ऑपरेशन कगार से टूटी नक्सलियों की कमर : डर के मारे संविधान की दुहाई दे रहे लाल आतंकी
May 25, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

ऑपरेशन कगार से टूटी नक्सलियों की कमर : डर के मारे संविधान की दुहाई दे रहे लाल आतंकी

छत्तीसगढ़ और तेलंगाना सीमा पर ऑपरेशन कगार में 10 हजार सुरक्षाबलों की घेराबंदी से घबराए नक्सली अब युद्धविराम की भीख मांग रहे हैं। जानिए कैसे अब अंतिम सांसें गिन रहा है लाल आतंक

by SHIVAM DIXIT
Apr 29, 2025, 03:56 pm IST
in भारत, छत्तीसगढ़
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

नई दिल्ली । छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में और तेलंगाना सीमा पर चल रहे देश के अब तक के सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियान ‘ऑपरेशन कगार’ ने नक्सलियों की कमर तोड़ दी है। लगभग 10,000 सुरक्षाबलों की चक्रव्यूह जैसी घेराबंदी से नक्सली बुरी तरह घबरा गए हैं।

इसी घबराहट के चलते जी नक्सली बरसों से निर्दोष वनवासियों और सुरक्षाबलों का खून बहाते रहे, अब अपने लाल आतंक की जड़ें उखड़ती देखकर उस “संविधान” की दुहाई देने लगे हैं, जिसे उन्होंने कभी स्वीकार ही नहीं किया था।

बता दें नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी ने केंद्र और राज्य सरकारों के नाम एक के बाद एक नया पर्चा जारी जारी कर रहे हैं, इन पर्चों में बिना शर्त युद्धविराम और शांति वार्ता की गुहार लगाई गई है। नक्सलियों द्वारा जारी किए गए पर्चे में दावा किया गया है कि “ऑपरेशन कगार” के तहत सैकड़ों नक्सलियों और निर्दोष वनवासियों की हत्याएं हुई हैं।

लेकिन असलियत में लाल आतंकियों का यह आरोप खोखला भर है। जबकी सच्चाई यह है कि सुरक्षाबलों ने अपने नक्सल विरोधी अभियानों से वनवासी जनता को नक्सली आतंक से मुक्त कराने का बीड़ा उठाया है।

बरहाल जो नक्सली संगठन कल तक बंदूक के बल पर सत्ता और क्षेत्र कब्जाने का सपना देखते थे, आज ‘ऑपरेशन कगार’ से अपनी खिसकती जमीन और बिखरते संगठन को बचाने के लिए शांति और संवैधानिक अधिकारों की बातें कर रहे हैं।

जारी किए गए पर्चे में युद्धविराम की मांग करते हुए नक्सलियों ने यह भी स्वीकार किया कि उनके पीएलजीए बलों ने भी हथियार डाल दिए हैं।

बता दें कि सुरक्षाबलों के इस ऑपरेशन से नक्सली बुरी तरह टूट गए हैं, विशेषकर झारखंड के बोकारो में केंद्रीय कमेटी के शीर्ष नेता “कामरेड विवेक” समेत कई अन्य बड़े नक्सली नेताओं के मारे जाने के बाद नक्सलियों का मनोबल पूरी तरह टूट चुका है। अब डर और हताशा में वे सरकार से गिड़गिड़ा रहे हैं कि “ऑपरेशन कगार” को रोका जाए और बातचीत का रास्ता अपनाया जाए।

मौजूदा स्थिति की बात करें तो फिलहाल छत्तीसगढ़, तेलंगाना, महाराष्ट्र, ओडिशा, झारखंड और मध्यप्रदेश में नक्सलियों के उपर सुरक्षाबलों का अभूतपूर्व दबदबा बना हुआ है। कर्रेगुट्टा इलाके की नाकेबंदी कर नक्सलियों के गढ़ को चारों ओर से घेरा जा चुका है। कई महत्वपूर्ण नक्सली ठिकानों का सफाया किया जा चुका है जिसके चलते अब उनके नेता या तो ढेर हो रहे हैं या आत्मसमर्पण की गुहार लगा रहे हैं।

बरहाल नक्सलियों के इस अचानक ‘शांति प्रस्ताव’ को उनकी “रणनीतिक हार” के रूप में देखा जा रहा है रहे हैं। वर्षों से संविधान को ठुकराकर हिंसा का मार्ग अपनाने वाले नक्सली अब अपनी मौत सामने देखकर उसी संविधान का सहारा लेने को मजबूर हो गए हैं। लेकिन देश की सरकार और सुरक्षाबल इस बार ठान चुके हैं — नक्सलवाद को जड़ से खत्म करके ही दम लेंगे।

Topics: Karregutta EncounterTelangana Naxal ActivityPeace Talks Appealनक्सली युद्ध विराम प्रस्तावMaoist CommitteePLGA OperationsNaxal Attack ChhattisgarhBijapur Naxal OperationTelangana Peace Talksनक्सल शांति वार्ताNaxal CeasefireBijapur Naxal AttackChhattisgarh Naxal Violenceनक्सल ऑपरेशन कगारOperation KagarNaxalite Peace Talks IndiaNaxal Pamphletछत्तीसगढ़ नक्सल अभियान
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नक्‍सलियों के मारे जाने पर सीपीआईएम का दर्द हिंसा का राजनीतिक गठजोड़ बता रहा!

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

By-elections

चार राज्यों की 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा, 19 जून को मतदान

प्रतीकात्मक तस्वीर

विश्व थायराइड दिवस: योगासन एवं भारतीय ज्ञान परंपरा से थायरॉयड संतुलन

नीति आयोग बैठक : PM मोदी ने थामा विष्णुदेव साय का हाथ, बोले- ‘छत्तीसगढ़ की बात अभी बाकी है’

Virat Kohli And Anushka Sharma Hanumangarhi

पहले मथुरा और अब हनुमानगढ़ी पहुंच गए हैं विराट कोहली, पत्नी अनुष्का भी साथ

रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत

“सुरक्षा के मामले में हम किसी पर निर्भर ना हों…’’ : सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत

Uttarakhand Kedarnath Unesco

चारधाम यात्रा 2025: केदारनाथ में 5 लाख से अधिक श्रद्धालु, हेमकुंड साहिब के कपाट खुले

Bangladesh Muhammad Yunus

यूनुस सरकार पर बीएनपी का दबाव: दिसंबर तक चुनाव की मांग

Uttarkhand illegal encroachment

उत्तराखंड: तराई फॉरेस्ट डिविजन ने 15 हेक्टेयर वन भूमि अवैध कब्जा से मुक्त कराया

Uttarakhad Niti Ayog Baithak

सीएम धामी ने नीति आयोग की बैठक में उठाई ड्रेनेज और सिंचाई की मांग, पर्वतीय महाकुंभ के लिए मांगा सहयोग

पीएम मोदी: ऑपरेशन सिंदूर की ताकत को जनांदोलन बनाकर हासिल होगा विकसित भारत का लक्ष्य

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies