नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एक बार फिर हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा के 20 आरोपियों की जमानत नहीं दी। इनमें हिंसा के मास्टर माइंड अब्दुल मलिक और उसके बेटे का नाम भी शामिल है।
उच्च न्यायालय की जस्टिस मनोज तिवारी, जस्टिस पंकज पुरोहित की संयुक्त खंडपीठ ने हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा मामले की सुनवाई की और आरोपियों के वकील द्वारा दी गई दलीलों के बाद उनकी जमानत की अर्जी को लंबित रहते हुए सुनवाई की अगली तारीख 5 मई तय कर दी।
उल्लेखनीय है सरकारी जमीन को खुर्दबुर्द करने के मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक और उनकी पत्नी की जमानत पहले हो चुकी है। अब्दुल मलिक की हिंसा मामले में जमानत नहीं हो पाई है, उसके साथ कुल 20 आरोपी अभी जेल में है। अब्दुल मलिक की पत्नी जमानत पर बाहर है जबकि उसके पुत्र अब्दुल मोईन भी हिंसा के आरोप में जेल में है।
हिंसा करने वाले 50 से अधिक युवकों की जमानत हाई कोर्ट से हो चुकी है जिनके खिलाफ अभी हाई कोर्ट में मुकदमा चल रहा है।
स्मरण रहे कि 8 फरवरी 2024 को सरकारी भूमि पर कब्जा कर बनाए गए अवैध मदरसे और अन्य अतिक्रमण हटाने गई नगर निगम और प्रशासन की टीम पर उपद्रवियों ने हमला किया और सरकारी संपतियों को आग के हवाले किया, हिंसा पर उतारू भीड़ ने बनभूलपुरा थाने में आग लगा दी थी इस हिंसा में 6 लोगों की मौत और कई पुलिस कर्मी, पत्रकार भी घायल हुए थे।
इस घटना को कुछ मीडिया पक्ष ने दंगा बताया था, जबकि ये हिंसा का मामला था जिसे सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया था।
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