आईआईटी गुवाहाटी की क्रांतिकारी तकनीक: 20 रुपये में 1000 लीटर फ्लोराइड मुक्त पानी
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत असम

आईआईटी गुवाहाटी की क्रांतिकारी तकनीक: 20 रुपये में 1000 लीटर फ्लोराइड मुक्त पानी

आईआईटी गुवाहाटी ने केवल 20 रुपये में 1000 लीटर फ्लोराइड और आर्सेनिक मुक्त पानी उपलब्ध कराने वाली तकनीक विकसित की है। 15 साल की जीवन अवधि और कम रखरखाव के साथ यह तकनीक ग्रामीण भारत में स्वच्छ पेयजल की समस्या का समाधान कर सकती है।

by Kuldeep Singh
Jun 20, 2025, 08:08 am IST
in असम
IIT Guwahati Fluoride free water

प्रतीकात्मक तस्वीर

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

गुवाहाटी, 19 जून (हि.स.)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी के वैज्ञानिकों ने 20 रुपये में 1000 लीटर फ्लोराइड मुक्त पानी उपलब्ध कराने वाली तकनीक विकसित की है। इस तकनीक में, 1000 लीटर पानी को शुद्ध करने की लागत केवल 20 रुपये है। इस तकनीक को बहुत कम निगरानी की आवश्यकता होती है और इसका अनुमानित जीवनकाल 15 वर्ष है।

आईआईटी द्वारा यह तकनीक विशेष रूप से असम के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्सेनिक और फ्लोराइड मुक्त पेयजल उपलब्ध कराने के लिए विकसित की गई है। यह तकनीक भारत सरकार को देश के कई अन्य राज्यों में ग्रामीण आबादी को दूषित पानी से बचाने में मदद करेगी।

फ्लोरोसिस से मिलेगा छुटकारा

चार-चरणीय उपचार प्रणाली लाखों भारतीयों को प्रभावित करने वाले गंभीर स्वास्थ्य संकट का निदान करती है, विशेष रूप से असम, राजस्थान, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा और गुजरात जैसे राज्यों में, जहां भूजल में अत्यधिक फ्लोराइड के कारण कंकाल फ्लोरोसिस होता है। यह एक दुर्बल करने वाली स्थिति होती है, जो हड्डियों को सख्त और जोड़ों को अकड़ा देती है।

केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर मिहिर कुमार पुरकाइत ने शोध दल का नेतृत्व किया, जिसने वास्तविक दुनिया की परिस्थितियों में प्रणाली का परीक्षण करने में 12 सप्ताह का समय लगाया। प्रतिष्ठित एसीएस ईएसएंडटी वाटर जर्नल में प्रकाशित उनके निष्कर्ष, दूषित पानी से 94 प्रतिशत आयरन और 89 प्रतिशत फ्लोराइड को हटाने की तकनीक की क्षमता को प्रदर्शित करता है, जिससे पानी का स्तर भारतीय सुरक्षा मानकों के भीतर आ जाता है।

शोधन प्रक्रिया वातन (हवा को किसी तरल या ठोस पदार्थ में मिलाना) से शुरू होती है, जहां एक विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया एरेटर घुले हुए आयरन को हटाने के लिए ऑक्सीजन जोड़ता है। फिर पानी एक इलेक्ट्रोकोएग्यूलेशन यूनिट से होकर गुजरता है, जहां एक हल्का विद्युत प्रवाह एल्युमिनियम इलेक्ट्रोड से होकर बहता है, जो दूषित पदार्थों से बंधे हुए आवेशित धातु कणों को छोड़ता है।

प्रोफेसर पुरकाइत ने बताया कि एक ताकतवर धातु एनोड, आमतौर पर एल्युमिनियम या आयरन को घोलने के लिए एक विद्युत क्षमता लागू की जाती है, जिससे घोल में सीधे कोएगुलेंट प्रजातियां उत्पन्न होती हैं। ये कोएगुलेंट निलंबित ठोस पदार्थों को एकत्र करने और घुले हुए दूषित पदार्थों को सोखने या अवक्षेपित करने में मदद करते हैं। तीसरे चरण, फ्लोक्यूलेशन और सेटलमेंट के दौरान, बंधे हुए दूषित पदार्थ बड़े गुच्छे बनाते हैं, जो एक विशेष कक्ष में बस जाते हैं। अंत में, पानी शेष अशुद्धियों को हटाने के लिए कोयला, रेत और पत्थर युक्त एक बहु परत फिल्टर से होकर गुजरता है।

