अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच काफी तेजी से चल रही है। इस बीच जांच दल को अधिकारियों के हाथ बड़ी सफलता लगी है। अधिकारितों एयर इंडिया के विमान का दूसरा ब्लैक बॉक्स यानि कि कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) मिल गया ह। इससे इस बात की उम्मीद जगी है कि लंदन जाने वाले बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (फ्लाइट AI171) के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों का पता लगाने में मदद मिलेगी। 12 जून को हुए इस हादसे में 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों सहित कुल 270 लोगों की जान चली गई थी।
कॉकपिट में होने वाली आवाजों को सुनने में मिलेगी मदद
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) के अनुसार, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर पायलटों की बातचीत, विमान के कॉकपिट में होने वाली आवाजों और अन्य असामान्य ध्वनियों को रिकॉर्ड करता है। इससे पहले, फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) बरामद किया गया था। एफडीआर विमान की ऊंचाई, गति और अन्य तकनीकी जानकारी को रिकॉर्ड करता है। दोनों ब्लैक बॉक्स के मिलने से जांचकर्ताओं को हादसे के संभावित कारणों, जैसे कि इंजन फेल्योर, फ्लैप सेटिंग्स में गड़बड़ी या मानवीय त्रुटि, का पता लगाने में मदद मिलेगी।
अमेरिका भी कर रहा जांच में मदद
एयर इंडिया विमान हादसे की जांच एएआईबी कर रहा है, जिसमें अमेरिका का नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (एनटीएसबी) भी सहयोग कर रहा है, क्योंकि विमान अमेरिकी निर्मित है। जांच दल को दोनों ब्लैक बॉक्स की जानकारी का विश्लेषण करने में कुछ समय लग सकता है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रक्रिया हादसे के कारणों को स्पष्ट करने में महत्वपूर्ण होगी।
12 जून को क्रैश हुआ था विमान
गौरतलब है कि 12 जून को दोपहर करीब 1:39 बजे अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद यह विमान मेहानीनगर इलाके में एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया और आग के गोले में तब्दील हो गया। विमान में सवार 242 लोगों में से केवल एक ब्रिटिश नागरिक, विशवशकुमार रमेश (40), जीवित बचे। उन्होंने बताया कि टेकऑफ के 30 सेकंड बाद एक तेज आवाज सुनाई दी, जिसके बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
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