अरूणाचल प्रदेश

बिना जांच दाह संस्कार की तैयारी! तुल्कु दोरजे की मौत पर अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग

तिब्बती बौद्ध गुरु तुल्कु हुंगकर दोरजे की संदिग्ध मौत के विरोध में धर्मशाला में तिब्बती संगठनों ने प्रदर्शन किया। संगठनों ने अंतिम संस्कार रोकने और स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की।

Published by
SHIVAM DIXIT

धर्मशाला । तिब्बती बौद्ध गुरु तुल्कु हुंगकर दोरजे की वियतनाम में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मृत्यु को लेकर शुक्रवार को धर्मशाला में पांच प्रमुख तिब्बती संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया। इन संगठनों ने वियतनाम सरकार से अपील की है कि जब तक एक स्वतंत्र और निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय जांच पूरी न हो, तब तक तुल्कु हुंगकर दोरजे के अंतिम संस्कार की अनुमति न दी जाए।

तुल्कु हुंगकर दोरजे, जो तिब्बत से उत्पीड़न के बाद वियतनाम में निर्वासन में रह रहे थे, को कथित रूप से 25 मार्च को हो ची मिन्ह सिटी में वियतनामी पुलिस और चीनी एजेंसियों द्वारा हिरासत में लिया गया था। कुछ दिनों बाद उनकी रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई। वियतनामी प्रशासन द्वारा “हार्ट अटैक” को मौत का कारण बताया गया है, लेकिन परिवार को शव तक पहुंच नहीं मिलने, किसी प्रकार के आधिकारिक दस्तावेज उपलब्ध न कराने और अंतिम संस्कार की जल्दबाज़ी ने इस पूरे मामले पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

अम्न्ये माचेन संस्थान के निदेशक जू टेनक्योंग ने बताया कि, “सूत्रों के अनुसार, चीनी अधिकारी तिब्बत से और वियतनाम में चीनी दूतावास के माध्यम से लुंग-गोन मठ के तिब्बती भिक्षुओं को जल्दबाज़ी में अंतिम संस्कार के निर्देश दे रहे हैं। भिक्षुओं को निर्देश दिया गया है कि अंतिम संस्कार के दौरान कोई तस्वीर या वीडियो न ली जाए और किसी भी वियतनामी बौद्ध को वहां मौजूद न रहने दिया जाए।”

इंटरनेशनल तिब्बत नेटवर्क की डॉ. लObsang यांगत्सो ने कहा कि, “हम समय के खिलाफ दौड़ में हैं। चीन के अधिकारियों द्वारा इस cremation की तैयारियाँ की जा रही हैं, जो किसी भी तरह से स्वतंत्र जांच से बचने की कोशिश है।”

स्टूडेंट्स फॉर फ्री तिब्बत-इंडिया के तेनज़िन लेकधेन ने कहा कि, “दुनियाभर के तिब्बती इस डर में हैं कि तुल्कु हुंगकर दोरजे को अपहरण, प्रताड़ना और हत्या का शिकार बनाया गया, सिर्फ इसलिए कि वे तिब्बती भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध थे।”

तिब्बती यूथ कांग्रेस के सोनम त्सेरिंग ने इस संभावित अंतिम संस्कार को “एक भयावह कदम” बताते हुए कहा कि वियतनाम और चीन की सरकारें इस मौत की ज़िम्मेदार हैं और उन्हें न्याय में बाधा डालने का दोषी ठहराया जाना चाहिए।

संगठनों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तुरंत कदम उठाने की अपील की है, जिसमें शामिल हैं:

  • तुल्कु हुंगकर दोरजे की मौत की स्वतंत्र और पारदर्शी जांच कराई जाए।
  • तिब्बत के गोलोक स्थित उनके मठ में चल रहे सुरक्षा दमन और निगरानी को तत्काल समाप्त किया जाए।
  • वियतनामी सरकार पर राजनयिक दबाव बनाकर शव को सुरक्षित रखा जाए और जांच के साथ सहयोग किया जाए।
  • चीन को इस पूरे घटनाक्रम के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए।
  • तुल्कु हुंगकर दोरजे के पार्थिव शरीर को उनके मठ और परिवार को सौंपा जाए ताकि तिब्बती परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार किया जा सके।

संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि अब ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह न सिर्फ तुल्कु हुंगकर दोरजे के प्रति अन्याय होगा, बल्कि यह तिब्बत में चीनी दमन को और बढ़ावा देने वाला खतरनाक उदाहरण बन जाएगा।

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