फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (दाएं) ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को संभवत: उनका कद याद दिलाया
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार की उनके साथ बैठक करने की इच्छा को धता बता दी है। यूनुस का संभवत: कद इस लायक नहीं है कि फ्रांस के राष्ट्रपति के बगल में बैठ पाएं। दरअसल फ्रांस के नीस शहर में संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन होने जा रहा है। इस सम्मेलन दौरान बांग्लादेश के अंतरिम सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने राष्ट्रपति मैक्रों के साथ मिलने का वक्त मांगा था, लेकिन मैक्रों के कार्यालय ने साफ कह दिया कि ‘टाइम नहीं है’। इससे यूनुस की जबरदस्त लिजलिजी हुई है और अब फ्रांस के साथ द्विपक्षीय बैठक करने के उनके अरमान फिलहाल पूरे होते नहीं दिख रहे हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बांग्लादेश की कट्टरपंथी तत्वों के इशारे पर चल रही सरकार में मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को संभवत: उनका कद याद दिलाया है। यूनुस के कार्यालय ने मैक्रों के कार्यालय से अगले महीने 9 से 13 जून तक होने जा रहे संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन के दौरान अलग से बैठक करने का वक्त मांगा था। लेकिन वह नहीं मिला। यूनुस इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए फ्रांस जाने वाले थे तो उन्होंने मैक्रों से भी मिल लेने का प्लान बनाया था। ढाका ने बाकायदा यूनुस और मैक्रों के बीच अलग से चर्चा करने के लिए कुछ मिनट की बैठक का वक्त मांगा था। लेकिन फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यातय ने ठेंगा दिखा दिया। यूनुस का प्रस्ताव ठुकरा दिया गया। कहां तो यूनुस को लग रहा होगा कि फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ बैठकर फोटो खिंचेगी और वे वैश्विक नेता मान लिए जाएंगे। लेकिन यूनुस की ऐसी सभी उम्मीदों पर पानी फिर गया।
मैक्रों की ना सुनकर यूनुस का उत्साह ऐसा ठंडा पड़ा कि फ्रांस की अपनी टिकट ही कैंसिल करा दी। अब यूनुस का फ्रांस दौरा न हो पाएगा। यानी संयुक्त राष्ट्र के उस सम्मेलन से बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार को कोई लेना—देना नहीं था, वे तो बस मैक्रों से मिलने जाने वाले थे। सम्मेलन में भाग लेने वाले वैश्विक नेताओं को फ्रांस के राष्ट्रपति 8 जून को रात्रिभोज देने वाले हैं। इसके बुलावा यूनुस को भी गया था। इस न्योते के मिलने के बाद ही ढाका की अंतरिम सरकार ने मौका देखकर यूनुस को मैक्रों से मिलने को भी उकसा दिया। फिर वक्त लेने की भागमभाग मची। दोनों के बीच द्विपक्षीय चर्चा के लिए कोशिश शुरू हुई। लेकिन मैक्रों के कार्यालय ने टका सा जवाब दे दिया। कारण मैक्रों की व्यस्तता बताई गई कि सम्मेलन में आ रहे कई बड़े नेताओं के साथ उनका अलग से बैठना तय हो चुका है इसलिए इस बार यूनुस से न मिल पाएंगे।
फ्रांस का कहना है कि नीस के सम्मेलन के दौरान मैक्रों किसी देश के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने के इछुक नहीं हैं। लेकिन फ्रांस ने इच्छा जताई कि सम्मेलन में यूनुस भाग लेंगे तो अच्छा लगेगा। मैक्रों नहीं चाहते कि यूनुस की गैरमौजूदगी के पीछे उनका उन्हें वक्त न देना बताई जाए। यूनुस का स्वार्थ यह है कि दुनिया भर के बड़े नेताओं से मिलकर अपनी सरकार के लिए तारीफें बटोरें। उनका समर्थन हासिल कर लें। इसी दृष्टि से उनकी मैक्रों से मिलने की इच्छा थी। मैक्रों के साथ फोटो खिंचने पर दुनिया को यूनुस दिखाते कि ‘उनका कद कितना बड़ा है’।
बताते हैं कि मैक्रों के कार्यालय ने यूनुस के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय बैठक का उद्देश्य पूछा तो जो उत्तर मिला उससे वह संतुष्ट नहीं हुआ। दुनिया को किसी प्रकार का संकेत देने भर के लिए मैक्रों यूनुस के साथ बैठने को उत्सुक नहीं दिखे, लिहाजा बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को बता दिया गया है कि ऐसी किसी बैठक के लिए वक्त नहीं निकल पाएगा। अब यूनुस तो फ्रांस जा नहीं रहे इसलिए अब उनकी बजाय कोई और ‘सलाहकार’ फ्रांस जाएगा।
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