उत्तर प्रदेश

मुल्ला और मौलवी के बजाय हम बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर और वैज्ञानिक बनाना चाहते हैं- CM योगी

सीएम योगी ने कहा कि भाजपा सरकार अल्पसंख्यक बच्चों को सिर्फ पारंपरिक मदरसों तक सीमित नहीं रखना चाहती, बल्कि उन्हें मुल्ला-मौलवी बनाने की बजाय डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक और साहित्यकार बनने के अवसर भी प्रदान करना चाहती है।

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सुनील राय

विधान परिषद में अपने संबोधन के दौरान सीएम योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी की मानसिकता संकीर्ण है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अल्पसंख्यक बच्चों को केवल पारंपरिक मदरसों तक सीमित नहीं रखना चाहती, बल्कि उन्हें मुल्ला-मौलवी बनाने की बजाय डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक और साहित्यकार बनने का अवसर भी प्रदान करना चाहती है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए कहा कि शिक्षा के आधुनिकीकरण से ही समाज का विकास संभव है। स्कूलों में फ्री एजुकेशन की व्यवस्था की जा रही है। उनका आधुनिकीकरण किया जा रहा है। इसके लिए डबल इंजन की सरकार पैसा उपलब्ध करवा रही है, लेकिन कठमुल्लापन की संस्कृति नहीं चलेगी। डबल इंजन की सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी छात्रों को आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

सीएम योगी ने कहा कि सरकार हर बच्चे को उत्तम शिक्षा प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है, जिससे वे केवल मजहबी शिक्षा तक सीमित न रहें, बल्कि आधुनिक शिक्षा ग्रहण कर समाज के लिए उपयोगी नागरिक बनें। सरकार का उद्देश्य है कि हर बच्चा अपनी योग्यता के आधार पर आगे बढ़े और राष्ट्र के विकास में योगदान दे। बच्चे ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति हैं। उत्तम शिक्षा मिलेगी, अच्छी शिक्षा मिलेगी, आधुनिक शिक्षा मिलेगी बिना भेदभाव के मिलेगी सरकार इसके लिए दिशा में कदम बढ़ा रही है। इसके लिए हर सुविधा से आच्छादित करेगी लेकिन जिसको केवल मजहबी शिक्षा लेनी है वह वहां जाएं लेकिन अच्छा साहित्यकार अच्छा वैज्ञानिक अच्छा गणितज्ञ अच्छा शिक्षक अच्छा इंजीनियर बनने के लिए आधुनिक शिक्षा भी लेनी पड़ेगी। छात्रों को निःशुल्क कोचिंग प्रदान की जा रही है, जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं को लाभ मिल रहा है।

सीएम योगी ने विधान परिषद में विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए थारू जनजाति का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह जनजाति उत्तर प्रदेश-नेपाल सीमा क्षेत्र में निवास करती है, जिसमें महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, गोरखपुर और सोनभद्र जैसे जिले शामिल हैं। उन्होंने विपक्षी सदस्यों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे प्रदेश की जनजातियों और वंचित वर्गों की वास्तविक स्थिति से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं। थारू, मुसहर, गोंड और अन्य वंचित जनजातियों के लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित थे, न उनके पास जमीन के पट्टे थे, न राशन कार्ड, न ही मकान। डबल इंजन की सरकार ने इन सभी जनजातियों को मुख्यधारा में लाने का काम किया है।

सीएम योगी ने कहा कि पिछले साढ़े साथ वर्ष के अंदर हमारी सरकार ने जो कदम उठाए गए हैं उसका परिणाम है कि उत्तर प्रदेश में 6 करोड़ व देश के अंदर 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठकर सामान्य जीवन जीवन यापन कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने अगले तीन वर्षों में 13.5 लाख परिवारों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने का लक्ष्य रखा है। सरकार द्वारा किए गए सर्वेक्षण में ऐसे परिवारों की पहचान की गई है, जिन्हें बुनियादी सुविधाओं से जोड़ा जाएगा और उनकी वार्षिक आय को न्यूनतम 1.25 लाख रुपये तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस दिशा में सरकार पहले चरण का काम पूरा कर चुकी है और इसे आगे और प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा।

सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी के PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) मॉडल पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह केवल एक ढोंग है। उन्होंने ने कहा कि वे केवल दिखावे की राजनीति करते हैं। उन्होंने प्रदेश में इंसेफेलाइटिस जैसी गंभीर बीमारियों से हुई मौतों का जिक्र करते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने इसे नजरअंदाज किया, लेकिन वर्तमान सरकार ने बिना किसी भेदभाव के इसे एक मिशन के रूप में लिया और व्यापक स्तर पर टीकाकरण, स्वास्थ्य सुविधाओं और स्वच्छता कार्यक्रमों के माध्यम से इसे नियंत्रित किया। उन्होंने कहा कि आज यह बीमारी लगभग समाप्त हो चुकी है लेकिन विपक्ष इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं है।

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