ईरान की इस्लामी सरकार और इजरायल के बीच दुश्मनी किसी से छुपी नहीं है। क्योंकि इजरायल लगातार ईरान के परमाणु कार्यक्रम का विरोध करते रहे हैं। इसी क्रम में अब ईरान ने एक युवक को फांसी पर चढ़ा दिया गया है। उस व्यक्ति पर हत्या और बम ब्लास्ट में इजरायल की मदद करने का आरोप था। हालांकि, मानवाधिकार समूह और दोषी कैदी की लीक हुई कॉल से पता चलता है कि मारे गए व्यक्ति पर लगाए गए आरोप झूठे थे।
क्या है पूरा मामला
ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी न्यायपालिका के मीडिया आउटलेट मिजान के अनुसार, मोहसेन लैंगरनेशिन (32), जो कि एक नेटवर्क सुरक्षा इंजीनियर को बीते 30 अप्रैल को गेजेल हेसर जेल में उस पर ईशनिंदा और पृथ्वी पर भ्रष्टाचार फैलाने का आरोप लगाया गया है। राज्य नियंत्रित आउटलेट्स में अस्पष्ट सुर्खियों के अलावा, उनकी पृष्ठभूमि और मामले के बारे में बहुत कम विवरण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध थे।
मनगढ़ंत थे आरोप
वहीं अधिकार कार्यकर्ता रीमा शिरमोहम्मदी और लैंगरनेशिन के करीबी सूत्रों ने ईरान इंटरनेशनल को बताया कि लैंगरनेशिन पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे और मनगढ़ंत थे। एक बदले के तौर पर उसे यातना दी गई। रीमा शिरमोहम्मदी ने कहा कि ईरानी अधिकारी सीरियल इजरायली खुफिया उल्लंघनों के बीच संदिग्धों को पकड़ने के लिए इतने उत्सुक थे कि उन्होंने उन पर अपने शीर्ष मिसाइल जनरल की मौत में शामिल होने का आऱोप लगाया था। लेकिन, फांसी की सजा देने के बाद अब ईरान ये कह रहा है वह दुर्घटनावश मर गया है।
शिरमोहम्मदी का कहना है कि ये मामला मनगढ़ंत था उसे बिना किसी ठोस सबूत के जासूसी के आरोप में फांसी पर चढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि मोहसेन उनके लिए आसान लक्ष्य था। उन्होंने उससे कबूलनामा करवाने के लिए उसे प्रताड़ित किया और उसने किसी को कुछ नहीं बताया और उनके झूठ में फंस गया कि अगर वह उनकी बात को मान लेते हैं तो वो उसे जिंदा छोड़ देंगे।
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