मोहाली । मंगलवार को मोहाली कोर्ट ने स्वयंभू ईसाई मत प्रचारक पास्टर बजिंदर सिंह को दुष्कर्म के एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई। पादरी बजिंदर सिंह पर 2018 में जीरकपुर की एक महिला ने बजिंदर पर विदेश ले जाने का लालच देकर बलात्कार करने और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था। जिसमे कोर्ट ने शुक्रवार को उसे दोषी करार दिया था। जिसके बाद आज मंगवार को कोर्ट ने पादरी बजिंदर को BNS की धारा 376, 323 और 506 के तहत सजा सुनते हुए उसे उम्रकैद करार दिया।
चार्जशीट के मुताबिक बजिंदर सिंह ने ताजपुर गांव स्थित चर्च में पीड़िता के साथ अश्लील हरकतें कीं। वह उसे चर्च के केबिन में अकेले बुलाता और वहां उसका यौन शोषण करता। उसने पीड़िता का फोन नंबर लेकर उसे अश्लील संदेश भी भेजे।
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बजिंदर सिंह को जुलाई 2018 में दिल्ली एयरपोर्ट से उस वक्त गिरफ्तार किया गया था, जब वह लंदन जाने की कोशिश कर रहा था। वह ‘द चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विज्डम’ नामक संस्था से जुड़ा हुआ था और खुद को चमत्कारी पादरी बताकर बीमारियों को ठीक करने के दावे करता है। जिसके वीडियो भी अक्सर सोशल मीडिया पर प्रमोशन कर वायरल कराए जाते हैं।
कौन है पादरी बजिंदर सिंह?
42 वर्षीय बजिंदर जालंधर में ‘चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम’ का संस्थापक है। जानकारी के अनुसार वह हरियाणा के करनाल का रहने वाला, इसने अपने फर्जी मतांतरण के धंधे के बल पर अपनी संस्था की देशभर में 260 ब्रांच खोल ली। जिसके तहत ये लोगों को झूठे चमत्कार दिखा कर मतांतरित करवाता था। पादरी बजिंदर ने 15 साल पहले जेल में इसाई मत को अपनाया था। वह उस समय हत्या के मामले में जेल के अन्दर था।
कैसे शिकार बनी युवती..?
पीड़िता के अनुसार, वह दिसंबर 2017 से पादरी बजिंदर सिंह की मंडली में शामिल हो रही थी और वर्ष 2020 तक उसकी ‘वर्शिप टीम’ का हिस्सा थी। इस दौरान पादरी ने उसके मोबाइल नंबर पर आपत्तिजनक मैसेज भेजने शुरू किए। उस समय पीड़िता महज 17 साल की थी।
एफआईआर के मुताबिक युवती ने कहा- “मैं उससे डरने लगी, लेकिन माता-पिता से बताने में कतराती थी। 2022 में उसने मुझे रविवार को अपने केबिन में बैठाना शुरू कर दिया। जब मैं अकेली होती, तो वह मुझे जबरन गले लगाता और गलत तरीके से छूता था, इसके बाद मुझे घबराहट के दौरे पड़ने लगे और मानसिक तनाव झेलना पड़ा”।
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पीड़िता ने बताया कि पादरी उसकी हर गतिविधि पर नजर रखता था और कॉलेज जाते समय कार से उसका पीछा करता था। जब पीड़िता ने इसका विरोध किया, तो पादरी ने उसे धमकी दी कि अगर उसने उसकी बात नहीं मानी या अपने माता-पिता को कुछ बताया, तो वह उसके परिवार को मरवा देगा।
पीड़िता ने बताया कि मार्च 2023 में उसकी शादी एक अन्य ईसाई प्रचारक राजा सिंह से तय हुई थी, लेकिन तब भी पादरी बजिंदर सिंह उसे धमकाता रहा। उसने चर्च के अध्यक्ष से उसकी माँ से बात करवाई और चुप रहने के लिए धमकाया।
पहले भी लग चुके हैं गंभीर आरोप
पादरी बजिंदर सिंह पहले भी कई बार विवादों में रहा है। 2023 में इनकम टैक्स ने उसके ठिकानों पर छापेमारी की थी। हाल ही में बजिंदर पर यौन उत्पीड़न और मारपीट के नए मामले दर्ज हुए। फरवरी 2024 में एक 22 वर्षीय महिला ने उत्पीड़न का आरोप लगाया, जिसकी जांच कपूरथला पुलिस कर रही है। मार्च में एक वायरल वीडियो में उसे एक महिला को थप्पड़ मारते देखा गया, जिस पर मोहाली पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है।
गुरुओं की भूमि पंजाब में बढ़ता ईसाई कन्वर्जन.!
