पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत पर हमले के लिए तुर्की ने पाकिस्तान को अपने ड्रोन दिए थे, चीन ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम दिए थे। इसी के कारण भारत में लोग तुर्की के सामानों का बॉयकॉट भी कर रहे हैं। भारत के साथ तनाव के बीच अब तुर्की ने पाकिस्तान के साथ अपनी नजदीकियों को और अधिक बढ़ा दिया है। पाकिस्तान के प्रधानंमत्री शहबाज शरीफ ने इस्तांबुल में तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन से मुलाकात की और उन्हें मदद के लिए धन्यवाद कहा।
व्यापार तो बहाना, अहसान का कर्ज था चुकाना
लाइव हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, शहबाज शरीफ के तुर्की के दौरे को एक तरफ जहां व्यापारिक यात्रा कहा जा रहा है, तो वहीं खुद पाकिस्तानी मीडिया ही इस बात की पोल खोल रहा है कि भारत के खिलाफ तुर्की ने जो मदद की थी, उसके लिए खास तौर पर धन्यवाद करने के लिए उसके प्रधानमंत्री तुर्की गए थे। खुद शहबाज शरीफ भी गदगद होकर सोशल मीडिया पर लिखते हैं कि प्रिय भाई एर्दोगन से मिलने का सम्मान प्राप्त हुआ। भारत-पाकिस्तान के हालिया तनाव में उनके अडिग समर्थन के लिए धन्यवाद।
वहीं तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने शहबाद शरीफ के साथ इस मुलाकात को ऐतिहासिक और सामरिक रूप से अहम बताया है। उनका कहना है कि सुरक्षा, क्षेत्रीय सहयोग औऱ अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर बात की। एर्दोगन कहते हैं कि पाकिस्तान के साथ उनके बहुत ही आत्मीय, मानवीय और राजनीतिक रिश्ते हैं।
आतंक फैलाने वाला आतंक के खिलाफ लड़ने की बात कर रहा
जी हां, भारत में आतंकी हमले करने वाला पाकिस्तान खुद को आतंकवाद से पीड़ित बता रहा है तो वहीं दिखावा करते हुए तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने शहबाज शरीफ के साथ चर्चा में कहा कि वे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में खुफिया तकनीक साझा करने, तकनीकी मदद औऱ प्रशिक्षण देने में सहयोग करने को कहा है। इस दौरान दोनों देशों ने व्यापार को 5 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है।
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