उत्तराखंड

UCC पर एतराज,  कुछ मुस्लिम संगठनों ने किया हाई कोर्ट का रुख, दूसरी तरफ मुस्लिम दंपत्ति करवा रहे पंजीकरण

ट्रिपल तलाक मामले में पीड़िता रही सायरा बानो ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को लागू करने का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे मुस्लिम महिलाओं को बराबरी का हक मिलने जा रहा है जिसके लिए उन्होंने सदियों से रूढ़िवादी परम्पराओं से संघर्ष किया है।

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दिनेश मानसेरा

देहरादून: एक तरफ मुस्लिम सेवा संगठन और जमीयत उलेमा ए हिंद जैसे संगठन राज्य में समान नागरिक संहिता लागू किए जाने के खिलाफ नैनीताल हाई कोर्ट में अर्जी लगा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हरिद्वार जिले में मुस्लिम दंपत्ति ने यूसीसी पोर्टल पर अपना निकाह पंजीकरण करवाया है।

ट्रिपल तलाक मामले में पीड़िता रही सायरा बानो ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को लागू करने का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे मुस्लिम महिलाओं को बराबरी का हक मिलने जा रहा है जिसके लिए उन्होंने सदियों से रूढ़िवादी परम्पराओं से संघर्ष किया है। हरिद्वार जिले में खानपुर क्षेत्र के रहने वाले मुस्लिम दंपत्ति ने यूसीसी पोर्टल पर अपने निकाह का पंजीकरण करवाया है। जानकारी के अनुसार बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय से लोग अपने विवाह का पंजीकरण करवा रहे हैं।

मुस्लिम संगठन कर रहे विरोध

जमीयत मौलानाओं के बिगड़े बोल भी सामने आ रहे हैं। यूपी के सहारनपुर जिले के देवबंद से जमीयत उलेमा ए हिंद, दारुल उलूम ए हिंद, मुस्लिम सेवा संगठन जैसी संस्थाएं, उत्तराखंड में लागू यूसीसी का विरोध करने पर तुली हुई है। जमीयत उलेमा ए हिंद के सदर मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि उनकी संस्था द्वारा नैनीताल हाई कोर्ट में उत्तराखंड यूसीसी के खिलाफ याचिका दायर की है जिसकी अगले हफ्ते तक सुनवाई होगी। एक अन्य मुस्लिम व्यक्ति की याचिका में हाई कोर्ट ने सरकार से छह हफ्तों में जवाब मांगा है।

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मौलाना मदनी ने कहा है कि देश की अदालतें ही हमारा आखिरी सहारा हैं जो कि देश में धर्म निरपेक्ष व्यवस्था को लागू कर सकती है। उन्होंने कहा कि यूसीसी देश के अखंडता के लिए घातक है।

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