सरकार के 8 वर्ष पूरे होने के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लोकभवन में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में अपनी सरकार के विकास कार्यों का विस्तृत खाका प्रस्तुत किया। इस दौरान 8 वर्षों में यूपी में सरकार के कामकाज पर “एक झलक” रिपोर्ट कार्ड डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई और पुस्तिका का विमोचन किया गया। पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा और 25 करोड़ प्रदेशवासियों के प्रयास से आज यह उत्तर प्रदेश, भारत के ‘श्रम शक्ति पुंज से अर्थ शक्ति पुंज’ बनने की ओर अग्रसर है। उत्तर प्रदेश वही है, लेकिन बीते 8 वर्षों परसेप्शन पूरी तरह से बदल चुका है। सुरक्षा, सुशासन, समृद्धि और सनातन संस्कृति के क्षेत्र में जो पहचान बनी है उसका एहसास उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरा भारत कर रहा है। उन्होंने कहा कि 8 वर्ष पहले बीमारू राज्य की पहचान रखने वाला उत्तर प्रदेश आज देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बन चुका है।
सीएम योगी ने 2017 से पहले की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि 8 वर्ष पहले उत्तर प्रदेश की पहचान संकट में थी। किसान आत्महत्या कर रहे थे, युवा अपनी पहचान के मोहताज थे, बेटियां और व्यापारी असुरक्षित थे। दंगों और अराजकता ने अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया था। उन्होंने कहा कि उस समय उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य माना जाता था और इसे देश के विकास में बाधक समझा जाता था। लेकिन 8 वर्षों में डबल इंजन सरकार ने इस परसेप्शन को पूरी तरह बदल दिया। आज उत्तर प्रदेश देश के विकास का ब्रेकथ्रू बनकर हर सेक्टर में आगे बढ़ रहा है।
सीएम योगी ने प्रदेश के कृषि क्षेत्र में हुए बदलावों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश प्राचीन काल से कृषि प्रधान रहा है। यहां उर्वर भूमि और जल संसाधन प्रचुर मात्रा में हैं। लेकिन 2017 से पहले किसान आत्महत्या कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने इस स्थिति को बदला। 2017 में पहली कैबिनेट में ही 36,000 करोड़ रुपये की लागत से लघु और सीमांत किसानों की कर्ज माफी की गई। इसके परिणामस्वरूप 2016-17 में 557 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन करने वाला उत्तर प्रदेश 2023-24 में 668 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन तक पहुंच गया, जो 20% की वृद्धि दर्शाता है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 2.61 करोड़ से अधिक किसानों को 80,000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि डीबीटी के जरिए दी गई। 40 वर्षों से लंबित अर्जुन सहायक, बाणसागर और सरयू नहर जैसी परियोजनाओं को पूरा कर 23,000 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई सुविधा दी गई। कृषि विज्ञान केंद्र, नया ऋषि विश्वविद्यालय और टेक्नोलॉजी के उपयोग से धान, गेहूं, दलहन और श्री अन्न में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर पहुंच गया।
गन्ना किसानों के लिए किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा कि 2008-09 से 2017 तक गन्ना किसानों का हजारों करोड़ रुपये बकाया था। हमारी सरकार ने एक भी चीनी मिल बंद नहीं होने दी। तीन नई चीनी मिलें स्थापित कीं, छह का पुनः संचालन किया और 38 का विस्तार किया। वर्ष 2017 से अब तक 2.80 लाख करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान किया गया, जो पिछली सरकारों के 22 वर्षों के भुगतान से 60,000 करोड़ रुपये अधिक है। एथेनॉल उत्पादन 42 करोड़ लीटर से बढ़कर 177 करोड़ लीटर तक पहुंच गया।
