जल बचाओ अभियान से जुड़े विशेषज्ञ
गत 5 मई को हाड़ी रानी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, सौभागपुरा, उदयपुर में पानी बचाने के तरीकों को समझाया गया। बताया गया कि पौधों को पानी देते समय गमले में नारियल की छाल बिछाने से जल की बचत होती है और छाल में जल ज्यादा समय तक रुकता है। इस गतिविधि को छात्रों द्वारा किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. रश्मि कुमावत, व्याख्याता अनीता जाट, भर्ती वर्मा, मनोज शेखावत और छात्रों में सुरजीत दहिया, जयंती लाल, कुना राम, मुकेश कुम्हार, रमेश यादव ने भाग लिया। भारत विकास परिषद् के डॉ. नगेंद्र प्रसाद शर्मा और डॉ. पी. सी. जैन के निर्देशन में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ।
वहीं 7 मई को ‘दी विजन डिवाइन एकेडमी स्कूल’, उदयपुर के नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा बनाए गए विभिन्न प्रकार के मॉडल का जल मित्र डॉ पी.सी. जैन ने अवलोकन किया। इनमें तितली, ज्वालामुखी, विंड मिल, रेनवाटर हार्वेस्टिंग, हृदय की कार्यप्रणाली इत्यादि मॉडल बहुत सुंदर एवं ज्ञानवर्धक थे। इस अवसर पर जल मित्र डॉ. पी.सी. जैन ने बच्चों से नारा लगवाया, ‘सबसे बोलो, नल कम खोलो’.
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