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1984 सिख विरोधी दंगों में सज्जन कुमार को आजीवन कारावास, राउज एवेन्यू कोर्ट का फैसला

दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

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Mahak Singh

दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। यह फैसला राउज एवेन्यू कोर्ट की न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने दिया। यह मामला सरस्वती विहार में जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या से जुड़ा है। उस समय सज्जन कुमार बाहरी दिल्ली से सांसद थे। पीड़ित पक्ष ने सज्जन के लिए मृत्युदंड की मांग की थी।

सज्जन कुमार को 12 फरवरी को दोषी ठहराया गया था। वे पहले से तिहाड़ जेल में एक अन्य मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
इससे पहले, 2018 में उन्हें दिल्ली कैंट के पालम कॉलोनी में सिखों की हत्या और गुरुद्वारा जलाने के मामले में आजीवन कारावास की सजा दी गई थी।

1984 में सरस्वती विहार में जसवंत सिंह और उनके बेटे की हत्या दंगाइयों ने की थी, और उन्हें जिंदा जला दिया गया था। 12 फरवरी 2025 को सज्जन कुमार को दोषी ठहराया गया और 25 फरवरी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

1984 सिख विरोधी दंगा

1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या 31 अक्टूबर को हुई। इसके बाद 1 नवंबर 1984 को दिल्ली और अन्य जगहों पर सिख विरोधी दंगे भड़क उठे। दिल्ली में करीब 2700 लोग मारे गए, जबकि पूरे देश में यह संख्या करीब 3500 थी।

इन दंगों की जांच के लिए मई 2000 में नानावटी आयोग का गठन किया गया। 24 अक्टूबर 2005 को सीबीआई ने आयोग की सिफारिशों पर कार्रवाई शुरू की।

1 फरवरी 2010 को ट्रायल कोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार और अन्य को समन जारी किया। लेकिन 30 अप्रैल 2013 को अदालत ने सज्जन कुमार को बरी कर दिया। सीबीआई ने इसके खिलाफ 19 जुलाई 2013 को हाई कोर्ट में अपील की। 22 जुलाई 2013 को हाई कोर्ट ने सज्जन कुमार को नोटिस जारी किया।

17 दिसंबर 2018 को हाई कोर्ट ने सज्जन कुमार को पांच सिखों की हत्या का दोषी पाया और उन्हें उम्रभर की सजा सुनाई। दंगों के 21 साल बाद, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद में माफी मांगी और कहा कि इस घटना से उनका सिर शर्म से झुक गया है।

दिल्ली सरकार ने 17 फरवरी 2025 को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह उन 6 मामलों में बरी हुए आरोपियों के खिलाफ अपील करेगी, जो सिख दंगों से जुड़े थे।

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