सीएम योगी ने कानून-व्यवस्था में सुधार को सबसे बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि 2017 से कि पहले हर तीसरे दिन दंगे होते थे। बेटियां और व्यापारी असुरक्षित थे। लेकिन आज उत्तर प्रदेश में कानून का राज है। उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ का उदाहरण देते हुए कहा कि 45 दिनों के इस आयोजन में कोई छेड़छाड़, लूटपाट या अपहरण की घटना नहीं हुई। वर्ष 2017 में 1.5 लाख पुलिस पद खाली थे। डबल इंजन सरकार ने पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के जरिए 1,56,000 पुलिसकर्मियों की भर्ती की और हाल ही में 60,200 नई भर्तियां की गईं। 10 जनपदों में पुलिस लाइन नहीं थी। हमने सभी जगह पुलिस लाइन बनाईं। ट्रेनिंग क्षमता 6,000 से बढ़ाकर 60,244 कर दी गई। पीएसी की 54 कंपनियां पिछली सरकारों ने खत्म कर दी थीं, जिन्हें बहाल किया गया। तीन महिला बटालियन और पांच नई पीएसी बटालियन गठित की गईं। साइबर थानों और हेल्प डेस्क की स्थापना की गई। पीआरबी 112 का रिस्पांस टाइम 25 मिनट 42 सेकंड से घटकर 7 मिनट 24 सेकंड हो गया। 11 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाकर सेफ सिटी की परिकल्पना को साकार किया गया।
सीएम योगी ने कहा कि नारी की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन संपूर्ण समाज के स्वावलंबन का आधार है। उन्होंने कहा कि 1947 से 2017 तक पुलिस बल में केवल 10,000 महिला पुलिसकर्मी थीं। लेकिन हाल की भर्ती में 12,000 और अब तक 25,000 से अधिक महिलाओं को पुलिस बल में शामिल किया गया। महिला वर्कफोर्स 14% से बढ़कर 35% से अधिक हो गई। मातृ वंदना योजना से 60 लाख माताएं लाभान्वित हुईं। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के तहत 22.11 लाख बेटियों को जन्म से स्नातक तक 25,000 रुपये की सहायता दी गई।
सीएम योगी ने युवाओं के लिए किए गए कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि 2016-17 में बेरोजगारी दर 19% थी, जो आज घटकर 3% रह गई है। उन्होंने कहा कि बीते आठ वर्षों में 8 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गईं। एमएसएमई सेक्टर में 2 करोड़ से अधिक युवा स्वरोजगार से जुड़े। 50 लाख युवाओं को टैबलेट और स्मार्टफोन देकर डिजिटल सक्षम बनाया गया। 96 लाख एमएसएमई यूनिट्स के साथ उत्तर प्रदेश इस क्षेत्र में अग्रणी है। एक जनपद एक उत्पाद योजना ने परंपरागत उद्यमिता को बढ़ावा दिया। निर्यात 86,000 करोड़ से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। 31 मार्च तक 1 लाख नए युवा उद्यमी बनाने का लक्ष्य है, जिसमें 5 लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त और गारंटी मुक्त लोन दिया जा रहा है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत हस्तशिल्पियों को स्किल डेवलपमेंट और टूलकिट्स दी गईं।
सीएम योगी ने शिक्षा क्षेत्र में सुधारों को पत्रकारों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा कि पहले नकल को जन्मसिद्ध अधिकार माना जाता था। आज नकल विहीन परीक्षाएं हो रही हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 50 लाख से अधिक बच्चों की बढ़ोतरी हुई। सभी बच्चों को 1,200 रुपये यूनिफॉर्म, बैग, किताबें, जूते और स्वेटर के लिए दिए जा रहे हैं। स्कूलों में टॉयलेट, पेयजल, डिजिटल लाइब्रेरी और फ्लोरिंग की व्यवस्था की गई। माध्यमिक स्कूलों के लिए अलंकार योजना शुरू की गई। छह कमिश्नरियों में नए राज्य विश्वविद्यालय, मेडिकल यूनिवर्सिटी, आयुष विश्वविद्यालय और एक अतिरिक्त एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। 10 नए विश्वविद्यालय और 21 निजी विश्वविद्यालय स्थापित किए गए। प्रत्येक जनपद में मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग शुरू की गई। अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी छात्रों को 100% स्कॉलरशिप दी जा रही है।
