इलाहाबाद विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग में बोलते मनोज कुमार
‘युवाओं में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ रही है, उनमें साहित्य के लिए भी लगाव बढ़ा है। इसलिए अच्छा लिखने के लिए अच्छा पढ़ना और अच्छा बोलने के लिए अच्छा सुनना आवश्यक है।’ ये बात अखिल भारतीय साहित्य परिषद के सह संगठन मंत्री मनोज कुमार ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कही है।
मनोज कुमार विश्वविद्यालय के मास कम्युनिकेशन और पत्रकारिता विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में ‘हाऊ टू अनलॉक पॉवर ऑफ लिटरेचर’ विषय पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे। वह कहते हैं कि बीते कुछ वक्त में देखा गया है कि जो हमारी युवा पीढ़ी है वह साहित्य की ओर आकर्षित हो रही है, हां इस पढ़ाई के माध्यम बदल गए हैं। डिजिटल बुक, ऑनलाइन रीडिंग और ऑडियो बुक जैसे नए माध्यम उभरे हैं, क्यों आधुनिक पीढ़ी नए माध्यमों के जरिए ही साहित्य पढ़ती है।
उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि नए माध्यमों का इस्तेमाल युगानुकूल भी है। पढ़ना क्यों आवश्यक है, इसको लेकर मनोज कुमार कहते हैं कि आत्म संतुष्टि, विचारों की अभिव्यक्ति और विषय को समृद्ध बनाने के लिए पढ़ना आवश्यक है। पढ़ाई में रुचि बनी रहे, इसके लिए आवश्यक है कि विभिन्न कार्यों, चर्चाओं, समीक्षा, पुस्तकों के विमोचन, डिबेट जैसे कार्यक्रमों में शामिल होना चाहिए। इससे विचारों को एक आकार मिलता है।
इसके अलावा पढ़ने की रुचि को बनाए रखने के लिए सबसे पहले पाठक को जिज्ञासापरक नॉवेल, कहानियों आदि को पढ़ना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने इस बात की आवश्यकता पर भी बल दिया जो साहित्य युवाओं को बांधे रख सकें।
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