पंजाब, जो सिख गुरुओं की पावन भूमि है, वहाँ पिछले कुछ वर्षों में तेजी से ईसाई मिशनरियों द्वारा कन्वर्जन अभियान चलाए जा रहे हैं। खासकर सीमावर्ती जिलों में, गरीब और दलित परिवारों को निशाना बनाया जा रहा है।
बजिंदर सिंह ‘चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम’ नामक चर्च चलाता है और खुद को ‘चमत्कारी उपचार’ करने वाला बताकर भोले-भाले लोगों को ईसाई धर्म में लुभाता है। वह ‘चमत्कार’ और ‘बीमारी दूर करने’ के नाम पर प्रार्थनाएं करवाता है और फिर लोगों को ईसाई बनने का सुझाव देता है।
कैसे फैलाया जा रहा है ईसाई मत का जाल..?
- गरीब तबके के लोगों को बीमारी का डर दिखाकर चर्च में बुलाया जाता है।
- ‘चमत्कारी उपचार’ के नाम पर लोगों को मानसिक रूप से प्रभावित किया जाता है।
- आर्थिक सहायता और नौकरियों का लालच देकर उन्हें ईसाई बनने पर मजबूर किया जाता है।
- ईसाई बनने के बाद उन्हें अपने पुराने धार्मिक रीति-रिवाजों को छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है।
पंजाब में कैसे बढ़ रहा है कन्वर्जन..?
पिछले कुछ वर्षों में पंजाब में ईसाई मिशनरियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। खासकर मलेरकोटला, तरनतारन, अमृतसर, कपूरथला, होशियारपुर और जालंधर में इनका प्रभाव बढ़ा है। कई जगहों पर गुरुद्वारों के करीब चर्च बनाए जा रहे हैं और वहाँ ‘चमत्कारी सभा’ के नाम पर बड़े-बड़े आयोजन किए जा रहे हैं। इन आयोजनों में वंचित समाज के लोगों को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में लाया जाता है. जहां झूठ और फरेब के बल पर उन्हें प्रभावित कर ईसाइयत में मतांतरित किया जा रहा है।
पंजाब, जिसे सिख गुरुओं और संतों की भूमि कहा जाता है, वहाँ ऐसी गतिविधियाँ समाज के लिए घातक हो सकती हैं। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि कैसे ईसाई पादरी अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर भोले-भाले लोगों का शोषण कर रहे हैं।
शिवम् दीक्षित एक अनुभवी भारतीय पत्रकार, मीडिया एवं सोशल मीडिया विशेषज्ञ, राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता, और डिजिटल रणनीतिकार हैं, जिन्होंने 2015 में पत्रकारिता की शुरुआत मनसुख टाइम्स (साप्ताहिक समाचार पत्र) से की। इसके बाद वे संचार टाइम्स, समाचार प्लस, दैनिक निवाण टाइम्स, और दैनिक हिंट में विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया, जिसमें रिपोर्टिंग, डिजिटल संपादन और सोशल मीडिया प्रबंधन शामिल हैं।
उन्होंने न्यूज़ नेटवर्क ऑफ इंडिया (NNI) में रिपोर्टर कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया, जहां इंडियाज़ पेपर परियोजना का नेतृत्व करते हुए 500 वेबसाइटों का प्रबंधन किया और इस परियोजना को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान दिलाया।
वर्तमान में, शिवम् राष्ट्रीय साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य (1948 में स्थापित) में उपसंपादक के रूप में कार्यरत हैं।
शिवम् की पत्रकारिता में राष्ट्रीयता, सामाजिक मुद्दों और तथ्यपरक रिपोर्टिंग पर जोर रहा है। उनकी कई रिपोर्ट्स, जैसे नूंह (मेवात) हिंसा, हल्द्वानी वनभूलपुरा हिंसा, जम्मू-कश्मीर पर "बदलता कश्मीर", "नए भारत का नया कश्मीर", "370 के बाद कश्मीर", "टेररिज्म से टूरिज्म", और अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले के बदलाव जैसे "कितनी बदली अयोध्या", "अयोध्या का विकास", और "अयोध्या का अर्थ चक्र", कई राष्ट्रीय मंचों पर सराही गई हैं।
उनकी उपलब्धियों में देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान (2023) शामिल है, जिसे उन्होंने जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार खान की साजिश को उजागर करने के लिए प्राप्त किया। यह सम्मान 8 मई, 2023 को दिल्ली में इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र (IVSK) द्वारा आयोजित समारोह में दिया गया, जिसमें केन्द्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल, RSS के सह-प्रचार प्रमुख नरेंद्र जी, और उदय महुरकर जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
शिवम् की लेखन शैली प्रभावशाली और पाठकों को सोचने पर मजबूर करने वाली है, और वे डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहे हैं। उनकी यात्रा भड़ास4मीडिया, लाइव हिन्दुस्तान, एनडीटीवी, और सामाचार4मीडिया जैसे मंचों पर चर्चा का विषय रही है, जो उनकी पत्रकारिता और डिजिटल रणनीति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
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