वेटिकन सिटी (हि.स.)। पोप फ्रांसिस का सोमवार को 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने वेटिकन के कासा सांता मार्टा स्थित अपने आधिकारिक निवास पर आखिरी सांस ली। अपोस्टोलिक चैंबर के कैमरलेंगो कार्डिनल केविन फैरेल ने कासा सांता मार्टा से सुबह 9:45 बजे पोप फ्रांसिस के निधन की घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोग हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे।
वेटिकन न्यूज की ओर से बताया गया कि बिशप फ्रांसिस ने आज सुबह 7:35 बजे अंतिम सांस ली। ब्रोंकाइटिस पीड़ित पोप फ्रांसिस को इसी साल 14 फरवरी को रोम के एगोस्टिनो गेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने 18 फरवरी को उनके डबल निमोनिया का इलाज किया। इस अस्पताल में 38 दिन रहने के बाद पोप कासा सांता मार्टा लौट आए थे।
वेटिकन न्यूज की खबर में कहा गया है कि पिछले साल अप्रैल में पोप फ्रांसिस ने अपने अंतिम संस्कार की रस्मों के लिए लिटर्जिकल बुक के एक अद्यतन संस्करण को मंजूरी दी थी। अपोस्टोलिक समारोहों के मास्टर आर्कबिशप डिएगो रवेली के अनुसार, पोप फ्रांसिस ने अनुरोध किया था कि अंतिम संस्कार की रस्मों को सरल बनाया जाए। आर्कबिशप रवेली ने कहा, ”नए सिरे से किए गए अनुष्ठान का उद्देश्य इस बात पर और भी अधिक जोर देना है कि रोमन पोप का अंतिम संस्कार मसीह के एक पादरी और शिष्य का अंतिम संस्कार है, न कि इस दुनिया के किसी शक्तिशाली व्यक्ति का।” उन्हें रोमन कैथोलिक चर्च का 266वें पोप माना जाता है। इस बार पोप फ्रांसिस ने ईस्टर मास का नेतृत्व नहीं किया। सेंट पीटर बेसिलिका के सेवानिवृत्त आर्कप्रीस्ट कार्डिनल एंजेलो कोमास्ट्री ने उनकी जगह ली। 2013 पर जब उन्होंने पोप का पद ग्रहण किया उस समय चर्च पर वेटिलीक्स घोटालों के आरोप लगे थे।
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