रील्स और शॉर्ट्स का चस्का क्यों लगता है? जानिए इसके पीछे की वजह
July 23, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विज्ञान और तकनीक

रील्स और शॉर्ट्स का चस्का क्यों लगता है? जानिए इसके पीछे की वजह

इंस्टाग्राम पर रील्स या यूट्यूब पर शॉर्ट्स देखते समय अक्सर हम एक के बाद एक वीडियो स्क्रॉल करते रहते हैं, और यह सिलसिला कब घंटों में बदल जाता है, पता ही नहीं चलता।

by Mahak Singh
Jun 30, 2025, 07:41 am IST
in विज्ञान और तकनीक
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

इंस्टाग्राम पर रील्स या यूट्यूब पर शॉर्ट्स देखते समय अक्सर हम एक के बाद एक वीडियो स्क्रॉल करते रहते हैं, और यह सिलसिला कब घंटों में बदल जाता है, पता ही नहीं चलता। इसके पीछे एक खास वजह होती है- सोशल मीडिया का एल्गोरिद्म। एल्गोरिद्म एक ऐसा सिस्टम होता है, जो यह तय करता है कि किस यूजर को क्या कंटेंट दिखाया जाए। इंस्टाग्राम, यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म हर यूजर को अलग-अलग वीडियो दिखाते हैं। ये वीडियो यूजर की रुचि, एक्टिविटी और पसंद पर आधारित होते हैं। मतलब, आपकी फीड पर जो वीडियो दिखते हैं, वो खासतौर पर आपके लिए चुने गए होते हैं।

इन प्लेटफॉर्म्स को आपकी पसंद-नापसंद का अंदाजा आपके व्यवहार से लगता है। जैसे आपने कौन-सी वीडियो लाइक की, किसे शेयर किया, क्या सर्च किया, किन अकाउंट्स को फॉलो किया और कौन-से वीडियो आपने अंत तक देखे। यहां तक कि आपने किसी वीडियो को “नॉट इंटरेस्टेड” या “रिपोर्ट” भी किया है या नहीं – इस सब पर नजर रखी जाती है। इसके अलावा, आपकी भाषा, लोकेशन, डिवाइस की सेटिंग्स और अकाउंट बनाते समय आपने जो कैटेगरी पसंद की थी, वो भी एल्गोरिद्म के लिए अहम होती हैं। वीडियो के कैप्शन, हैशटैग, म्यूजिक और उसमें इस्तेमाल हुए इफेक्ट भी इस प्रक्रिया में शामिल होते हैं।

रील्स और शॉर्ट्स की एक और खासियत है- इनकी लंबाई। आमतौर पर ये वीडियो 15 से 30 सेकंड के होते हैं। इतने छोटे वीडियो देखने में समय का अंदाजा नहीं लगता और हम लगातार एक के बाद एक वीडियो स्क्रॉल करते चले जाते हैं। इसलिए अगली बार जब आप सोचें कि आपको रील्स देखने की इतनी आदत क्यों हो गई है, तो याद रखिए- यह सब सोच-समझकर डिज़ाइन किया गया है। एल्गोरिद्म आपकी हर एक्टिविटी को ट्रैक करता है और आपको वही दिखाता है, जो आपको पसंद है। यही वजह है कि रील्स और शॉर्ट्स इतनी तेजी से हमारे समय और ध्यान पर कब्जा कर लेते हैं।

Topics: Instagram Reels AlgorithmYouTube Shorts Algorithmइंस्टाग्राम रील्स की लतरील्स देखने की लत क्यों लगती हैaddictive reels contentयूट्यूबइंस्टाग्रामरील्स
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Love Jihad

लव जिहाद: मुबस्सीर ने फर्जी ID से हिंदू युवती को फंसाया, मंदिर में शादी, धर्मांतरण का दबाव

फवाद खान

पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान की फिल्म ‘अबीर गुलाल’ भारत में बैन, यूट्यूब से हटाए गए गाने

सख्ती जरूरी, कार्रवाई आवश्यक

ऑनलाइन कंटेंट की अराजकता और समाज

रणवीर अल्लाहबादिया और समय रैना

रणवीर और समय रैना के खिलाफ दूसरी FIR, 30 गेस्ट पर भी एक्शन, यूट्यूब से हटेंगे ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ के 18 एपिसोड

Instagram Reels और YouTube Shorts एल्गोरिद्म, आखिर क्यों लग जाती है इसकी लत?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

स्वातंत्र्यवीर सावरकर स्मारक द्वारा घोषित शोध छात्रवृत्तियाँ 2025

सावरकर स्मारक की पहल : क्रांतिकारी आंदोलन पर रिसर्च के लिए 3 शोधकर्ताओं को मिली प्रतिष्ठित छात्रवृत्ति

अब्दुल रहमान उर्फ पप्पू की गिरफ्तारी- कन्वर्जन सिंडिकेट का मास्टरमाइंड

हिंदू से ईसाई बना, फिर मुस्लिम बनकर करने लगा इस्लामिक कन्वर्जन, ‘रहमान चाचा’ का खुला काला चिट्ठा

सीरिया में ड्रूज समुदाय के हजारों लोगों की हत्या की गई है।

सीरिया में हजारों ड्रूज़ लोगों की हत्याएं: मगर क्यों? विमर्श में इतना सन्नाटा क्यों?

शशि थरूर कांग्रेस के लिए जरूरी या मजबूरी..?

उत्तराखंड छात्रवृत्ति घोटाला: CM धामी ने SIT जांच के दिए निर्देश, सनातनी स्कूलों के नाम का दुरुपयोग कर हुआ मुस्लिम घपला

ऑनलाइन गेम्स के दुष्प्रभाव सामने आने लगे हैं।

ऑनलाइन गेम्स की लत से परिवार तबाह, महाराष्ट्र में बैन की उठी मांग !

हिंदू वेश में उन्माद की साजिश नाकाम : मुजफ्फरनगर में 5 मुस्लिम गिरफ्तार, कांवड़ियों के बीच भगवा वेश में रच रहे थे साजिश

10 हजार साल पुराना है भारत का कृषि का ज्ञान-विज्ञान, कपड़ों का निर्यातक भी था

चाकू दिखाकर डराता युवक

महाराष्ट्र: युवक ने स्कूल से घर लौटी छात्रा की गर्दन पर चाकू रख किया ड्रामा, भीड़ ने जमकर की धुनाई

नशेड़ी हुआ अलगाववादी अमृतपाल! : पंजाब में नशे से छुड़ाने के नाम पर फैलाया कट्टरपंथी जहर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies