नई दिल्ली । प्राइवेट स्कूलों द्वारा की जाने वाली मनमानी फीस वृद्धि पर रोक लगाने के लिए दिल्ली सरकार जल्द ही एक अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है। यह अध्यादेश दिल्ली स्कूल शिक्षा विधेयक, 2025 के तहत लाया जाएगा और इसमें कई कड़े नियमों का प्रावधान होगा। जिसके तहत नियम तोड़ने पर स्कूलों पर ₹50,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है, और बार-बार उल्लंघन की स्थिति में स्कूल की संपत्ति तक जब्त की जा सकेगी।
क्या होगा इस अध्यादेश में…?
मीडिया रिपोर्ट्स की मने तो, यह अध्यादेश एक हफ्ते के भीतर लागू हो सकता है। चूंकि यह एक अस्थायी कदम है, इसलिए इसे विधानसभा के मानसून सत्र में विधेयक पेश होने तक के लिए लागू किया जाएगा। इसमें फीस निर्धारण और निगरानी के लिए तीन स्तरों पर समितियों का गठन किया जाएगा- स्कूल स्तरीय, जिला स्तरीय और एक पुनरीक्षण समिति।
फीस बढ़ाने पर होगी कड़ी कार्रवाई
इस अध्यादेश के बाद यदि कोई स्कूल अपनी फीस में मनमानी वृद्धि करता है, तो शिक्षा निदेशक ₹50,000 तक का जुर्माना प्रत्येक छात्र के हिसाब से लगा सकते हैं। अगर स्कूल समय पर इस जुर्माने को नहीं भरता, तो दंड की राशि दोगुना तक की जा सकती है। इसके बाद लगातार नियम तोड़ने पर स्कूल की संपत्ति सील की जा सकती है, यहां तक कि उसे बेचा भी जा सकता है। साथ ही जरूरत पड़ने पर स्कूल की मान्यता भी रद्द की जा सकती है।
तीन स्तरों पर समितियां होंगी-
स्कूल स्तरीय शुल्क विनियमन समिति : हर स्कूल को विधेयक पारित होने के दो महीने के भीतर एक समिति बनानी होगी जिसमें प्रिंसिपल, तीन शिक्षक, पांच अभिभावक और स्कूल प्रबंधन के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस समिति का निरीक्षण शिक्षा निदेशक करेंगे।
जिला शुल्क अपीलीय समिति : इस समिति की अध्यक्षता शिक्षा उपनिदेशक करेंगे। इसमें क्षेत्रीय उपनिदेशक (सचिव), एक चार्टर्ड अकाउंटेंट, अभिभावक और शिक्षक शामिल होंगे।
पुनरीक्षण समिति : इसमें शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ और प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होंगे। यह समिति फीस से जुड़ी शिकायतों और विवादों पर अंतिम सुझाव देगी।
टिप्पणियाँ