नई दिल्ली: भारतीय सेना को जल्द ही एक ऐसी स्वदेशी तोप मिलने वाली है जो दुश्मन पर गोला दागते ही जगह बदल लेगी. यह तोप अत्याधुनिक है और 60 सेकंड में 6 राउंड फायर करने में सक्षम है. तोप, सेना के परीक्षण के लिए तैयार हो चुकी है. इस स्वदेशी तोप का नाम है MGS. यानी माउंटेड गन सिस्टम. इसे भारत की रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है.
यह स्वदेशी तोप भारतीय सेना के मारक क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जायेगी. सबसे खास है कि यह तोप, मेक इन इंडिया के तहत बनाई गई है. इसका पूरा सिस्टम स्वदेशी है. MGS को व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (VRDE), अहमदनगर ने डिजाइन और विकसित किया है. MGS भारतीय सेना के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है. सबसे खास है कि इस तोप को विदेशों में निर्यात भी किया जा सकता है.
क्या है माउंटेड गन सिस्टम (MGS)?
माउंटेड गन सिस्टम (MGS) एक ऐसी तोप प्रणाली है जो बख्तरबंद हाई-मोबिलिटी वाहन (HMV) पर लगाई जाती है. दरअसल, यह एक 155 मिमी/52 कैलिबर का ट्रक-माउंटेड हॉवित्जर है. MGS की खासियत है कि यह एक मिनट में छह राउंड फायर कर सकता है और 45 किमी से अधिक दूर के लक्ष्यों को बेहद आसानी से भेद सकता है. यह तोप एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) पर आधारित है. इस तोप को डीआरडीओ (DRDO) की आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ARDE) ने विकसित किया है.
गोला दागते ही जगह चेंज कर लेती है तोप
MGS गोला दागते ही तुरंत स्थान बदलने में सक्षम है. यह तोप 85 सेकंड में गोला दागकर अपनी जगह बदल सकता है. इतना ही नहीं, MGS 30 टन के हथियार को तेजी से स्थानांतरित करने और काउंटर-बैटरी फायर से बचने में सक्षम है. इस बात की जानकारी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के वरिष्ठ अधिकारियों ने दी है. MGS को 8×8 टाट्रा हाई-मोबिलिटी वाहन पर लगाया जाता है. इस वाहन को भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) ने बनाया है. यह सिस्टम रेगिस्तान, पहाड़ी इलाकों और ऊंचे हिमालयी क्षेत्रों में भी आसानी से काम कर सकता है. यह भारतीय सेना की फील्ड आर्टिलरी रेशनलाइजेशन प्लान (FARP) का हिस्सा है. जिसके तहत सेना को 814 माउंटेड गन सिस्टम की आवश्यकता है.
इस तोप का ऑर्डर रक्षा मंत्रालय ने सेना की मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए पहले ही दे दिया है. मार्च में, रक्षा मंत्रालय ने भारत फोर्ज लिमिटेड और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड के साथ 307 स्थानीय रूप से निर्मित एटीएजीएस के साथ-साथ उच्च गतिशीलता वाले टोइंग वाहनों के लिए 6,900 करोड़ के दो अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए थे.
मेक इन इंडिया पहल का हिस्सा है ये तोप
MGS मेक इन इंडिया पहल का हिस्सा है. इस तोप में स्वचालित गोला-बारूद हैंडलिंग सिस्टम है. यह 24 गोले और उनके लिए बाय-मॉड्यूलर चार्ज सिस्टम (BMCS) ले जा सकता है. तोप में इंटीग्रेटेड फायर कंट्रोल सिस्टम (FCS) लगा हुआ है. जो तकनीकी फायर कंट्रोल, फायर प्लानिंग और लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट को आसान बनाता है.
तोप में हैं बख्तरबंद केबिन और हाई-वैल्यू टारगेट्स जैसी ये खूबियां
MGS तोप की अधिकतम रेंज 45 किलोमीटर है. यह तोप बेहद सटीकता के साथ लक्ष्य को भेद सकती है और हाई-वैल्यू टारगेट्स को पलक झपकते ही नष्ट कर सकती है. यह तोप इसलिए भी खास है कि जैसे ही यह दुश्मन पर गोला दागेगी वैसे ही अपना स्थान बदल लेगी जिससे दुश्मन को जवाबी हमले का मौका नहीं मिलेगा. इस तोप का वजन 30 टन है. जिसमें 15 टन तोप का वजन और 15 टन वाहन का वजन है. यह 40 टन के पुलों पर आसानी से चल सकता है.
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