अमेरिका में अमेरिकी—भारतीयों की एक बड़ी आबादी निवास करती है। इनमें भी हिन्दू धर्म को मानने वालों की संख्या ज्यादा है। वहां के विकास में भारतीयों की उल्लेखनीय भूमिका रही है। राजनीति में भी भारतवंशी अपने द्वारा अपनाए उस देश को सही दिशा में बढ़ाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान देते आ रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से, दुनिया के अन्य देशों की भांति यहां भी इस्लामी तत्वों ने कोहराम मचा रखा है। उनके निशाने पर विशेषरूप से हिन्दू रहे हैं क्योंकि हिन्दुत्व शांति और सहअस्तित्व की बात करता है जो उनके मजहब के कट्टर स्वभाव से मेल नहीं खाता। इसलिए हिन्दुओं पर आएदिन हमले होते हैं, उन्हें लूटा जाता है, उनके प्रति घृणा फैलाने का एजेंडा चलाया जाता है। अमेरिका के जॉर्जिया राज्य ने इसे ही देखते हुए अब ‘हिन्दूफोबिया’ के खिलाफ एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। वहां एक विधेयक पेश किया है, जो हिन्दू धर्म और हिन्दुओं के खिलाफ बढ़ती नफरत और भेदभाव को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास की तरह देखा जा रहा है।
जॉर्जिया में प्रस्तुत इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य हिन्दूफोबिया को परिभाषित करना और इसे राज्य की दंड संहिता में शामिल करना है। हिन्दू फोबिया को “हिन्दू धर्म के प्रति विरोधात्मक, विनाशकारी और अपमानजनक दृष्टिकोण और व्यवहार” के रूप में परिभाषित किया गया है। विधेयक के तहत, राज्य और स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को हिन्दू फोबिया को मौजूदा भेदभाव विरोधी और घृणा अपराध कानूनों के तहत लागू करने की आवश्यकता होगी।
ऐसा कम ही देखने में आता है कि किसी प्रस्ताव या विधेयक पर रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक, दोनों दलों के सीनेटर एक साथ आ जुटें। लेकिन इस विधेयक के लिए दोनों दोनों के सीनेटरों ने अभूतपूर्व एकजुटता दिखाई है। दोनों ने इस विधेयक का समर्थन किया है। विधेयक को समर्थन देने वालों में रिपब्लिकन सीनेटर शॉन स्टिल व क्लिंट डिक्सन और डेमोक्रेटिक सीनेटर जेसन एस्टेव्स तथा इमैनुएल डी. जोन्स शामिल हैं। यहां के हिन्दू समाज के प्रतिनिधियों और संगठनों ने इस विधेयक का स्वागत किया है और इसे पांथिक सहिष्णुता और अल्पसंख्यक अधिकारों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।

जैसा पहले बताया, ‘खुले समाज’ वाले अमेरिका में प्रमुख रूप से कट्टर इस्लामवादियों द्वारा हिन्दू फोबिया और हिन्दुओं के खिलाफ घृणा अपराधों में वृद्धि देखी गई है। इस संदर्भ में यय विधेयक महत्वपूर्ण बन पड़ा है। सिर्फ राजनीति अथवा सामाजिक सद्भाव के क्षेत्र में ही नहीं, हिन्दू समुदाय से आने वाले विशिष्टजन ने योग, आयुर्वेद, ध्यान, संगीत और कला जैसे क्षेत्रों में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह बेशक, अमेरिकी समाज के सांस्कृतिक ताने—बाने को समृद्ध करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जॉर्जिया में यदि यह विधेयक पारित होता है, तो यह पांथिक सहिष्णुता और अल्पसंख्यक अधिकारों के लिए एक ऐतिहासिक मानदंड स्थापित करेगा। निश्चित ही यह अन्य राज्यों को भी इसी तरह के कानून अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।
यह विधेयक न केवल हिन्दू भारतवंशी समुदाय के अधिकारों की रक्षा करेगा, बल्कि अमेरिका में पांथिक विविधता और सहिष्णुता को भी बढ़ावा देगा। हिन्दूफोबिया के खिलाफ उठाए गए इस कदम को वैश्विक स्तर पर भी सराहा जा रहा है।
टिप्पणियाँ