नई दिल्ली । 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष भारतीयों की हत्या का बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने जो कुछ किया, वह सिर्फ़ एक जवाब नहीं, बल्कि आतंकियों और उसके पनाहगारों के होश उड़ा देने वाला निर्णायक प्रहार है। इस ऑपरेशन सिंदूर से इस्लामाबाद से लेकर रावलपिंडी तक खलबली मच गई। भारतीय वायुसेना की ताकत और सेना की सटीकता ने पाकिस्तान में बैठे आतंकी आकाओं की नींदें उड़ा दी हैं।
वहीं जो लोग हमेशा सेना की कार्रवाई पर सबूत मांगते रहे हैं, उन्हें भारतीय सेना ने अबकी बार न केवल जवाब दिया है, बल्कि भर-भर के सबूत भी उनके सामने परोस दिए हैं। ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई कार्रवाई के वीडियो खुद भारतीय सेना ने जारी किए हैं— वो भी लोकेशन, टाइम स्टैम्प और टारगेट की पहचान के साथ!
भारतीय सेना ने आधी रात को पाकिस्तान और पीओके (POK) में घुसकर बम बरसाकर ना केवल एक-एक आतंकी ठिकाने की धज्जियाँ उड़ाई, बल्कि इस पूरी कार्रवाई को इस बार कैमरे से भी पूरा रिकॉर्ड भी किया।
Target 1 – अब्बास टेरर कैंप, कोटली (POJK)
स्थान : नियंत्रण रेखा (LoC) से 13 किमी अंदर
विशेषता : लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आत्मघाती हमलावरों का nerve centre
संरचना : 50+ आतंकियों के लिए बुनियादी ढांचा
समाप्त : 1.04 AM, 07 मई 2025
स्थिति : पूरी तरह नष्ट
OPERATION SINDOOR#JusticeServed
Target 1 – Abbas Terrorist Camp at Kotli.
Distance – 13 Km from Line of Control (POJK).
Nerve Centre for training suicide bombers of Lashkar-e-Taiba (LeT).
Key training infrastructure for over 50 terrorists.DESTROYED AT 1.04 AM on 07 May 2025.… pic.twitter.com/OBF4gTNA8q
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) May 7, 2025
Target 2 – गुलपुर टेरर कैंप, कोटली (POJK)
- स्थान : नियंत्रण रेखा से 30 किमी अंदर
- विशेषता : जम्मू-कश्मीर में आतंक की रीढ़
- उद्देश्य : आतंकी गतिविधियों का संचालन और पुनर्जीवन
- समाप्त : 1.08 AM, 07 मई 2025
- स्थिति : ध्वस्त
OPERATION SINDOOR#JusticeServed
Target 2 – Gulpur Terrorist Camp at Kotli.
Distance – 30 Km from Line of Control (POJK).
Control Center and Base of Lashkar-e-Taiba (LeT)
Used for revival of terrorism in Jammu and Kashmir.DESTROYED AT 1.08 AM on 07 May 2025.… pic.twitter.com/JyYlZEAKgU
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) May 7, 2025
Target 1 – महमूना जोया आतंकवादी शिविर, सियालकोट
स्थान : नियंत्रण रेखा (LoC) से 12 किमी अंदर
विशेषता : हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र
आतंक में उपयोगिता : जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए नियंत्रण केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया जाने वाला स्थान।
समाप्त : 1.11 AM, 07 मई 2025
स्थिति : पूरी तरह नष्ट
OPERATION SINDOOR#JusticeServed
Target 3 – Mehmoona Joya Terrorist Camp at Sialkot.
Distance – 12 Km from International boundary.
Key training centre of Hizbul Mujahideen.
Used as control centre for revival of terrorism in Jammu and Kashmir.DESTROYED AT 1.11 AM on 07 May… pic.twitter.com/HO0MN3ggZY
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) May 7, 2025
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं है, यह आतंकवाद के खिलाफ भारत के ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति की सबसे दमदार मिसाल है। इसी के तहत भारतीय सेना ने आतंकी ठिकानों का वीडियो ऑन रिकॉर्ड जारी किया है, जिसमें हमले की सटीक टाइमिंग, टारगेट की जानकारी और GPS डाटा भी शामिल है।
इसके अलावा भारतीय सेना ने बिलाल कैंप, सवाई नाला, बहावलपुर, महमूना जोया, मुरीदके, सरजल और बरनाला जैसे बाकी 7 आतंकी ठिकानों को भी इसी सटीकता और ताकत से तबाह किया है।
भारतीय सेना का सन्देश स्पष्ट है- आज का भारत सीधे दुश्मन के घर में घुसकर प्रहार करता है, और प्रहार के साथ सबूत भी देता है! इस बार भारतीय सेना ने सिर्फ दुश्मन के ठिकाने ही नहीं गिराए, बल्कि ‘सबूत दो’ कहने वालों की मानसिकता को भी हिला दिया है।
शिवम् दीक्षित एक अनुभवी भारतीय पत्रकार, मीडिया एवं सोशल मीडिया विशेषज्ञ, राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता, और डिजिटल रणनीतिकार हैं, जिन्होंने 2015 में पत्रकारिता की शुरुआत मनसुख टाइम्स (साप्ताहिक समाचार पत्र) से की। इसके बाद वे संचार टाइम्स, समाचार प्लस, दैनिक निवाण टाइम्स, और दैनिक हिंट में विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया, जिसमें रिपोर्टिंग, डिजिटल संपादन और सोशल मीडिया प्रबंधन शामिल हैं।
उन्होंने न्यूज़ नेटवर्क ऑफ इंडिया (NNI) में रिपोर्टर कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया, जहां इंडियाज़ पेपर परियोजना का नेतृत्व करते हुए 500 वेबसाइटों का प्रबंधन किया और इस परियोजना को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान दिलाया।
वर्तमान में, शिवम् राष्ट्रीय साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य (1948 में स्थापित) में उपसंपादक के रूप में कार्यरत हैं।
शिवम् की पत्रकारिता में राष्ट्रीयता, सामाजिक मुद्दों और तथ्यपरक रिपोर्टिंग पर जोर रहा है। उनकी कई रिपोर्ट्स, जैसे नूंह (मेवात) हिंसा, हल्द्वानी वनभूलपुरा हिंसा, जम्मू-कश्मीर पर "बदलता कश्मीर", "नए भारत का नया कश्मीर", "370 के बाद कश्मीर", "टेररिज्म से टूरिज्म", और अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले के बदलाव जैसे "कितनी बदली अयोध्या", "अयोध्या का विकास", और "अयोध्या का अर्थ चक्र", कई राष्ट्रीय मंचों पर सराही गई हैं।
उनकी उपलब्धियों में देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान (2023) शामिल है, जिसे उन्होंने जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार खान की साजिश को उजागर करने के लिए प्राप्त किया। यह सम्मान 8 मई, 2023 को दिल्ली में इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र (IVSK) द्वारा आयोजित समारोह में दिया गया, जिसमें केन्द्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल, RSS के सह-प्रचार प्रमुख नरेंद्र जी, और उदय महुरकर जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
शिवम् की लेखन शैली प्रभावशाली और पाठकों को सोचने पर मजबूर करने वाली है, और वे डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहे हैं। उनकी यात्रा भड़ास4मीडिया, लाइव हिन्दुस्तान, एनडीटीवी, और सामाचार4मीडिया जैसे मंचों पर चर्चा का विषय रही है, जो उनकी पत्रकारिता और डिजिटल रणनीति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
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