देश भर में मनमाने तरीके से संपत्तियों पर कब्जा करने वाले वक्फ बोर्ड (Waqf Board) की अब खैर नहीं। क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार उन अधिकारियों के खिलाफ भी अब एक्शन लेने की तैयारी में है, जो कि लोगों की संपत्तियों को मनमाने तरीके से वक्फ बोर्ड के नाम पर दर्ज करने की कोशिशें करते हैं। ऐसे सभी अधिकारियों को लेकर राज्य सरकार ने 75 जिलों के डीएम से रिपोर्ट मांगी है।
सरकार के इस आदेश के बाद ऐसे अधिकारियों में खलबली मच गई है, जो वक्फ संपत्तियों के लिए काम करते थे। रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में जेपीसी को आकंड़े उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में वक्फ संपत्तियों के सर्वे का जिम्मा जिलाधिकारियों को दिया था, जिसके बाद शासन को सर्वे के बाद भेजी गई रिपोर्ट उन सरकारी संपत्तियों का ब्योरा भी दिया गया था, जिसमें गलत तरीके से वक्फ बोर्ड में संपत्तियां दर्ज हैं। जेपीसी रिपोर्ट के बाद अब राज्य सरकार ने ऐसे अधिकारियों या कर्मचारियों का भी रिकॉर्ड, नाम, पद और सेवा में हैं अथवा सेवानिवृत हो चुके हैं, सारा डाटा मांग लिया है।
हाई कोर्ट भी ऐसे अधिकारियों के खिलाफ एक्शन की बात कह चुका है
वक्फ बोर्ड में संपत्तियां रजिस्टर करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की बात तो इलाहाबाद हाई कोर्ट भी कह चुका है। ऐसे में अब प्रदेश सरकार सख्ती के साथ ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन के मूड में है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वक्फ बोर्ड की तुलना माफिया बोर्ड से करते हुए दो टूक कहा था कि एक-एक इंच जमीन वापस लेंगे।
उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक हैं वक्फ संपत्तियां
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास करीब 2,17,000 संपत्तियां हैं, जबकि उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पास करीब 15,000 संपत्तियां हैं। इनमें से कुल 57,792 सरकारी संपत्तियां हैं, जो वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में अवैध रूप से वक्फ संपत्तियों के रूप में दर्ज हैं। इनका कुल रकबा 11,712 एकड़ है।
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