मुंबई । महाराष्ट्र में गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। खडकमवासला में 59 वर्षीय व्यक्ति की इस गंभीर बीमारी से मौत हो गई। इसके साथ ही महाराष्ट्र में GBS से मरने वालों की संख्या बढ़कर 8 हो गई है। वहीं, राज्य में अब तक 203 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 54 मरीज ICU में भर्ती हैं और 20 मरीजों की हालत नाजुक बनी हुई है।
कैसे हो रहीं मौत..?
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के अनुसार, खडकमवासला निवासी 59 वर्षीय व्यक्ति को 10 फरवरी को गंभीर कमजोरी के चलते नवले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मरीज अपने स्थान से हिल भी नहीं पा रहा था। डॉक्टरों ने तत्काल एनसीवी टेस्ट कर प्लाज़्माफेरेसिस उपचार शुरू किया। 11 फरवरी को मरीज को हार्ट अटैक आया, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद गुरुवार तड़के 3:30 बजे उसकी मौत हो गई।
राज्य में 203 मरीजों की पुष्टि, 54 ICU में
महाराष्ट्र राज्य में अब तक 203 GBS मरीज सामने आ चुके हैं। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार इनमें से 109 मरीज पूरी तरह ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। वहीं 54 मरीज अभी भी ICU में भर्ती हैं, जबकि 20 वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।
क्या है GBS..? कैसे होती है ये बीमारी…?
गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति का प्रतिरक्षा तंत्र (Immune System) गलती से अपने नर्वस सिस्टम (तंत्रिका तंत्र) पर हमला करने लगता है। इससे मांसपेशियों में कमजोरी, चलने-फिरने में दिक्कत और लकवे जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं।
GBS के लक्षण :
- अचानक हाथ-पैर में झुनझुनी या कमजोरी महसूस होना
- चलने में परेशानी या संतुलन खोना
- बोलने और निगलने में कठिनाई
- शरीर तेजी से लकवाग्रस्त होना
- सांस लेने में दिक्कत (गंभीर मामलों में वेंटिलेटर की जरूरत)
- हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव
GBS से बचाव और इसका उपचार
अभी GBS के कारणों का पूरी तरह पता नहीं चल पाया है, लेकिन यह अक्सर वायरल संक्रमण, डेंगू, चिकनगुनिया या बैक्टीरियल इंफेक्शन के बाद देखा जाता है। इसका कोई निश्चित इलाज नहीं है, लेकिन कुछ उपचारों से इसे नियंत्रित किया जा सकता है. जैसे कि…
- इम्यूनोग्लोबुलिन थेरेपी (IVIG) : इम्यून सिस्टम को शांत करने के लिए
- प्लाज़्माफेरेसिस (Plasmapheresis) : खून से हानिकारक एंटीबॉडी निकालने के लिए
- फिजियोथेरेपी : मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने के लिए
- वेंटिलेटर सपोर्ट : गंभीर मरीजों के लिए
सतर्क रहें, लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से मिलें
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। यदि किसी को अचानक मांसपेशियों में कमजोरी, झुनझुनी या चलने-फिरने में दिक्कत हो रही हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय रहते इलाज मिलने से GBS से पूरी तरह ठीक होना संभव है।
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