नई दिल्ली । दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास 6 फ्लैगस्टाफ रोड बंगले के रेनोवेशन में खर्च हुए करोड़ों रुपये की जांच तेज हो गई है। केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) को इस मामले की विस्तृत जांच करने के आदेश दिए हैं। यह जांच भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता की शिकायत के बाद शुरू की गई है।
क्या हैं आरोप..?
- केजरीवाल सरकार ने 40,000 वर्ग गज (8 एकड़) में आलीशान बंगले का निर्माण कराया।
- भवन निर्माण नियमों का उल्लंघन कर राजपुर रोड प्लॉट नंबर 45, 47 और दो अन्य सरकारी संपत्तियों (8-ए और 8-बी, फ्लैग स्टाफ रोड) को मिलाकर सीएम आवास बनाया गया।
- फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) मानकों का उल्लंघन हुआ और बिना उचित लेआउट प्लान के निर्माण किया गया।
- टैक्सपेयर्स के पैसे से महंगे इंटीरियर डेकोरेशन और विलासिता की सुविधाएं जुटाई गईं।
CVC ने क्यों दिए जांच के आदेश..?
भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने 14 अक्टूबर 2024 को सीवीसी में शिकायत दर्ज कराई थी। सीवीसी ने 16 अक्टूबर 2024 को मामले की जांच शुरू की और नवंबर 2024 में इसे सीपीडब्ल्यूडी को सौंप दिया। 13 फरवरी 2025 को सीपीडब्ल्यूडी ने अपनी रिपोर्ट दी, जिसके आधार पर विस्तृत जांच के आदेश दिए गए।
भाजपा का हमला : जनता के पैसे की बर्बादी
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा- “अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी की राजनीति का दावा किया, लेकिन खुद आलीशान बंगले में रहे। जनता के पैसे का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये की फिजूलखर्ची की गई”।
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