सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू हुआ है। इस पूरे महीने लोग उपवास रखते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं और अपने मन और आत्मा को शुद्ध करने की कोशिश करते हैं। इस दौरान कुछ खास चीजों को खाने से परहेज करने की सलाह दी जाती है। यह सिर्फ धार्मिक कारणों से नहीं, बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक वजहें भी होती हैं।
हरी पत्तेदार सब्जियां और बैंगन
आपने अक्सर सुना होगा कि सावन में हरी पत्तेदार सब्जियां और बैंगन नहीं खाने चाहिए। इसके पीछे एक अहम कारण यह है कि इस मौसम में बारिश की वजह से नमी बहुत ज्यादा होती है। यह नमी बैक्टीरिया और फंगस के लिए अनुकूल वातावरण बनाती है। ऐसे में पत्तेदार सब्जियों में कीटाणु और छोटे कीड़े आसानी से पनप जाते हैं, जो हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
बैंगन की बात करें तो यह भी बरसात के मौसम में कीटों से प्रभावित हो सकता है। साथ ही बैंगन एक हैवी सब्जी मानी जाती है, जिसे पचाना थोड़ा मुश्किल होता है। बरसात में हमारी पाचन शक्ति पहले से कमजोर रहती है, इसलिए इस समय ऐसी चीजों से बचना बेहतर होता है।
दूध, दही, रायता और कढ़ी
बरसात के मौसम में दूध और दूध से बनी चीजें जैसे दही, रायता और कढ़ी को भी सीमित मात्रा में लेने की सलाह दी जाती है। वैज्ञानिक तौर पर देखें तो इस समय मौसम में अत्यधिक नमी होती है, जिससे बैक्टीरिया तेजी से फैलते हैं। ऐसे में ये फूड आइटम जल्दी खराब हो सकते हैं या उनमें बैक्टीरिया उत्पन्न हो सकते हैं। अगर इन्हें सही से स्टोर न किया जाए तो इन्हें खाने से पेट दर्द, गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही दही और रायता शरीर को ठंडक देते हैं, जिससे बरसात के नमी भरे मौसम में सर्दी-जुकाम जैसी तकलीफें बढ़ सकती हैं। दूध के बारे में भी एक खास बात कही जाती है। बरसात के दिनों में गाय-बकरी जो घास खाती हैं, उसमें कीड़े-मकोड़े हो सकते हैं। इससे दूध की गुणवत्ता पर असर पड़ता है और यह शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।
सावन में खानपान को लेकर सावधानी क्यों जरूरी है?
सावन के महीने में शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, क्योंकि इस समय वातावरण में बदलाव आता है और पाचन तंत्र धीमा पड़ जाता है। इस समय अगर हम तैलीय, भारी या जल्दी खराब होने वाले भोजन खाते हैं तो पाचन तंत्र पर असर पड़ता है और शरीर बीमार पड़ सकता है।इसलिए आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों मानते हैं कि सावन के महीने में हल्का और ताजा खाना खाना चाहिए। उबली या भाप में पकी चीजें, मौसमी फल, नींबू पानी और नारियल पानी इस मौसम में सेहत के लिए अच्छे होते हैं।इस मौसम में खानपान को लेकर थोड़ी सी सावधानी रखकर हम न केवल धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन कर सकते हैं, बल्कि अपने स्वास्थ्य का भी अच्छे से ख्याल रख सकते हैं।
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