भारत और पाकिस्तान तनाव के बीच देश के अलग-अलग हिस्सों से पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वालों और आतंकियों की मदद करने वाले देशद्रोहियों की धर पकड़ लगातार जारी है। इसी क्रम में असम पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 7 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो कि पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को भारतीय नंबरों से ओटीपी भेजकर उन्हें भारतीय नंबरों से व्हाट्सएप इस्तेमाल करने में मदद कर रहे थे।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, असम के डीजीपी हरमीत सिंह ने इसकी पुष्टि की है। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि गजराज मिलिट्री इंटेलीजेंस के जरिए हमें इनपुट मिला था कि ऐसे कई लोगों क बारे में जानकारियां हैं, जो कि पाकिस्तान में लोगों को ओटीपी भेज रहे थे, जिसका इस्तेमाल भारतीय नंबरों से अकाउंट बनाने के लिए किया जाता था।
#WATCH | Guwahati | Assam police arrested 7 people who were helping people from Pakistan to use WhatsApp from Indian numbers by sharing OTPs.
Assam DGP Harmeet Singh says, "We got the first input from Gajraj Military Intelligence that they had stumbled on a number of people who… pic.twitter.com/QxxG0KsisH
— ANI (@ANI) May 17, 2025
लॉन्च किया ऑपरेशन घोस्ट सिम
डीजीपी हरमीत सिंह बताते हैं कि जैसे ही हम लोगों को इसके बारे में पता चला तो हमने इसका तकनीकी स्तर पर विश्लेषण शुरू किया, इसके बाद ऐसे असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए हमने #OperationGhostSIM लॉन्च किया। इसी के तहत एसटीएफ में इसी माह की 14 तारीख को केस दर्ज किया गया। #OperationGhostSIM के तहत हमारी टीमें हैदराबाद, राजस्थान गईं, जहां 16 मई की दोपहर में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से कुछ भरतपुर, अलवर से, एक गुवाहाटी एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया, एक दिल्ली एयरपोर्ट से पकड़ा गया।
पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि हमारे पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि इन सिम कार्डों का इस्तेमाल साइबर क्राइम के साथ ही राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए भी किया जा रहा था। इसके पीछे के कारणों को लेकर डीजीपी ने कहा कि एंटी नेशनल तत्वों के द्वारा पाकिस्तानियों को ओटीपी दिए गए। इससे वे अपने मोबाइल पर उक्त नंबर का व्हाट्सएप अकाउंट शुरू कर सकते थे। ताकि भारत में किसी से बात करने पर ये भारत आधारित नंबर प्रतीत हों।
टिप्पणियाँ