चिन्मय कृष्ण दास
बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने के बाद कथित देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए इस्कॉन (ISCKON) संत चिन्मय कृष्ण दास की सुरक्षा और भलाई के लिए हिन्दुओं की ओर से ढाका में एक मार्च निकाला गया। इस दौरान हिन्दुओं ढाकेश्वरी मंदिर में इस्कॉन संत के लिए दीप प्रज्वलित किया। साथ ही आरोप लगाया कि मुहम्मद यूनुस और उनके साथी मिलकर बिना किसी कारण उन्हें कैद में रखकर उनकी हत्या की योजना बना रहे हैं।
ये शांतिप्रिय तरीके से चिन्मय कृष्ण प्रभु के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। ‘वॉयस ऑफ बांग्लादेशी हिन्दूज’ हैंडल के द्वारा हिन्दुओं के इस प्रदर्शन की तस्वीरें भी शेयर की गई है, जिसमें लोग अपने हाथ में बैनर लिए चिन्मय कृष्ण प्रभु के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
मामला कुछ यूं है कि बांग्लादेश में मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा हिन्दुओं पर किए जा रहे हमले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे इस्कॉन संत चिन्मय कृष्ण दास समेत 19 लोगों के खिलाफ पिछले साल अक्तूबर में चटगांव के कोतवाली पुलिस स्टेशन में देशद्रोह का केस दर्ज किया गया था। उनके खिलाफ बांग्लादेश की कट्टरपंथी सरकार बीएनपी के ही एक नेता ने ये एफआईआर दर्ज करवाई थी। आरोप लगाया गया था कि 25 अक्तूबर को हिन्दुओं द्वारा चटगांव के लालदीघी मैदान में उन्होंने जो रैली निकाली थी, उसमें राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया था।
बाद में एक कार्यक्रम से लौटते वक्त चिन्मय कृष्ण दास को एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में इस्कॉन ने भी चिन्मय कृष्ण दास के साथ अपने सारे संबंध तोड़ दिए थे। इसके बाद कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश की कट्टरपंथी सरकार में सहयोगी जमात एक इस्लामी खुलेआम हिन्दुओं की हत्या की धमकियां देता है, लेकिन मजाल है कि कोई उसके खिलाफ एक्शन ले। जबकि, इसके उलट हिन्दुओं पर लगातार किए जा रहे हमले पर सरकार चुप्पी साधे बैठी है।
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