अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम पूरे देश में छात्रावासों और विद्यालयों का संचालन करता है। इनमें सैकड़ों ऐसे छात्र पढ़ते हैं, जो मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित होते हैं। ऐसे छात्रों को छात्रावास में पढ़ने की हर तरह की सुविधा नि:शुल्क मिलती है। इसका पूरा लाभ ये छात्र उठाते हैं और पढ़ाई में विशेष कर जाते हैं।
कुछ ऐसा ही कर दिखाया है केरल की कुमारी ए.आर.अनघा और तमिलनाडु की कुमारी राजेश्वरी ने। ये दोनों जनजाति हैं। कुमारी ए.आर. अनघा ने केरल राज्य स्तरीय बी.फर्मा परीक्षा में एस.टी. श्रेणी में प्रथाम स्थान प्राप्त किया है, वहीं कुमारी राजेश्वरी ने जे.ई.ई. की मुख्य परीक्षा में सफलता प्राप्त की है।
अब उनका नामांकन आई.आई.टी. चैन्ने में हो गया है। कुमारी ए.आर.अनघा वायनाड के कनियमबेट्टा में संचालित निवेदिता विद्या निकेतन की छात्रा रही हैं। कुमारी राजेश्वरी तमिलनाडु के सेलम जिले में करुमांदुरई गांव में संचालित विद्यालय में पढ़ चुकी हैं। इन दोनों विद्यालयों का संचालन कल्याण आश्रम करता है।
वनवासी कल्याण आश्रम के संगठन मंत्री अतुल जोग ने कुमारी ए.आर.अनघा और कुमारी राजेश्वरी की सफलता पर संतोष व्यक्त किया है और दोनों को शुभकामनाएं दी हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह हमारे असंख्य कार्यकताओं की उपलब्धि है।
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