विश्‍व भारत की ओर देख रहा है उसे मानवता की दिशा देनी होगी: डॉ. मोहन भागवत
May 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

विश्‍व भारत की ओर देख रहा है उसे मानवता की दिशा देनी होगी: डॉ. मोहन भागवत

के सरसंघचालक श्री भागवत का कहना रहा कि आज के समय में तकनीक समाज के हर क्षेत्र में अपना प्रभाव डाल रही है। हमें टेक्नोलॉजी के लिए एक मानवीय नीति बनानी होगी। उन्होंने कहा कि आधुनिक विज्ञान और तकनीक में जो कुछ गलत है, उसे छोड़ना पड़ेगा और जो अच्छा है, उसे स्‍वीकार कर आगे बढ़ना होगा।

by डॉ. मयंक चतुर्वेदी
Mar 4, 2025, 03:26 pm IST
in भारत
RSS dr Mohan Bhagwat

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक डॉ मोहन भागवत

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

विद्या भारती केवल शिक्षा प्रदान करने का कार्य नहीं करती, बल्कि समाज को सही दिशा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विश्‍व भारत की ओर देख रहा है उसे मानवता की दिशा देनी होगी। शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसे व्यापक दृष्टिकोण से देखना होगा। मानवता को सही दिशा देने के लिए आवश्यक है कि हम अपने कार्य को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना है। परिवर्तन आवश्यक है, क्योंकि संसार स्वयं परिवर्तनशील है, लेकिन यह अधिक महत्वपूर्ण है कि परिवर्तन की दिशा क्या होनी चाहिए। विद्या भारती द्वारा आयोजित पांच दिवसीय पूर्णकालिक कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग 2025 का मंगलवार को विधिवत मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शुभारंभ हुआ है, जिसमें उक्‍त बातें राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत जी ने कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर कहीं।

विद्या भारती विचारों के अनुरूप शिक्षा का केंद्र

डॉ. भागवत ने कहा कि विद्या भारती अपने विचारों के अनुरूप शिक्षा कार्य कर रही है। यह शिक्षा केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह छात्रों के जीवन मूल्यों और संस्कारों का निर्माण भी करती है। उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा का कार्य व्यापक है, जो केवल ज्ञान देने तक सीमित नहीं रह सकता, बल्कि इसका उद्देश्य समाज को नैतिक रूप से समृद्ध बनाना भी है।उन्होंने कहा कि समय के अनुसार परिवर्तन आवश्यक है, लेकिन इसमें निष्क्रिय होकर बैठना उचित नहीं होगा। मानव अपने मस्तिष्क के बल पर समाज में परिवर्तन लाता है और उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह परिवर्तन सकारात्मक हो।

टेक्नोलॉजी की मानवीय नीति आवश्यक

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक श्री भागवत का कहना रहा कि आज के समय में तकनीक समाज के हर क्षेत्र में अपना प्रभाव डाल रही है। हमें टेक्नोलॉजी के लिए एक मानवीय नीति बनानी होगी। उन्होंने कहा कि आधुनिक विज्ञान और तकनीक में जो कुछ गलत है, उसे छोड़ना पड़ेगा और जो अच्छा है, उसे स्‍वीकार कर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने भारत की सांस्कृतिक विशेषता पर जोर देते हुए कहा कि हमें विविधता में एकता बनाए रखनी होगी। भारत की संस्कृति ने हमेशा सभी को जोड़ने का कार्य किया है, और इसे बनाए रखना हमारा कर्तव्य है। सब में मैं हूँ, मुझ में सब हैं डॉ. भागवत ने भारतीय दर्शन के इस मूल विचार को रेखांकित किया कि प्रत्येक व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि वह समाज का अभिन्न अंग है और समाज भी उसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस दृष्टिकोण से हमें अपने कार्यों को संचालित करना चाहिए।

विश्व भारत की ओर देख रहा है

इस दौरान डॉ. भागवत ने यह भी कहा कि आज विश्व भारत की ओर आशा भरी दृष्टि से देख रहा है। भारत ने सदैव सत्य के मार्ग पर चलते हुए अपने मूल्यों को बनाए रखा है, और यह आज भी उतना ही प्रासंगिक है। यदि समाज में परिवर्तन लाना है, तो सबसे पहले व्यक्ति में परिवर्तन लाना होगा। उन्होंने विद्या भारती की इस दिशा में भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि हमें ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित करनी होगी, जो व्यक्ति के चरित्र निर्माण में सहायक हो। उन्होंने कहा कि हमारे प्रयास केवल एक वर्ग या समूह के कल्याण तक सीमित नहीं होने चाहिए, बल्कि हमें संपूर्ण समाज के कल्याण का लक्ष्य रखना होगा। उन्होंने कहा कि हमारी शक्ति और संसाधन केवल अपने लिए नहीं, बल्कि समस्त समाज की उन्नति के लिए समर्पित होने चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में कई विचारधाराएँ हैं और हमें उन लोगों को भी साथ लेकर चलना है जो हमारे विचारों से सहमत नहीं हैं।

उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी का भी मत भिन्न हो सकता है, लेकिन कार्य की दिशा सही होनी चाहिए। डॉ. भागवत का कहना यह भी रहा कि विमर्श का स्वरूप बदलना भी एक महत्वपूर्ण कार्य है। हमें सकारात्मक सोच और रचनात्मक विचारों के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए काम करना चाहिए। सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत ने अपने इस उद्बोधन में यह भी बताया कि शिक्षा केवल पाठ्यक्रम का ज्ञान देने तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि यह समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का माध्यम बननी चाहिए।परिवर्तन आवश्यक है, लेकिन इसकी दिशा सही होनी चाहिए। विविधता में एकता बनाए रखना, तकनीक की मानवीय नीति बनाना और विरोधियों को भी साथ लेकर चलना—ये सभी बातें समाज को एक नई दिशा देने में सहायक होंगी।

उद्घाटन संत्र में विद्या भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष दूसी रामकृष्ण राव जी ने प्रस्तावना रखते हुए कहा कि विद्या भारती के कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण हमारा मुख्य लक्ष्य है, जिससे वे शिक्षा के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकें। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सभी बिंदुओं को सम्मानित करते हुए, संगठन के लक्ष्यों में कुछ नई बातों को जोड़ने का भी प्रावधान किया गया है।

वहीं, विद्या भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष रामकृष्ण राव द्वारा प्रस्तुत भूमिका एवं प्रस्तावना में बताया गया है कि विद्या भारती का मुख्य लक्ष्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करना और शिक्षा को समाज परिवर्तन का माध्यम बनाना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सिद्धांतों को अपनाते हुए, विद्या भारती इस दिशा में अपने दायित्व को निभाते हुए शिक्षा के माध्यम से समाज को सशक्त करने के लिए संकल्पित है। कार्यक्रम में देश भर से अखिल भारतीय पदाधिकारी, क्षेत्रीय अधिकारी के साथ 700 से अधिक कार्यकर्ता, पदाधिकारी उपस्थित हैं।

Topics: Dr. Mohan Bhagwatआरएसएसतकनीकशिक्षाtechnologyRSSमानवताHumanityeducationडॉ. मोहन भागवत
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Colonel Sofiya Qureshi

क्या सच में कर्नल सोफिया कुरैशी के घर हमला हुआ है? जानिए सच्चाई, RSS को बदनाम करने की कोशिश

Uttarakhand RSS

उत्तराखंड: संघ शताब्दी वर्ष की तैयारियां शुरू, 6000+ स्वयंसेवकों का एकत्रीकरण

यह युद्ध नहीं, राष्ट्र का आत्मसम्मान है! : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ऑपरेशन सिंदूर को सराहा, देशवासियों से की बड़ी अपील

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने की ऑपरेशन सिंदूर की प्रशंसा, बताया- ‘पहलगाम के पीड़ितों के लिए न्याय का प्रारंभ’

कक्षा 7 की इतिहास की पाठ्यपुस्तक से ‘मुगलों ‘और ‘दिल्ली सल्तनत’के अध्याय हटा गए

मुगलों का अध्याय खत्म

पद्म सम्मान-2025 : सम्मान का बढ़ा मान

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

भारत के हमले से पाकिस्तान की किराना पहाड़ी पर बने गहरे गड्ढे। माना जाता है कि यहां परमाणु हथियार रखे गए हैं

धूल में मिली धमकी

दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश ने भारत को सौंपे दो आतंकी

सीता राम राधे श्याम मंदिर का विहंगम दृश्य

गयाना में विराजे 16 फीट उंचे बजरंग बली, भारतीय समुदाय में आनंद, उच्चायोग ने प्रतिमा को बताया भरोसे और दोस्ती की निशानी

LICESTOR PUB TURNED TO MOSQUE

ब्रिटेन: लीसेस्टर में लोकप्रिय पब को बना दिया मस्जिद, लोग विरोध ही करते रह गए

Pakistan missile Shaheen

Operation Sindoor के दौरान पाकिस्तान ने परमाणु मिसाइल शाहीन से किया था हमला, भारत के S-400 ने हवा में ही तबाह कर दिया

Portugal embassy Operation Sindoor

पुर्तगाल में भारतीय दूतावास के बाहर पाकिस्तानियों ने किया प्रदर्शन, दूतावास ने कहा-ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ

PM मोदी पर फर्जी आरोपों वाली AI जनित रिपोर्ट वायरल, PIB ने बताया झूठा

डार वहां के विदेश मंत्री वांग यी (दाएं) से मिलकर घड़ियाली आंसू बहाने वाले हैं

भारत से पिटे जिन्ना के देश के विदेश मंत्री इशाक डार आज चीन जाकर टपकाएंगे घड़ियाली आंसू, मुत्तकी से भी होगी बात

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: हाई कोर्ट के सभी जजों को पूर्ण पेंशन का अधिकार

NIA

भुवनेश्वर में खुलेगा एनआईए का कार्यालय, गृह विभाग ने जारी की अधिसूचना

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies