वर्दी पहनने वाली एक महिला अफसर ने जब ‘अमन’ समझकर प्यार किया, तो वह नहीं जानती थी कि उसका यह फैसला उसकी ज़िंदगी बर्बाद कर देगा। महिला सब इंस्पेक्टर के प्यार में इतना अंधापन आ गया कि वह ‘अमन’ का असली नाम और मंशा पहचान ही नहीं सकी। शादी हो गई, बच्चा भी हुआ, लेकिन फिर एक दिन जब सच्चाई सामने आई कि जिस ‘अमन’ को वह अपना पति बना बैठी है वः असल में ‘इश्तियाक अहमद’ है।
यह पूरा मामला रायसेन जिले के मंडीदीप थाना क्षेत्र से सामने आया है। दरअसल, पीड़िता पहले भोपाल में महिला आरक्षक के पद पर थी और सब इंस्पेक्टर बनने की तैयारी कर रही थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात जहांगीराबाद के एक कैफे संचालक ‘अमन’ से हुई। धीरे-धीरे दोस्ती प्यार में बदली और 2019 में दोनों ने शादी कर ली। एक बच्चा भी हुआ। बाद में महिला ने एसआई की परीक्षा पास की और रायसेन में पदस्थ भी हो गई।
लेकिन वर्ष 2020 में एक दस्तावेज़ ने उसकी ज़िंदगी का नक्शा ही पलट दिया। महिला सब इंस्पेक्टर को पता चला कि जिस ‘अमन’ को वह अपना पति बना बैठी है, दरअसल उसकी असली पहचान इश्तियाक अहमद के रूप है, जिसने अपना मजहब छुपाकर उसे लव जिहाद का शिकार बना दिया।
लेकिन तब तक देर हो चुकी थी शादी और बच्चा होने की मजबूरी में महिला साथ रहने को विवश हो गई, लेकिन जब आरोपी ने शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना शुरू की, तब महिला ने उससे दुरी बनाना उचित समझा और उससे अलग रहने लगी।
इसके बाद फरवरी 2025 में मोहम्मद इश्तियाक रायसेन पहुंचा और महिला के साथ मारपीट की। जिसेक बाद पूरा मामला थाने पहुंचा, जहां पीड़ित महिला सब इंस्पेक्टर ने घरेलू हिंसा और दहेज प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई। जहां जांच में पहचान छुपाकर धोखे से शादी करने की पुष्टि भी हुई। इसके बाद पुलिस ने इश्तियाक अहमद को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2021 के तहत भी केस दर्ज किया गया।
वहीं एसपी रायसेन, पंकज कुमार पांडेय ने भी इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपी को जेल भेजा जा चुका है।
बता दें भोपाल और रायसेन में लगातार सामने आ रहे लव जिहाद के मामलों से हिंदू समाज में रोष है। भोपाल में भी इससे पहले अजमेर कांड की तर्ज पर अश्लील वीडियो बनाकर रेप और ब्लैकमेलिंग की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
कुल मिलकर चाहें वर्दी हो या विद्वता, लव जिहाद का जाल आज हर वर्ग तक फैलता जा रहा है। जिसे सचेत और जागरूक रहकर ही ख़त्म किया जा सकता है।
शिवम् दीक्षित एक अनुभवी भारतीय पत्रकार, मीडिया एवं सोशल मीडिया विशेषज्ञ, राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता, और डिजिटल रणनीतिकार हैं, जिन्होंने 2015 में पत्रकारिता की शुरुआत मनसुख टाइम्स (साप्ताहिक समाचार पत्र) से की। इसके बाद वे संचार टाइम्स, समाचार प्लस, दैनिक निवाण टाइम्स, और दैनिक हिंट में विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया, जिसमें रिपोर्टिंग, डिजिटल संपादन और सोशल मीडिया प्रबंधन शामिल हैं।
उन्होंने न्यूज़ नेटवर्क ऑफ इंडिया (NNI) में रिपोर्टर कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया, जहां इंडियाज़ पेपर परियोजना का नेतृत्व करते हुए 500 वेबसाइटों का प्रबंधन किया और इस परियोजना को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान दिलाया।
वर्तमान में, शिवम् राष्ट्रीय साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य (1948 में स्थापित) में उपसंपादक के रूप में कार्यरत हैं।
शिवम् की पत्रकारिता में राष्ट्रीयता, सामाजिक मुद्दों और तथ्यपरक रिपोर्टिंग पर जोर रहा है। उनकी कई रिपोर्ट्स, जैसे नूंह (मेवात) हिंसा, हल्द्वानी वनभूलपुरा हिंसा, जम्मू-कश्मीर पर "बदलता कश्मीर", "नए भारत का नया कश्मीर", "370 के बाद कश्मीर", "टेररिज्म से टूरिज्म", और अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले के बदलाव जैसे "कितनी बदली अयोध्या", "अयोध्या का विकास", और "अयोध्या का अर्थ चक्र", कई राष्ट्रीय मंचों पर सराही गई हैं।
उनकी उपलब्धियों में देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान (2023) शामिल है, जिसे उन्होंने जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार खान की साजिश को उजागर करने के लिए प्राप्त किया। यह सम्मान 8 मई, 2023 को दिल्ली में इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र (IVSK) द्वारा आयोजित समारोह में दिया गया, जिसमें केन्द्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल, RSS के सह-प्रचार प्रमुख नरेंद्र जी, और उदय महुरकर जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
शिवम् की लेखन शैली प्रभावशाली और पाठकों को सोचने पर मजबूर करने वाली है, और वे डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहे हैं। उनकी यात्रा भड़ास4मीडिया, लाइव हिन्दुस्तान, एनडीटीवी, और सामाचार4मीडिया जैसे मंचों पर चर्चा का विषय रही है, जो उनकी पत्रकारिता और डिजिटल रणनीति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
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