15 साल तक काम करेगा ये सिस्टम

सिस्टम की वहनीयता इसकी ऊर्जा-कुशल डिजाइन और न्यूनतम रखरखाव आवश्यकताओं से उपजी है। अनुमानित 15 साल की जीवन अवधि और हर छह महीने में इलेक्ट्रोड प्रतिस्थापन की आवश्यकता के साथ, इस तकनीक को लगातार परिणाम देते हुए न्यूनतम पर्यवेक्षण की आवश्यकता होती है। राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग और काकती इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से चांगसारी, असम में एक पायलट इंस्टॉलेशन पहले ही पूरा हो चुका है, जो सिस्टम की व्यावहारिक व्यवहार्यता को प्रदर्शित करता है।

ऐसे में शोध दल सिस्टम को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने के लिए अक्षय ऊर्जा एकीकरण की खोज कर रहा है। प्रोफेसर पुरकाइत ने कहा, “हम यूनिट को संचालित करने और इलेक्ट्रोकोएग्यूलेशन प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न हाइड्रोजन गैस का उपयोग करने के लिए सौर या पवन ऊर्जा के उपयोग की भी खोज कर रहे हैं।”

टीम ने मैनुअल हस्तक्षेप को और कम करने के लिए रीयल-टाइम सेंसर और स्वचालित नियंत्रण सहित स्मार्ट तकनीकों को शामिल करने की योजना बनाई है, जिससे सिस्टम दूरस्थ और कम सेवा वाले समुदायों के लिए आदर्श बन जाएगा। उनका लक्ष्य इस तकनीक को अन्य जल उपचार विधियों के साथ जोड़कर एक व्यापक विकेन्द्रीकृत जल उपचार समाधान बनाना है।

ऐसे क्षेत्रों में जहां फ्लोराइड की समस्या लंबे समय से सुरक्षित पेयजल तक पहुंच में बाधा बना हुआ है, यह सफलता उन समुदायों के लिए आशा की किरण है, जो महंगे और जटिल उपचार विकल्पों से जूझ रहे हैं। प्रभावशीलता, सामर्थ्य और सरलता के संयोजन वाली यह तकनीक भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक के संभावित समाधान के रूप में स्थापित करती है।

इस शोध में पोस्ट-डॉक्टरल एसोसिएट्स डॉ. अन्वेषन और डॉ. पियाल मंडल के साथ-साथ रिसर्च स्कॉलर मुकेश भारती शामिल थे। ये सभी आईआईटी गुवाहाटी के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग से हैं।

Topics: जल शोधन तकनीकआर्सेनिक मुक्त पानीकंकाल फ्लोरोसिसइलेक्ट्रोकोएग्यूलेशनस्वच्छ पेयजलfluoride free waterआईआईटी-गुवाहाटीwater purification technologyग्रामीण भारतarsenic free waterRural Indiaskeletal fluorosisIIT Guwahatielectrocoagulationफ्लोराइड मुक्त पानीclean drinking water
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

डीन केवी कृष्णा ने दिया अपने पद से इस्तीफा

IIT गुवाहटी में साल में चौथी मौत, गुस्साए छात्रों ने असिस्टेंट प्रोफेसर के इस्तीफे की माँग की

आईआईटी गुवाहाटी का छात्र बना आतंकी, लिखा पत्र

IIT गुवाहाटी का छात्र तौसीफ बना ISIS आतंकी, सोशल मीडिया पर लिखा पत्र ‘यह मुसलमानों और काफिरों के बीच लड़ाई है’

1970 की श्वेत क्रांति

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में स्कूली शिक्षा पर जोर दिया गया है

शैक्षिक परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies