आज के समय में भारत की अंतरिक्ष यात्रा की कहानी अब दो ऐतिहासिक पड़ावों से होकर गुज़र चुकी है। पहला नाम है— विंग कमांडर राकेश शर्मा, जिन्होंने 1984 में पहली बार अंतरिक्ष में कदम रखकर देश को गौरवान्वित किया। दूसरा नाम है— शुभांशु शुक्ला, जो 2025 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पहुंचने वाले भारत के पहले नागरिक बने।
दोनों ही ‘प्रथम’ हैं, लेकिन उनके मिशनों का संदर्भ, स्थान और वैश्विक महत्व एक-दूसरे से भिन्न है।
जब राकेश शर्मा ने भरी भारत की पहली अंतरिक्ष उड़ान
राकेश शर्मा 3 अप्रैल 1984 को सोवियत यूनियन के Soyuz T-11 मिशन के जरिए अंतरिक्ष में गए थे। उन्होंने लगभग 7 दिन 21 घंटे 40 मिनट Salyut-7 नामक अंतरिक्ष स्टेशन पर बिताए— जो कि उस समय सोवियत संघ द्वारा संचालित किया गया था।
यह भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान थी और उसी मिशन के दौरान राकेश शर्मा ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के “कैसा दिखा हिंदुस्तान” पूछने पर कहा था- “सारे जहाँ से अच्छा”
भारत की अंतरराष्ट्रीय उड़ान के ध्वजवाहक शुभांशु शुक्ला
मौजूदा वर्ष 2025 में भारत के शुभांशु शुक्ला ने Axiom Mission 4 (Ax-4) के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कदम रखकर नया कीर्तिमान स्थापित किया। वे ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय नागरिक बने। यह मिशन भारत के गगनयान कार्यक्रम की दिशा में एक बड़ी छलांग मानी जा रही है।
बता दें कि जहां राकेश शर्मा सोवियत कार्यक्रम का हिस्सा थे, वहीं शुभांशु की उड़ान वैश्विक साझेदारी और भारत की वैज्ञानिक साख को दर्शाती है।
दोनों मिशनों की तुलना
विशेषता | राकेश शर्मा (1984) | शुभांशु शुक्ला (2025) |
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अंतरिक्ष स्टेशन | Salyut-7 (सोवियत) | ISS (अंतरराष्ट्रीय) |
मिशन | Soyuz T-11 | Axiom Mission 4 (Ax-4) |
भारत की भूमिका | यात्री | प्रतिनिधि |
अंतरिक्ष में समय | ~7 दिन | मिशन जारी |
मेजबान देश/संगठन | USSR | NASA, ESA, Roscosmos, आदि |
अब जानिए क्या है Salyut, Mir और ISS..?
Salyut-7 और MIR जैसे अंतरिक्ष स्टेशन सोवियत संघ द्वारा बनाए गए थे। इनमें से Salyut-7 पर राकेश शर्मा गए थे। वहीं MIR एक मॉड्यूलर स्टेशन था जो 1986 से 2001 तक सक्रिय रहा, लेकिन भारत का कोई अंतरिक्ष यात्री उस पर नहीं गया।
वहीं ISS (International Space Station), 1998 से अब तक चालू है। यह एक बहुराष्ट्रीय प्रयोगशाला है, जिसमें अमेरिका, रूस, जापान, कनाडा, और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसियां साझेदार हैं।
Salyut/Mir और ISS की तुलना
बिंदु | सोवियत स्टेशन (Salyut/Mir) | अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) |
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निर्माण | केवल USSR | USA, रूस, जापान, यूरोप, कनाडा सहित 15 देशों का सहयोग |
कार्यकाल | 1971–2001 | 1998–अब तक चालू |
मुख्य उदाहरण | Salyut-1 से Salyut-7, और Mir | ISS |
भारत का जुड़ाव | राकेश शर्मा (1984, Salyut-7) | शुभांशु शुक्ला (2025, Ax-4 मिशन) |
उद्देश्य | वैज्ञानिक अनुसंधान व सैन्य प्रयोग | अनुसंधान, जीवन परीक्षण, अंतरराष्ट्रीय सहयोग |
स्वामित्व | USSR (एकल देश) | बहुराष्ट्रीय |
दोनों की ऊंचाई की दृष्टि से तुलना
स्टेशन का नाम | धरती से औसत दूरी |
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Salyut / Mir | लगभग 350–400 किमी |
ISS | लगभग 408–420 किमी |
दोनों ही लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्थित हैं, लेकिन ISS अपनी तकनीकी क्षमता, सहयोग और निरंतर अपडेट के लिए जाना जाता है।
बता दें कि राकेश शर्मा और शुभांशु शुक्ला, दोनों ही भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के दो अलग-अलग दौर के प्रतीक हैं। एक ने भारत के सपनों को उड़ान दी, तो दूसरे ने उसे वैश्विक मंच तक पहुंचा दिया। आज भारत न सिर्फ अंतरिक्ष यात्रा में सहभागी है, बल्कि वैज्ञानिक नेतृत्व की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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