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सत्येंद्र जैन पर 7 करोड़ की रिश्वत का आरोप : जानिए CCTV घोटाले में क्या था AAP सरकार का खेल.?

सत्येंद्र जैन पर 571 करोड़ के सीसीटीवी प्रॉजेक्ट में 7 करोड़ रिश्वत का सनसनीखेज आरोप! एसीबी ने दर्ज की FIR, क्या खुलेंगे दिल्ली सरकार के राज.? पढ़ें पूरी खबर

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SHIVAM DIXIT

नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। दिल्ली की एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने उनके खिलाफ एक नया मुकदमा दर्ज किया है। यह मामला 571 करोड़ रुपये के सीसीटीवी प्रॉजेक्ट में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है, जिसमें जैन पर 7 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का गंभीर आरोप लगा है। दिल्ली सरकार ने 70 विधानसभा सीटों में 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए इस प्रॉजेक्ट को हरी झंडी दी थी, जिसका ठेका भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) को मिला था। लेकिन प्रॉजेक्ट में देरी के कारण बीईएल पर 16 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था। आरोप है कि सत्येंद्र जैन ने रिश्वत लेकर यह जुर्माना माफ कर दिया।

एसीबी के जॉइंट कमिश्नर मधुर वर्मा ने बताया कि यह मामला सबसे पहले एक समाचार रिपोर्ट में उजागर हुआ था, जिसमें दावा किया गया था कि प्रॉजेक्ट के नोडल ऑफिसर सत्येंद्र जैन को 7 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई। इसके बाद एसीबी ने बीईएल के एक अधिकारी से पूछताछ की, जिन्होंने इन आरोपों की पुष्टि करते हुए विस्तृत शिकायत दर्ज की।

23 अगस्त 2019 की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सीसीटीवी इंस्टॉलेशन में देरी के चलते दिल्ली सरकार ने बीईएल पर 16 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका था। लेकिन शिकायत के मुताबिक, न सिर्फ यह जुर्माना माफ कर दिया गया, बल्कि 1.4 लाख अतिरिक्त कैमरे लगाने का ठेका भी बीईएल को ही दे दिया गया। शिकायतकर्ता का कहना है कि 7 करोड़ रुपये की रिश्वत उसी ठेकेदार के जरिए दी गई, जिसे अतिरिक्त कैमरे लगाने का कॉन्ट्रैक्ट मिला।

एसीबी ने दावा किया कि प्रॉजेक्ट को घटिया तरीके से पूरा किया गया और पीडब्ल्यूडी को सौंपे जाने के समय कई कैमरे पहले ही खराब हो चुके थे। एसीबी ने यह भी बताया कि इस केस को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी मंजूरी पहले ही ले ली गई है।

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