताया और कड़ी कार्रवाई की मांग की।
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अभी कई और चहरे आएंगे जद में
जो काले साए अब तक पर्दे के पीछे छुपे थे, वे भी बहुत जल्द बेनकाब होंगे। जिस तेजी और गंभीरता से प्रदेश और देश की जांच एजेंसियां मौलाना छांगुर और उसके पूरे नेटवर्क (चाहे वह भारत में हो या विदेश में) पर शिकंजा कस रही हैं, उससे यह साफ है कि यह केवल शुरुआत है।
अब वक्त दूर नहीं जब छांगुर गिरोह से जुड़े हर चेहरों की पहचान होगी, नाम सामने आएंगे और एक-एक कर सलाखों के पीछे पहुंचाए जाएंगे।
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