ऑपरेशन सिंदूर” के तहत भारत ने 7 मई की रात को पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में मौजूद आतंकवादियों के 9 ठिकानों को पूरी तरह से तबाह कर दिया। यह साहसी कार्रवाई भारतीय सेना ने की। इसका उद्देश्य 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष भारतीय पर्यटकों को न्याय दिलाना था।
ऑपरेशन की कमान
ऑपरेशन की जानकारी देने के लिए भारतीय सेना द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, जिसमें कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने हिस्सा लिया। कर्नल सोफिया ने बताया कि यह ऑपरेशन आधी रात को 1:05 से 1:30 बजे के बीच चलाया गया और इसका लक्ष्य केवल आतंकी संगठन थे — किसी भी नागरिक या पाकिस्तान की सेना को नुकसान नहीं पहुँचाया गया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन ठिकानों पर आतंकियों को प्रशिक्षण, हथियार और विस्फोटक देने का काम होता था। कर्नल सोफिया ने बताया कि ऑपरेशन से पहले विस्तृत खुफिया जानकारी के आधार पर टारगेट तय किए गए और यह सुनिश्चित किया गया कि कोई निर्दोष हताहत न हो।
पीओके के नष्ट किए गए मुख्य आतंकी शिविर
सवाईनाला कैंप (मुजफ्फराबाद) – लश्कर-ए-तैयबा का ट्रेनिंग सेंटर, जहां से सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम हमले के आतंकी प्रशिक्षित हुए थे।
सैदना बिलाल कैंप (मुजफ्फराबाद) – जैश-ए-मोहम्मद का अड्डा, हथियार और जंगल में जीवित रहने की ट्रेनिंग दी जाती थी।
गुलपुर कैंप (कोटली) – पुंछ और राजौरी में हमलों के लिए जिम्मेदार लश्कर का बेस।
बरनाला कैंप– हथियार, IED और फिदायीन ट्रेनिंग के लिए प्रमुख केंद्र।
अब्बास कैंप (कोटली) – लश्कर के आत्मघाती हमलावरों की ट्रेनिंग यूनिट।
पाकिस्तान के भीतर के आतंकी अड्डे
सरजाल कैंप (सियालकोट) – जम्मू-कश्मीर में जवानों की हत्या में शामिल आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी।
महमूना जोया कैंप (सियालकोट) – हिजबुल का मुख्य ट्रेनिंग सेंटर, कठुआ और पठानकोट एयरबेस हमले की योजना यहीं से बनी।
मरकतैयबा (मुरीदके) को 26/11 मुंबई हमलों के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र माना गया है, जहाँ अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे आतंकवादियों को हमले की तैयारी करवाई गई थी।
मरकज सुभानअल्लाह (पाकिस्तान) – जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय और भर्ती केंद्र, जहां से बड़े आतंकी संचालन चलते थे।
कर्नल सोफिया ने साफ कहा, “अगर पाकिस्तान ने भविष्य में कोई दुस्साहस किया, तो उसे मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि यह ऑपरेशन केवल आतंकी ढांचों को खत्म करने के लिए था न कि किसी राष्ट्र या उसके नागरिकों के खिलाफ। ऑपरेशन सिंदूर भारत की रणनीतिक, सैन्य और खुफिया क्षमताओं का सटीक उदाहरण है। यह दिखाता है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ निंदा नहीं करता, बल्कि निर्णायक कार्रवाई करता है। यह उन सभी नागरिकों को एक श्रद्धांजलि है, जिन्होंने आतंकी हमलों में जान गंवाई। कर्नल सोफिया कुरैशी ने स्पष्ट किया, ‘पाकिस्तान के किसी भी सैन्य अड्डे को निशाना नहीं बनाया गया है, और किसी नागरिक को कोई नुकसान पहुंचने की कोई सूचना नहीं है। धन्यवाद, जय हिंद।
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