दुनियाभर में मानवाधिकार और पर्यावरण की हिमायती बनने का फर्जीवाड़ा करने वाली अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुख्यात हो चुकी ग्रेटा थनबर्ग को इस्राएल की सेना ने उस वक्त पकड़ लिया जब तथाकथित ‘जलवायु कार्यकर्ता’ अपने कुछ अन्य साथियों के साथ समंदर के रास्ते गाजा पट्टी की ओर दो ढाई किलो रसद की ‘मानवीय सहायता’ ले जा रही थी। यह ‘सहायता’ ‘फ्रीडम फ्लोटिला कोएलिशन’ की तरफ से भेजी जा रही थी। ग्रेटा के अनुसार, उसमें बच्चों के लिए दूध, भोजन और दवाइयां शामिल थीं। इस्राएली नौसेना उन मानवाधिकारियों की बोट को अंतरराष्ट्रीय जल सीमा में रोककर अशदोद बंदरगाह पर ले गई।
इस्राएल के रक्षा मंत्री इस्राएल काट्ज़ ने बताया कि थनबर्ग और अन्य कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के बाद 7 अक्तूबर 2023 को हमास द्वारा किए गए हमले की तस्वीरें और डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। इस डॉक्यूमेंट्री में हमास की बर्बरता और निर्दोष नागरिकों पर किए गए हमलों को दर्शाया गया था। हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, ग्रेटा और उसके साथियों ने डॉक्यूमेंट्री को कुछ ही देर देखा, और फिर आगे देखने से इनकार कर दिया।

इस्राएल ने इस ‘मानवीय सहायता मिशन’ को एक फर्जी करार दिया और कहा कि यह गाजा में चल रहे संघर्ष के बीच एकतरफा और पक्षपातपूर्ण दुष्प्रचार करने का प्रयास है। इस्राएली विदेश मंत्रालय ने एक तस्वीर भी साझा की जिसमें ग्रेटा थनबर्ग बोट से उतरती दिखाई दे रही है।
दूसरी ओर, ‘फ्रीडम फ्लोटिला कोएलिशन’ और कुछ अन्य मानवाधिकार संगठनों ने स्वाभाविक रूप से इस्राएल की कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया। उनका कहना है कि बोट को अंतरराष्ट्रीय जल सीमा में रोका गया, जो कि गैरकानूनी है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस्राएली नौसैनिकों ने बोट पर चढ़कर संचार प्रणाली को बंद कर दिया और राहत सामग्री जब्त कर ली।

थनबर्ग ऐसा करके दुनिया को ‘गाजा में चल रहे मानवीय संकट’ के बारे में बताना चाहती थी। लेकिन उसने हमास की बर्बरता और गाजा के लोगों को चारा बनाने की शैतानी सोच के विरोध कभी एक शब्द भी नहीं बोला है। गाजा में इस्राएली सैन्य कार्रवाई के चलते राहत सामग्री की आमद नियंत्रित की जा रही है क्योंकि उसके बहाने हमास के हाथ हथियार पहुंचने का खतरा है। सेकुलर मानवाधिकारी संगठन गाजा में गंभीर भूख और मानवीय संकट के नाम पर फर्जी आंकड़े भी पेश करते पाए गए हैं।
खुद को जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण और मानवाधिकार की पैरोकार बताने वाली ग्रेटा ने सोचा था कि इस मिशन में भाग लेकर गाजा के लोगों का दिल जीत लेगी, लेकिन इस्राएल की सेना ने उसके ऐसे सभी मंसूबों पर पानी फेर दिया है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो में ग्रेटा ने कहा है कि ‘उनकी बोट को अंतरराष्ट्रीय जल सीमा में जबरन कब्जे में लेकर “अपहरण” कर लिया गया।’
इस प्रकरण पर इस्राएल की ओर से कहा गया है कि हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं की स्वास्थ्य जांच की गई और उन्हें उनके देश लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं, अदालाह नामक कानूनी संगठन ने बताया कि सभी कार्यकर्ताओं को रामल्ला शहर के एक डिटेंशन सेंटर में रखा गया है।
फिलहाल इस्राएल-हमास संघर्ष में हमास के लगभग सभी बड़े सरगना ढेर हो चुके हैं, लेकिन हमास गाजा के लोगों को ढाल की तरह इस्तेमाल करके इस्राएल की सेना को छकाने की कोशिश करता रहा है। इस्राएल के प्रधानमंत्री नेत्यनाहू पक्का इरादा किए हुए हैं कि जब तक हमास के नाम से कुछ भी शेष है, वे इस संघर्ष को नहीं रोकेंगे। ग्रेटा थनबर्ग जैसी ‘हस्ती’ को हिरासत में लेकर उसने अपने संकल्प को एक बार और पुष्ट किया है।
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