विश्लेषण

कांग्रेस पार्टी का दोहरा चरित्र उजागर

जॉन स्पेंसर के आर्टिकल 'इंडिया वोन टेक वॉर, पाक लॉस्ट एज चाइनीस प्रॉक्सी' में भारत की सैन्य जीत और तकनीकी श्रेष्ठता की चर्चा। ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त किया, लेकिन कांग्रेस नेताओं के बयान देश की उपलब्धियों पर सवाल उठाते हैं।

Published by
अभय कुमार

भारत के साथ ही अब विदेशों और खासकर विश्व के बड़े रणनीतिक जानकारों ने अब भारत के पकिस्तान के ऊपर मिले जीत को अब स्पष्ट रूप से बोलना और लिखना शुरू कर दिया है। ऐसे ही एक संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के एक बहुत बड़े मिलिट्री जानकार जॉन स्पेंसर का ‘इंडिया वोन टेक वॉर पाक लॉस्ट एज चाइनीस प्रॉक्सी’ शीर्षक से एक आर्टिकल लिखा है जो आज  भारत के अखबारों में छपा है। इस आर्टिकल में बहुत मजबूती से अपने विषय को रखते हुए जॉन स्पेंसर ने चर्चा की कि किस प्रकार भारत में बने हुए टेक्नोलॉजीज आकाश या अन्य के कारण भारत ने एक निर्णायक जीत आतंकवाद के ऊपर दर्ज़ की है।

वहीं चीन के प्रॉक्सी हथियारों को इस्तेमाल करके पाकिस्तान पूर्णतः धराशाई हुआ है। जॉन स्पेंसर का यह अकेला आर्टिकल नहीं है। सभी देशों में वर्तमान में भारत को लेकर एक सकारात्मक नजरिया देखने समझने को मिल रहा है। भारत ने यह नया परिवेश स्थापित किया है जो बहुत बड़ी उपलब्धि है। पूरा देश इसे सलाम करते हुए तिरंगा यात्रा भी निकाल रहा है। देश की सेना की सभी प्रशंसा कर रहे है।

इन सबके बावजूद कांग्रेस सहित कुछ अन्य राजनीतिक दल ने आरंभ में तो कहा कि वे देश के साथ खड़े हैं। मगर कुछ दलों का यह देश का साथ महज छलावा और दिखावा था। शुरुआत से ही विपक्ष के नेता राहुल गांधी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी,  कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और कई बड़े नेतागण कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व ने भारत की सेना भारत के शौर्य पर सवाल उठाया है। भारत ने जो किया है उससे ये सबूत गैंग खुश नहीं है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार के करीबी जयराम रमेश का कथन कि यहां आतंकवादी घूम रहे हैं और वहां सांसद घूम रहे हैं। जयराम रमेश ने दोनों तथ्यों को एक बार ही एक ही अंदाज में रखा।

जयराम रमेश ने आतंकवादियों की सांसदों के साथ समान तुलना कर दिया। जो सांसद घूम-घूम कर ऑपरेशन सिंदूर पर देश का पक्ष मजबूती से रख रहे हैं। इसमें कांग्रेस पार्टी के भी सांसद हैं। कांग्रेस पार्टी के सांसद भी देशहित में अच्छे तरीके से विषय को विश्व के पटल पर रख रहे हैं।

एक समय था जब आतंकवादियों को पीएमओ बुलाया जाता था। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह यूपीए अध्यक्ष सोनिया जी के इशारे पर आतंकवादियों से मिलते थे और आतंकवादियों का सत्कार होता था और तोहफा दिया जाता था। पाकिस्तान के साथ हुए सीमित युद्ध में शुरुआती दिन से राहुल गांधी, रेवंत रेड्डी और जयराम रमेश पूछ रहे हैं भारत के कितने जहाज गिरे हैं। जबकि वास्तविकता में भारत की सेना ने पाकिस्तान के नौ आतंकवादी अड्डों को ध्वस्त किया हैं। सेटेलाइट प्रतिच्छाया ने स्पष्ट दिखाया है कि पाकिस्तान में किस तरह से नुकसान हुआ है।

भारत के डीजीएमओ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके खुद उन प्रतिच्छाया को दिखाया कि पहले कैसा था और अब कैसा है। प्रतिच्छाया में पाकिस्तान में ध्वस्त किए गए एयरबेस  की एक-एक तस्वीर की कहां पर डोम गिरा, कहां पर उनकी हवाई जहाज उड़ गए। कहां पर रिफिलिंग सेंटर ध्वस्त हुआ, कहां उनकी हवाई पट्टी ध्वस्त हुई। ये सारी तस्वीरें बकायदा जनता के समक्ष रखा गया जो खुद में एक सबूत है।

भारतीय सेना के अदम्य साहस और कार्रवाई को पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री  शाहबाज़ शरीफ पाकिस्तान ने खुद माना है। शाहबाज़ शरीफ के अनुसार, हमने 9 और 10 मई की रात को भारतीय सेना को जवाब देने के लिए हमला करने का फैसला लिया। लेकिन उससे पहले ही भारत के ब्रह्मोस मिसाइलों से पाकिस्तान सैन्य ठिकानों पर हमला कर दिया। इससे पहले नूर खान एयरबेस के विषय में भी पीएम शहबाज शरीफ ने कहा था कि उसे भी ध्वस्त कर दिया गया था।

शुरुआत में कांग्रेस के नेताओं का व्यक्त्व था कि हमें युद्ध की आवश्यकता नहीं है। हमें पाकिस्तान की बात मान लेनी चाहिए और पाकिस्तान को छोड़ देना चाहिए। फिर दूसरी तरफ कह रहे थे कि हम भारत के साथ हैं। भारत ने जब सिंधु जल समझौते को रद्द किया तब कांग्रेस के बड़े नेता कह रहे थे कि यह तो मानवता का विषय है। मानवता के आधार पर इस प्रकार से पाकिस्तान का पानी बंद नहीं करना चाहिए। यह उचित कदम नहीं है। कर्णाटक के मुख्यमंत्री  सिद्धारमैया  कह रहे थे कि लड़ाई अच्छी बात नहीं है और हमें नहीं करना चाहिए।

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