गत 30 मार्च को हिंदू नव वर्ष के उपलक्ष्य में एन.डी.एम.सी. कन्वेंशन हॉल, नई दिल्ली में एक कार्यक्रम हुआ। इसमें पुणे के श्री दत्तात्रेय चितले और कलाकारों द्वारा मराठी गीत ‘गीत रामायण’ के हिंदी अनुवाद ‘हिंदी गीत रामायण’ की संगीतमय प्रस्तुति दी गई। बता दें कि स्व. सुधीर फड़के द्वारा गाई गई यह गीत रामायण 1955-56 में पुणे आकाशवाणी द्वारा प्रसारित होने के समय इतनी प्रसिद्ध हुई थी कि जितना टेलीविजन पर रामायण धरावाहिक प्रसिद्ध हुआ था।
ग्वालियर के श्री रुद्रदत्त मिश्र ने स्व. जी. डी. माडगुलकर की इस मराठी रचना का सटीक अनुवाद किया है। इस अद्भूत कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे वरिष्ठ भाजपा नेता श्याम जाजू और विशिष्ट अतिथि थे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री प्रवेश वर्मा। इस अवसर पर विधायक रविकांत उज्जैनवाल तथा कार्यक्रम के प्रेरणास्रोत विक्रांत खंडेलवाल की गरिमामय उपस्थिति रही।
पुणे की संगीत टोली ने अपने गीतों के माध्यम से राम कथा की भावपूर्ण प्रस्तुति कर सभी का हृदय जीत लिया। कार्यक्रम का आयोजन भारत विकास परिषद, ग्रेटर मयूर विहार एवं राम दूत फाउंडेशन ने किया था।
संस्कार और संस्कृति के प्रति बढ़ी सजगता
नव वर्ष (विक्रम संवत् 2082) के अवसर पर 31 मार्च को सेक्टर-14, रोहिणी (दिल्ली) में ‘भारत का नवनिर्माण : शिक्षा में स्वत्व’ विषय पर एक भव्य और विचारोत्प्रेरक कार्यक्रम हुआ।
कार्यक्रम का उद्देश्य था भारतीय शिक्षा एवं ज्ञान की समृद्ध परंपरा को प्रस्तुत करते हुए वर्तमान कालखंड में इसकी नितांत आवश्यकता और प्रासंगिकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना। साथ ही युवाओं को यह समझाने का प्रयास करना कि शिक्षा के माध्यम से हम कैसे अपने राष्ट्र के पुनर्निर्माण की दिशा में योगदान दे सकते हैं।
सामाजिक संस्था ‘संस्कार’ की उत्तरी दिल्ली शाखा द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विशाल ने कहा कि वास्तव में नई शिक्षा नीति भारत के संस्कारों को केंद्र में रखकर बनाई गई है, लेकिन उसके अतिरिक्त कुछ और प्रयत्न भी किए जाने चाहिए जिनका समावेश संस्कार ने किया है।
दिल्ली सरकार की उप शिक्षा निदेशक रेनू छिकारा ने संस्कार के निर्माण के लिए विद्यालय और परिवारों से बराबर जिम्मेदारी लेने की अपील की। इसी बात को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली सरकार के उप शिक्षा निदेशक डॉ. राकेश राही ने कहा कि हमारे संस्कार और संस्कृति का मूल मंत्र ‘सर्वे भवंतु सुखिन: सर्वे संतु निरामया’ और ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ पर आधारित है। इस अवसर पर अनेक वरिष्ठ जन उपस्थित थे।
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