इस्लामी कट्टरपंथ की राह पर चल रहा ईरान लगातार महिलाओं की स्वतंत्रता और उनकी आजादी को कुचलने की कोशिश कर रहा है। वह महिलाओं को बुर्के और हिजाब में रखने के लिए नए-नए पैंतरे अपना रहा है। इसी क्रम में वह सीसीटीवी, ड्रोन कैमरा और नजर ऐप का इस्तेमाल करके यह पता करता है कि किसी महिला हिजाब पहना है या नहीं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी एक रिपोर्ट में इसको लेकर खुलासा किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट कहती है कि महिलाओं की निगरानी करने और उन्हें दंडित करने में सबसे बड़ा खिलाड़ी ‘नजर’ ऐप बनकर उभरा है। इस ऐप को ईरानी सरकार का समर्थन हासिल है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि ईरान ऐसा करके मानवाधिकारों के व्यवस्थित उल्लंघन और मानवता के खिलाफ अपराध है। इसके साथ ही यूएन ने महिलाओं और लड़कियों को टार्गेट करने के लिए ईरानी सरकार की आलोचना की है।
क्या करता है नजर ऐप
यूएन की रिपोर्ट के अनुसार, नजर ऐप के जरिए लोग उन महिलाओं की गाड़ियों के नंबर प्लेट, स्थान औऱ समय तक को अपलोड करके रिपोर्ट कर सकते हैं। इसके बाद फ्लैग करते ही पुलिस को अलर्ट जाता है। जिसके बाद ईरानी सरकार उसके आधार पर हिजाब नहीं पहनने वाली महिला या युवती के खिलाफ एक्शन लेती है।
इस ऐप के अलावा ईरान की इस्लामिक कट्टरपंथी सरकार हिजाब को कड़ाई से लागू करने के लिए इस ऐप के दायरे को बढ़ा दिया है, FARAJA वेब साइट के जरिए कानून के साथ जोड़ दिया। पिछले साल सितंबर में इसकी रेंज बढ़ाकर एंबुलेंस, टैक्सियों के साथ ही सार्वजनिक परिवहन की यात्रा में भी इसे शामिल कर लिया गया है। सार्वजनिक स्थानों पर नियंत्रण और कड़ा हो गया है।
ड्रोन का भी इस्तेमाल
इन सब के अलावा ईरानी सरकार ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही है। इसके जरिए ईरान के इलाकों पर नजर रखी जाती है कि महिलाएँ अनिवार्य हिजाब नियमों का पालन करती हैं अथवा नहीं। इन ड्रोन की तैनाती तेहरान और दक्षिणी क्षेत्रों में की गई है। 2022 में महसा अमिनी की मौत के बाद हुए देशव्यापी प्रदर्शन से ईरानी सरकार डरी हुई है और वह लगातार महिलाओं को कुचलने की कोशिशों में लगी हुई है।
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