तिब्बती नेता की मौत पर हंगामा, दाह संस्कार से पहले अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

बिना जांच दाह संस्कार की तैयारी! तुल्कु दोरजे की मौत पर अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग

तिब्बती बौद्ध गुरु तुल्कु हुंगकर दोरजे की संदिग्ध मौत के विरोध में धर्मशाला में तिब्बती संगठनों ने प्रदर्शन किया। संगठनों ने अंतिम संस्कार रोकने और स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की।

by SHIVAM DIXIT
Apr 20, 2025, 05:31 pm IST
in भारत, विश्व, अरूणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

धर्मशाला । तिब्बती बौद्ध गुरु तुल्कु हुंगकर दोरजे की वियतनाम में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मृत्यु को लेकर शुक्रवार को धर्मशाला में पांच प्रमुख तिब्बती संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया। इन संगठनों ने वियतनाम सरकार से अपील की है कि जब तक एक स्वतंत्र और निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय जांच पूरी न हो, तब तक तुल्कु हुंगकर दोरजे के अंतिम संस्कार की अनुमति न दी जाए।

तुल्कु हुंगकर दोरजे, जो तिब्बत से उत्पीड़न के बाद वियतनाम में निर्वासन में रह रहे थे, को कथित रूप से 25 मार्च को हो ची मिन्ह सिटी में वियतनामी पुलिस और चीनी एजेंसियों द्वारा हिरासत में लिया गया था। कुछ दिनों बाद उनकी रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई। वियतनामी प्रशासन द्वारा “हार्ट अटैक” को मौत का कारण बताया गया है, लेकिन परिवार को शव तक पहुंच नहीं मिलने, किसी प्रकार के आधिकारिक दस्तावेज उपलब्ध न कराने और अंतिम संस्कार की जल्दबाज़ी ने इस पूरे मामले पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

अम्न्ये माचेन संस्थान के निदेशक जू टेनक्योंग ने बताया कि, “सूत्रों के अनुसार, चीनी अधिकारी तिब्बत से और वियतनाम में चीनी दूतावास के माध्यम से लुंग-गोन मठ के तिब्बती भिक्षुओं को जल्दबाज़ी में अंतिम संस्कार के निर्देश दे रहे हैं। भिक्षुओं को निर्देश दिया गया है कि अंतिम संस्कार के दौरान कोई तस्वीर या वीडियो न ली जाए और किसी भी वियतनामी बौद्ध को वहां मौजूद न रहने दिया जाए।”

इंटरनेशनल तिब्बत नेटवर्क की डॉ. लObsang यांगत्सो ने कहा कि, “हम समय के खिलाफ दौड़ में हैं। चीन के अधिकारियों द्वारा इस cremation की तैयारियाँ की जा रही हैं, जो किसी भी तरह से स्वतंत्र जांच से बचने की कोशिश है।”

स्टूडेंट्स फॉर फ्री तिब्बत-इंडिया के तेनज़िन लेकधेन ने कहा कि, “दुनियाभर के तिब्बती इस डर में हैं कि तुल्कु हुंगकर दोरजे को अपहरण, प्रताड़ना और हत्या का शिकार बनाया गया, सिर्फ इसलिए कि वे तिब्बती भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध थे।”

तिब्बती यूथ कांग्रेस के सोनम त्सेरिंग ने इस संभावित अंतिम संस्कार को “एक भयावह कदम” बताते हुए कहा कि वियतनाम और चीन की सरकारें इस मौत की ज़िम्मेदार हैं और उन्हें न्याय में बाधा डालने का दोषी ठहराया जाना चाहिए।

संगठनों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तुरंत कदम उठाने की अपील की है, जिसमें शामिल हैं:

  • तुल्कु हुंगकर दोरजे की मौत की स्वतंत्र और पारदर्शी जांच कराई जाए।
  • तिब्बत के गोलोक स्थित उनके मठ में चल रहे सुरक्षा दमन और निगरानी को तत्काल समाप्त किया जाए।
  • वियतनामी सरकार पर राजनयिक दबाव बनाकर शव को सुरक्षित रखा जाए और जांच के साथ सहयोग किया जाए।
  • चीन को इस पूरे घटनाक्रम के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए।
  • तुल्कु हुंगकर दोरजे के पार्थिव शरीर को उनके मठ और परिवार को सौंपा जाए ताकि तिब्बती परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार किया जा सके।

संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि अब ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह न सिर्फ तुल्कु हुंगकर दोरजे के प्रति अन्याय होगा, बल्कि यह तिब्बत में चीनी दमन को और बढ़ावा देने वाला खतरनाक उदाहरण बन जाएगा।

Topics: Tibetan protest DharamshalaTibet Monastery CrackdownTibetan Leader Cremation Newsतुल्कु हुंगकर दोरजे मौतTulku Hungkar Dorje DeathVietnam Tibetan Monk Deathतिब्बती संगठनों का विरोधChinese repression TibetHo Chi Minh Tulku Arrest
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

No Content Available

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Tarrif War and restrictive globlization

प्रतिबंधात्मक वैश्वीकरण, एक वास्तविकता

न्यूयार्क के मेयर पद के इस्लामवादी उम्मीदवार जोहरान ममदानी

मजहबी ममदानी

फोटो साभार: लाइव हिन्दुस्तान

क्या है IMO? जिससे दिल्ली में पकड़े गए बांग्लादेशी अपने लोगों से करते थे सम्पर्क

Donald Trump

ब्राजील पर ट्रंप का 50% टैरिफ का एक्शन: क्या है बोल्सोनारो मामला?

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies