प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ का 123वां एपिसोड प्रसारित हो चुका है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से संवाद करते हुए कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। आइए जानते हैं कि इस एपिसोड में उन्होंने क्या-क्या कहा?
पीएम मोदी ने 1975 की इमरजेंसी को याद करते हुए कहा कि उस समय संविधान और न्यायपालिका को दबाने की कोशिश की गई थी। बहुत से लोगों को प्रताड़ित किया गया, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत को ट्रैकोमा मुक्त घोषित किया है। यह एक बड़ी उपलब्धि है और इसका श्रेय हेल्थ वर्कर्स और उन सभी लोगों को जाता है जिन्होंने बिना रुके इस बीमारी से लड़ाई लड़ी।
एक नई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के अनुसार, देश के 95 करोड़ लोग किसी न किसी सरकारी योजना का लाभ ले रहे हैं। यह दिखाता है कि भारत जनभागीदारी से आगे बढ़ रहा है और मजबूत हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि धार्मिक यात्राएं सिर्फ आध्यात्मिक नहीं, सेवा का महाअनुष्ठान भी होती हैं। कैलाश मानसरोवर यात्रा एक बार फिर शुरू हो गई है। यह यात्रा हिंदू, बौद्ध और जैन परंपराओं में आस्था का केंद्र मानी जाती है। तीर्थयात्राएं शरीर और मन का अनुशासन सिखाती हैं और समाज में प्रेम व भाईचारा बढ़ाती हैं। पीएम मोदी ने कहा कि अगर हमें अपना सामर्थ्य बढ़ाना है तो स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है। उन्होंने सलाह दी कि खाने में तेल 10% कम करें और मोटापे को दूर रखें। हले संघर्ष से जूझ रहे बोडोलैंड में अब खेल को लेकर उत्साह है। यहां 70,000 से ज्यादा खिलाड़ी और 3,000 टीमें फुटबॉल खेल रही हैं। कठिन परिस्थितियों में भी युवाओं ने अपनी पहचान बनाई है। भद्राचलम, तेलंगाना की महिलाएं अब खेतों की मजदूरी छोड़कर मिलेट्स (मोटे अनाज) से बिस्किट और रोटियां बना रही हैं। उनकी कॉपरेटिव में 3,000 से ज्यादा रोटियां बनती हैं जो गांव से शहर तक पहुंच रही हैं।
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