होली के अवसर पर तापी जिले के सोनगढ़ में मोरारी बापू की रामकथा का आयोजन किया गया। इस रामकथा में एक स्थानीय शिक्षक ने मोरारी बापू को एक पत्र लिखकर शिकायत की थी कि तापी जिले के स्कूलों में ईसाई शिक्षक छात्रों को गीता का पाठ नहीं पढ़ा रहे हैं। कार्यक्रम में मौजूद शिक्षा राज्य मंत्री प्रफुल पानशेरिया को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने सार्वजनिक मंच से कहा कि गलत इरादे से बच्चों के कोमल मन में धार्मिक ज्ञान भरने की कोशिश करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षक का आरोप-धर्मान्तरण कराने की कोशिश कर रहे ईसाई
राम कथा के दौरान स्थानीय शिक्षक ने बताया कि तापी जिले के कुछ स्कूलों में ईसाई शिक्षक पढ़ाते हैं। शिक्षकों ने पत्र में चिंता व्यक्त की कि ये ईसाई शिक्षक बच्चों को गीता का पाठ पढ़ाने के बजाय धर्मांतरण की शिक्षा दे रहे हैं। शिक्षक ने पत्र में लिखा कि सरकार स्कूलों में गीता का पाठ पढ़ाने की बात करती है, लेकिन तापी में 70 प्रतिशत शिक्षक ईसाई धर्म का पालन करते हैं।
यह सच है कि ये ईसाई शिक्षक बच्चों को गीता का पाठ नहीं पढ़ाते। इस मुद्दे पर कथावाचक मोरारी बापू ने कथा के मंच से कहा कि सरकारी शिक्षक सरकारी वेतन ले रहे हैं और सरकारी नीतियों को आगे नहीं बढ़ा रहे यह ठीक नहीं है। मोरारीबापू ने यह पत्र शिक्षा मंत्री को दिया।
शिक्षा मंत्री ने क्या कहा?
शिक्षा मंत्री प्रफुल पानशेरिया ने धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर अपने भाषण में कहा कि सरकार ने सरकारी स्कूलों में छठी कक्षा से बच्चों को गीता का पाठ पढ़ाने की व्यवस्था की है। राज्य के 90 प्रतिशत स्कूलों में गीता जयंती बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है। शिक्षा मंत्री ने शिक्षा की आड़ में धर्म परिवर्तन कराने वालों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यदि कोई शिक्षक स्कूलों में गलत इरादे से धार्मिक शिक्षा देने का प्रयास करता है, जिससे बच्चों के कोमल मन पर असर पड़ता है, तो ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
भगवान राम को याद करते हुए प्रफुल पानशेरिया ने कहा कि कई संस्कृतियां नष्ट हो गई हैं, लेकिन रामायण और भगवान राम अभी भी लोगों के दिलों में जीवित हैं। कथावाचक मोरारी बापू दुनिया के युवाओं तक राम का नाम पहुंचा रहे हैं, तब लोगों को धर्मांतरण जैसी गतिविधियां बंद कर देनी चाहिए। पानशेरिया ने आरएसएस को याद करते हुए कहा कि हमारा आरएसएस परिवार घर-घर जाकर भगवान राम से बिछड़े हमारे लोगों को वापस भगवान राम के पास लाने का काम कर रहा है। हम बचपन में धार्मिक जागरूकता का काम भी करते थे।
आरएसएस कार्यकर्ता भगवान राम से दूर हो चुके लोगों को फिर से राम से जोड़ने और उनके दिलों में राम की छवि स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने धर्म परिवर्तन करने वालों की घर वापसी के मुद्दे का जिक्र किए बिना ही सभी को संकल्प दिलाते हुए कहा कि सभी को संकल्प लेना चाहिए कि जो लोग भगवान राम से बिछड़ गए हैं, उन्हें फिर से उनसे मिलाने का प्रयास करेंगे।
वर्तमान में स्कूल गीता का पाठ पढ़ाकर हनुमान की भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन यदि कोई शिक्षक दुर्भावनापूर्ण इरादे से बच्चों के कोमल मन में धर्म परिवर्तन की बात करते पाया गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हर किसी को पूजा करने का अधिकार है। हम इसका विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन अगर कोई धर्म परिवर्तन की गतिविधियों में लिप्त पाया गया तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा। सरकार धर्मांतरण की इस हरकत को बर्दाश्त नहीं करेगी।
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