भारत में एक बहुत बड़ी लॉबी है, जिसे सरकार से हर प्रकार से समस्या है। सरकार का अर्थ मोदी सरकार या कहें भाजपा सरकार। यह वही लॉबी है जो भारत में पहले होने वाली हर आतंकी घटना की गंभीरता को नकार देता था।
अब उस लॉबी के सदस्यों में विस्तार हुआ है और नए सदस्य नए कुतर्कों के साथ सामने आते हैं। पहलगाम में जब आतंकियों ने हमला किया था तो नरेंद्र मोदी को कोसने वाले लोग एक बार फिर से सक्रिय हुए। भारत का विपक्ष और भारत के विपक्ष का समर्थन करने वाले सभी लोग अचानक से ही शौर्य रस की बातें करने लगे। बड़ी-बड़ी बातें होने लगीं कि भारत को प्रतिशोध लेना चाहिए।
आरफा खानम शेरवानी से लेकर नेहा सिंह राठौर तक ऐसे लोग विभिन्न तरीके से मोदी सरकार को उकसाने और कोसने लगे, जो मोदी सरकार के विरोध में ही लगभग रहते हैं। नेहा सिंह राठौर ने एक पोस्ट लिखा था कि “तो क्या अब मान लिया जाए कि पाकिस्तान इस बार भी बच गया? देश का बदला कब पूरा होगा, देश आतंकवादियों के कटे सिर मांग रहा है!”
नेहा सिंह राठौर पर चूंकि यह आरोप लग रहे थे कि वे सरकार का विरोध करती-करती देश का विरोध करने लगी हैं, क्योंकि उनके वीडियो पाकिस्तान द्वारा मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए प्रयोग किये जा रहे थे। शायद इसीलिए उन्होनें भारत की सरकार से प्रश्न पूछ डाले थे कि देश का बदला कब पूरा होगा?
मगर जब भारत की सेना ने बदला लेना शुरू किया, तो नेहा सिंह राठौर ही नहीं बल्कि वर्ष 2016 में युद्ध घोषित करने की मांग करने वाले कथित निष्पक्ष पत्रकार विनोद कापड़ी भी भड़क गए और कहने लगे कि #saynotowar…कथित आरजे साइमा जो इजरायल के खिलाफ ईरान के हमले के बाद यह कह रही थीं कि “हम अमन चाहते हैं, मगर ज़ुल्म के खिलाफ, गर जंग लाजमी है तो फिर जंग ही सही”
वही आरजे साइमा शांति की बात करने लगीं। और उन्होंने पोस्ट लिखा “हमें बस शांति चाहिए!”
Her tweet when Iran attacked Israel with drones in 2024.
Yesterday, she was trending #SayNoToWar pic.twitter.com/MhHc7CZ7K6— Rishi Bagree (@rishibagree) May 9, 2025
यही हाल आरफा खानम का रहा। पहलगाम पर हुए हमले के बाद उनके पोस्ट का एक स्क्रीन शॉट वायरल हो रहा है, जिसमें लिखा गया है कि हमला पाकिस्तानी आतंकवादियों ने किया है। आप पाक्सितान पर हमला कीजिए, और हमेशा के लिए नेस्तनाबूद कर दीजिए। अपने ही देश के मुस्लिमों से झगड़ कर आप क्या हासिल करना चाहते हैं?
उसके बाद उनका एक और पोस्ट वायरल हो रहा है, कि युद्ध विध्वंस है। शांति ही देशभक्ति है। सीमाओं से खून नहीं आता, लोगों से आता है। युद्ध रोका जाए! मगर यह समझ नहीं आता कि ये लोग किससे युद्ध रोकने की बात कर रही हैं, क्योंकि युद्ध भारत ने आरंभ नहीं किया है। यही लोग तो न्याय चाहते थे और पाकिस्तानी आतंकियों पर कार्यवाही चाहते थे, फिर भारत द्वारा आतंकी अड्डों पर हमले के बाद इनके सुर बदल क्यों गए?
इतना ही नहीं एजेंडा पत्रकारिता करने वाली सबा नकवी ने लिखा कि “युद्ध सभी के लिए विनाश है। लोग डरे हुए हैं, सैनिकों की जान जाती है और अर्थव्यवस्था को नुकसान होता है। युद्ध सोशल मीडिया या टीवी स्टूडिओ में नहीं लड़े लड़े जाते हैं।
War is a disaster for all concerned? Really @_sabanaqvi ? Would you say the same thing for j ihad? Keep you sermon and selective peace talks to yourself. pic.twitter.com/XwV6bT8878
— Sharmishta Sharma (@AnObserversView) May 9, 2025
ऐसे तमाम लोगों के पोस्ट सोशल मीडिया पर है, जो अब युद्ध नहीं चाहते हैं। मगर अब युद्ध क्यों नहीं चाहते हैं, यह समझ नहीं आ रहा है? ये वही लोग हैं, जो बांग्लादेश से लेकर पाकिस्तान तक हिंदुओं के मारे जाने पर चुप्पी साध लेते हैं। इन्हें हिंदुओं के प्रति होने वाली हिंसा से कोई अंतर नहीं पड़ता है।
जबकि भारत ने तो केवल और केवल उन्हीं आतंकी अड्डों पर हमला किया है, जिनके कारण पाकिस्तान आतंक की फैक्ट्री बना हुआ था। ये वही लोग हैं, जिन्होंने आज तक यह सवाल पाकिस्तान से नहीं किया है कि आखिर ओसामा बिन लादेन क्यों पाकिस्तान में रह रहा था? आज तक यह नहीं पूछा है कि आखिर कसाब क्यों भारत में निर्दोषों की जान लेने आया था? इनके पास से ऐसे सवाल आ ही नहीं सकते हैं, जो भारत के नागरिकों के प्रति न्याय की बात करते हों।
यही इनका दोगलापन है कि वे सैनिकों का मनोबल गिराने के लिए कथित शांति की बातें करते हैं, मगर सीमा पार के आतंक के चलते जब सैनिक बिना युद्ध के मारे जाते हैं, तब एक लंबे मौन पर चले जाते हैं।
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