सीएम योगी ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में 6 करोड़ से अधिक गरीबों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाया गया। उन्होंने बताया कि 15 करोड़ लोग पिछले 5 वर्षों से मुफ्त राशन प्राप्त कर रहे हैं। 1.86 करोड़ उज्ज्वला कनेक्शन दिए गए। होली और दीपावली पर मुफ्त सिलेंडर दिए जा रहे हैं। 9 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड दिए गए। 56 लाख गरीबों को आवास उपलब्ध कराए गए। 2017 से पहले 55 लाख निराश्रित महिलाओं, वृद्धजनों और दिव्यांगों को पेंशन मिलती थी। आज यह संख्या 1.06 करोड़ हो गई है। पेंशन राशि 300 से बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दी गई। 2024-25 में 9.08 करोड़ लोगों को 1.10 लाख करोड़ रुपये डीबीटी के जरिए दिए गए, जिससे 10,000 करोड़ रुपये की बचत हुई। नए वित्तीय वर्ष में जीरो पॉवर्टी का लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार कृतसंकल्पित है।
सीएम योगी ने इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में हुई प्रगति को पत्रकारों के समक्ष रखते हुए कहा कि पहले कहा जाता था कि जहां गड्ढे शुरू हो जाएं, समझो उत्तर प्रदेश आ गया। आज यूपी एक्सप्रेसवे का पर्याय बन गया है। उन्होंने कहा कि यूपी में एक्प्रेसवे की प्रगति आप इंटरनेट पर सर्च कर सकते हैं, जवाब मिल जाएगा। आज 6 एक्सप्रेसवे संचालित हैं और 11 पर काम चल रहा है। गंगा एक्सप्रेसवे बनने के बाद देश के 55% एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में होंगे। सबसे बड़ा रेल नेटवर्क उत्तर प्रदेश के पास है। सर्वाधिक मेट्रो संचालन यूपी में हो रहा है। देश की पहली रैपिड रेल दिल्ली-मेरठ के बीच और पहला वॉटरवे हल्दिया-वाराणसी के बीच शुरू हुआ। उन्होंने बताया कि वाराणसी से प्रयागराज और बलिया से अयोध्या तक वॉटरवे की सुविधा बढ़ाई जा रही है। हर जनपद मुख्यालय फोरलेन से जुड़ा है। 2017 में 2 एयरपोर्ट क्रियाशील थे, आज 16 एयरपोर्ट हैं, जिनमें 4 इंटरनेशनल हैं। जेवर में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट जल्द शुरू होगा।
सीएम योगी ने नगरीय विकास पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश के अंदर नगरीय विकास के क्षेत्र में भी व्यापक परिवर्तन देखने को मिले हैं। 2016-17 में देश के 10 सबसे गंदे शहर यूपी के थे। आज 17 म्युनिसिपल कॉरपोरेशन स्मार्ट सिटी बन चुके हैं। इस बार के बजट में हर जिला मुख्यालय की नगर पालिका को स्मार्ट सिटी बनाने की योजना है। लखनऊ, वाराणसी और कानपुर को स्टेट डेवलपमेंट रीजन के रूप में विकसित किया जा रहा है। वाराणसी में देश की पहली रोप-वे सेवा जल्द शुरू होगी।
सीएम योगी ने ऊर्जा क्षेत्र में प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि 1947 से 2017 तक 1,28,494 मजरों तक बिजली पहुंची थी। हमने 8 वर्षों में 1,21,000 मजरों को बिजली दी। उन्होंने कहा कि 2012-17 में 8.44 लाख बिजली कनेक्शन दिए गए, जबकि 2017-24 में 1.65 करोड़ गरीबों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिए गए। ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे, तहसील मुख्यालयों में 20 घंटे और जिला मुख्यालयों में 24 घंटे बिजली दी जा रही है। सीएम योगी ने कहा कि पावर जेनरेशन में 6,000 मेगावाट से बढ़कर 33,000 मेगावाट की आपूर्ति हो रही है। सौर ऊर्जा में 228 मेगावाट से बढ़कर 2,653 मेगावाट उत्पादन हो रहा है। उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड में ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के जरिए 4,000 मेगावाट सोलर पावर की स्थापना हो रही है और अगले 5 वर्षों में 22,000 मेगावाट ग्रीन एनर्जी का लक्ष्य है।
सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास पर चर्चा करते हुए कहा कि 2017 से पहले इज ऑफ डूइंग बिजनेस में यूपी 14वें स्थान पर था। आज टॉप अचीवर स्टेट है। उन्होंने कहा कि 33 सेक्टोरियल पॉलिसी और सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए 500 से अधिक एनओसी एक प्लेटफॉर्म पर दी जा रही हैं। 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक की निवेश परियोजनाएं जमीनी धरातल पर उतारी गईं। सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश निवेशकों के लिए ड्रीम डेस्टिनेशन बन गया है।
सीएम योगी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि 1947 से 2017 तक केवल 12 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। आज 80 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 44 सरकारी हैं। प्रदेश के अंदर इससे पहले नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेज में ताले लटकते थे। ना इंफ्रास्ट्रक्चर था ना फैकल्टी थी, आज प्रदेश के अंदर हर मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज बनाने की कार्यवाही को तेजी के साथ आगे बढ़ने का कार्य हो रहा है। प्रदेश के अंदर हम लोगों ने जो 36 जनपद ऐसे थे जिनमें संचारी रोग में खास तौर पर इंसेफेलाइटिस थे, उत्तर प्रदेश के मासूम तड़प तड़प कर मरते थे आज उस पर प्रभावी नियंत्रण करने में उत्तर प्रदेश में सफलता प्राप्त की है।मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि इंसेफेलाइटिस पर 85% और जापानी इंसेफेलाइटिस पर 99% नियंत्रण हासिल किया गया।
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने टूरिज्म के क्षेत्र में भी एक लंबी छलांग लगाई है। यूपी के अलग-अलग क्षेत्रों में हुए विकास कार्यों का असर यूपी के पर्यटन क्षेत्र में भी देखने को मिला है। “2017 से पहले 21 करोड़ पर्यटक आते थे, उसमें स्पिरिचुअल भी होता था इको टूरिज्म भी होता था हेरिटेज भी होता था और अन्य तमाम आयोजन के साथ भी जुड़ते थे। आज यह संख्या बहुत बड़ी हो चुकी है। 2023 में 67 करोड़ पर्यटक आए। उन्होंने बताया कि प्रयागराज महाकुंभ में भी 67 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे।
सीएम योगी ने कहा कि आज प्रदेश में बिना कुछ बोझ डाले जनता जनार्दन पर कोई भी बिना अतिरिक्त टैक्स लगाए बगैर पिछले 8 वर्ष में हमने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की है। इसके लिए भ्रष्टाचार पर प्रभावी प्रहार किया, लीकेज को रोकना, सोर्स ऑफ इनकम को बढ़ाकर हमने रेवेन्यू बढ़ाया हैं और परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश देश का एक रेवेन्यू सरप्लस स्टेट है। 2017 में यूपी की अर्थव्यवस्था 12.75 लाख करोड़ रुपये थी, जो आज 27.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई। प्रति व्यक्ति आय 46,000 से बढ़कर 1,24,000 रुपये हो गई। उन्होंने बताया कि 2000 से 2017 तक 3,300 करोड़ रुपये का एफडीआई आया, जबकि 2017-24 में 14,808 करोड़ रुपये का एफडीआई आया। बैंकिंग व्यवसाय 12.30 लाख करोड़ से बढ़कर 29.66 लाख करोड़ रुपये हो गया। सीडी रेशियो 46% से बढ़कर 61% हो गया। सीएम योगी ने आरबीआई की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग के लिए फंड आकर्षित करने में 16.2 % हिस्सेदारी के साथ उत्तर प्रदेश से देश के अंदर शीर्ष स्थान पर है। मुंबई स्टॉक में 132 कंपनियों ने केवल उत्तर प्रदेश की है, जो जिन्होंने वहां पर पंजीकरण कराया और जिनका मार्केट कैपिटल 368162 करोड रुपए से अधिक का है। वह प्रदेश के अंदर 2017 तक कुछ 13000 फैक्ट्रियां आज इनकी संख्या इन 8 वर्ष इनकी संख्या बढ़कर के 26900 से अधिक है। यह संख्या बताती है कि उत्तर प्रदेश एक अच्छी दिशा में आगे बढ़ा है
सीएम योगी ने कहा कि खाद्यान्न, गन्ना, आलू, इथेनॉल उत्पादन, इज ऑफ डूइंग बिजनेस, प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग, आयकर रिटर्न, जेम पोर्टल खरीद, कौशल विकास, एमएसएमई, पीएम आवास, उज्ज्वला, स्वामित्व, जन धन, सुरक्षा बीमा और जीवन ज्योति बीमा योजना में यूपी नंबर एक है।
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