बिहार के छपरा जिले के रिविलगंज नगर पंचायत के वार्ड नंबर 10 से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां झुग्गी बस्ती में रहने वाले गरीब मजदूरों को पहले यह कहा गया कि इलाके में बच्चों के लिए एक स्कूल बनाया जाएगा। लेकिन बाद में वहां चर्च बना दिया गया और लोगों पर धर्म बदलने का दबाव डाला जाने लगा।
चर्च का बोर्ड
इस मामले का खुलासा 55 साल के स्थानीय निवासी रामनाथ मांझी ने किया। उन्होंने बताया कि ज्योति प्रकाश नाम के एक व्यक्ति, जो जहानाबाद का रहने वाला है, ने यहां दो कट्ठा जमीन खरीदी थी। शुरुआत में लोगों से कहा गया कि यहां बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूल बनाया जाएगा। इलाके के भोले-भाले लोगों ने भी इस काम में खुशी-खुशी मदद की लेकिन जब निर्माण कार्य आगे बढ़ा, तो एक दिन अचानक वहां एक चर्च का बोर्ड लगा दिया गया। इसके बाद लोगों को असली मंशा का अंदाजा हुआ।
लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव
रामनाथ मांझी का कहना है कि वहां ईसाई मिशनरी आने लगे और गरीब लोगों को हिंदू धर्म की बुराइयां बताकर ईसाई मत अपनाने के लिए कहने लगे। महिलाओं को सिंदूर लगाने और छठ पूजा करने से मना किया गया। साथ ही, बेटियों की शादी और पारिवारिक खर्चों में मदद देने का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया गया।
यह सब करीब एक साल तक चुपचाप चलता रहा, लेकिन अब लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। स्थानीय लोगों ने मिलकर रिविलगंज थाना में इसकी शिकायत दर्ज कराई है। जब मीडिया ने इस बारे में सारण के एसएसपी कुमार आशीष से बात करनी चाही, तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि मामले की जांच की जाएगी।
टिप्पणियाँ