नागपुर में हाल ही में भड़की हिंसा के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए साफ-साफ चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि हिंसा में सार्वजनिक संपत्ति को जो नुकसान पहुंचा है, उसकी पूरी भरपाई दंगाइयों से ही होगी। अगर वे नुकसान की राशि नहीं चुकाते, तो उनकी संपत्तियां जब्त की जाएंगी और जरूरत पड़ने पर बुलडोजर भी चलाया जाएगा।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह भी खुलासा किया कि अब तक 104 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और सीसीटीवी फुटेज के जरिए बाकी आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तारियां जारी रहेंगी।
सोशल मीडिया पर भी सख्ती
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों को भी चेतावनी दी। उन्होंने बताया कि अब तक 68 भड़काऊ पोस्ट की पहचान की जा चुकी है और उन्हें हटा दिया गया है। इसके बाद उन्होंने कहा- “जो लोग सोशल मीडिया के जरिए माहौल खराब करने की कोशिश करेंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।”
हिंसा का कारण और अफवाहें
17 मार्च को नागपुर के कई इलाकों में पथराव और आगजनी की घटनाएं हुईं। यह हिंसा उस अफवाह से शुरू हुई कि एक प्रदर्शन के दौरान मजहबी लेख वाली चादर जलाई गई है। प्रदर्शन छत्रपति संभाजी नगर में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर था। जिसके बाद इस्लामिक उन्मादियों ने जमकर उत्पात मचाया। चुन-चुनकर हिन्दू वाहनों मकानों और दुकानों को निशाना बनाया।
वहीं मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस हिंसा को लेकर तमाम अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा- “इसमें न तो किसी विदेशी ताकत का हाथ है, न ही बांग्लादेशी लिंक और न ही कोई राजनीतिक साजिश। यह सिर्फ अफवाहों का नतीजा था।”
इंटेलिजेंस और पुलिस पर सफाई
कुछ लोगों ने हिंसा को खुफिया तंत्र की नाकामी बताया, लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे खारिज करते हुए कहा, “यह इंटेलिजेंस की विफलता नहीं है। हां, सूचना तंत्र को और मजबूत करने की जरूरत जरूर है।” इसके अलावा, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि हिंसा के दौरान महिला पुलिसकर्मियों से छेड़छाड़ हुई। फडणवीस ने इन खबरों को अफवाह करार देते हुए स्पष्ट किया, “महिला पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी हुई थी, लेकिन छेड़छाड़ जैसी कोई घटना नहीं हुई।”
दंगाइयों को सख्त संदेश
फडणवीस ने दो टूक शब्दों में दंगाइयों को चेतावनी दी, “जो लोग इस हिंसा में शामिल हैं, उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। नुकसान की भरपाई नहीं की, तो उनकी संपत्तियां जब्त होंगी और बुलडोजर भी चल सकता है।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस मामले में किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतेगी और कानून अपना काम करेगा।
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