पंजाब के फाजिल्का में भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे गांव का किसान लापता आखिरकार मिल गया है। फाजिल्का के जलालाबाद के गांव खैरेके उताड़ का रहने वाला किसान अमृतपाल पाकिस्तान में मिला है। किसान नौ दिन से लापता था।
परिवार का इकलौता बेटा अमृतपाल पाकिस्तान के एक पुलिस स्टेशन में मिला है। इसके बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे हिरासत में लिया और इसकी जानकारी भारतीय सीमा सुरक्षा बल को दी है। बीएसएफ अधिकारियों ने अमृतपाल के परिवार को उनके बेटे की सूचना दी है। अमृतपाल 21 जून को सीमा सुरक्षा बल की बीओपी राणा पोस्ट के पास फेंसिंग पर लगे गेट नंबर-223 पार किसान खेती करने के लिए गया था, उसी दिन से वह लापता हो गया।
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परिजनों ने पाकिस्तानी रेंजर्स पर लगाया था आरोप
परिजनों ने आरोप लगाया था कि उनके बेटे को पाकिस्तानी रेंजर्स उठाकर ले गए हैं। इस संबंधी बीएसएफ ने पाक रेंजर्स के साथ फ्लैग मीटिंग की, उसमें पाक रेंजर्स ने कहा था उनके पास किसान नहीं है। नियमानुसार फेंसिंग पार जाते समय बीएसएफ किसानों का पहचान पत्र गेट पर जमा कर लेती है और वापस लौटने पर ही देती है। उक्त किसान अमृतपाल फेंसिंग पार खेती करने गया था लेकिन वहां से लौटा नहीं था और पहचान पत्र बीएसएफ के पास ही था।
किसान अमृतपाल सिंह के पिता जगराज सिंह वासी खैरेके उताड़ ने बताया कि उनके पास लगभग साढ़े आठ एकड़ जमीन है, जो बीओपी राणा पोस्ट और गेट नंबर-223 के अधीन, तारबंदी के भीतर स्थित है। वे पिछले दो दशकों से भी ज्यादा समय से इस जमीन पर खेती कर रहे हैं। 21 जून की दोपहर करीब 12 बजे उनका बेटा अमृतपाल सिंह खेत में काम करने गया था। बेटा पहचान पत्र जमा करवा कर गेट पार खेतों में गया था। लेकिन शाम तक वह वहां से नहीं लौटा।
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नहीं मिला था कोई सुराग
बीएसएफ ने अगले दिन अमृतपाल की खोज के लिए फेंसिंग पार खेतों में लंबी सर्च चलाई लेकिन कोई सुराग नहीं लग पाया था। खेतों की मिट्टी में अमृतपाल के पैरों के निशान पाकिस्तान की ओर जाते मिले थे। घटना वाले दिन रात करीब 11 बजे तक बीएसएफ के कमांडेंट स्तर के अधिकारी पाकिस्तान रेंजर्स से संपर्क कर रहे थे, लेकिन ज्यादा देर होने के कारण संपर्क नहीं हो पाया था। अगले दिन करीब शाम 4 बजे भारत-पाक अधिकारियों के बीच फ्लैग मीटिंग हुई थी। उसके बाद बीएसएफ ने परिवार को सूचित किया कि अमृतपाल पाकिस्तान गया है, लेकिन पाक रेंजर्स ने कहा था कि उन्हें ऐसा कोई व्यक्ति नहीं मिला। अब अमृतपाल के मिलने से परिवार ने राहत की सांस ली है।
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