समृद्ध ग्रामीण भारत का खाका
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

समृद्ध ग्रामीण भारत का खाका

बजट में कृषि और किसान ही नहीं, गांवों को इस तरह विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है कि ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार सहित सभी सुविधाएं मिलें और उन्हें आजीविका के लिए शहरों को पलायन नहीं करना पड़े

by उमेश्वर कुमार
Feb 10, 2025, 01:48 pm IST
in भारत, विश्लेषण
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

बजट 2025-26 में कृषि क्षेत्र को विकास का प्रथम इंजन बताते हुए खेती-किसानी और किसानों पर खास ध्यान दिया गया है। बजट में कृषि और किसानों के विकास का खाका इस तरह से तैयार किया गया है कि किसानों की आय बढ़े और राजकोष पर कोई दबाव भी न आए। सरकार का लक्ष्य है कि गांवों का विकास इस तरह से हो कि ग्रामीणों को जीवनयापन के लिए शहरों को रुख न करना पड़े, बल्कि उन्हें स्थानीय स्तर पर ही सारी सुविधाएं मिलें। केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में तेलुगु कवि और नाटककार गुराजादा अप्पा राव के इस प्रसिद्ध कथन का उल्लेख किया कि कोई देश केवल उसकी मिट्टी से नहीं है, बल्कि देश उसके लोगों से है। इस लक्ष्य के अनुरूप उन्होंने विकसित भारत के 6 व्यापक सिद्धांतों का उल्लेख किया, जिनमें देश को ‘फूड बास्केट आफ वर्ल्ड’ बनाने वाले किसानों के प्रमुख स्थान दिया गया है।

100 जिलों पर जोर

विकसित भारत के लक्ष्य को पाने में कृषि को पहला इंजन बताया गया है। कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ की घोषणा की गई है, जो 100 जिलों को कवर करेगी। योजना का उद्देश्य कम उत्पादकता वाले जिलों में उत्पादन बढ़ाने, फसल विविधता अपनाने, फसल भंडारण बढ़ाने, सिंचाई सुधार, दीर्घ व लघु अवधि के लिए ऋण उपलब्धता बढ़ाने पर जोर दिया गया है।

उमेश्वर कुमार
वरिष्ठ पत्रकार

इस योजना को राज्यों के साथ साझेदारी में लागू किया जाएगा, जिससे लगभग 1.7 करोड़ किसानों के लाभान्वित होने की उम्मीद है। ग्रामीण समृद्धि और लचीले कार्यक्रम के माध्यम से कृषि में रोजगार बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। फसल विविधता अपनाने से किसानों की आय बढ़ेगी, जबकि कृषि के टिकाऊ तरीके अपनाने से पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा और खेतों की उर्वरा शक्ति भी बनी रहेगी।

माइक्रो सिंचाई पर जोर दिया जाएगा, जिससे कि भू-जल स्तर भी न गिरे। इसी तरह, भंडारण सुविधा न होने के कारण फसल का एक बड़ा हिस्सा बर्बाद हो जाता है। इस बर्बादी को रोकने के लिए ब्लॉक और पंचायत स्तर पर भंडारण की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी। ­इसके अलावा, सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के तहत ऋण सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का भी प्रस्ताव रखा है। इसकी प्रक्रिया को भी सरल और सुलभ बनाया गया है। इससे करोड़ों किसानों को फायदा होगा। समय पर बकाया भुगतान करने वाले किसानों को क्रेडिट कार्ड से मात्र 4 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण दिया जाता है। किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने और खेती से जुड़े खर्चों को आसानी से पूरा करने में किसान के्रडिट कार्ड अहम भूमिका निभा रहा है।

गांवों की बदलेगी सूरत

गांवों में आजीविका की समुचित व्यवस्था नहीं होने से शहरों की ओर पलायन एक बड़ा मुद्दा रहा है। इस स्थिति में बदलाव तभी आएगा, जब स्थानीय स्तर पर रोजगार के ढेरों विकल्प हों। इस बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के प्रावधान किए गए हैं। राज्यों के साथ कौशल प्रशिक्षण, कृषि में प्रौद्योगिकी, निवेश आदि के जरिए अनुकूल स्थितियां तैयार करने पर जोर दिया जाएगा, ताकि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित हों। इस परियोजना में ग्रामीण महिलाओं, युवा किसानों, ग्रामीण युवाओं, सीमांत और छोटे किसानों के साथ भूमिहीन परिवारों पर खास ध्यान दिया जाएगा।

दालों में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य

भारत दालों का सबसे बड़ा उत्पादक (वैश्विक उत्पादन का 25%) और उपभोक्ता (वैश्विक खपत का 27%) है, फिर भी घरेलू मांग की पूर्ति के लिए दालों का आयात करना पड़ता है। इस बार बजट में सरकार ने 2029 तक आयात निर्भरता समाप्त कर दलहन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एक मिशन शुरू करने की घोषणा की है। इस 6 वर्षीय मिशन के लिए 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस मिशन के तहत, सरकार तुअर (अरहर), उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान देगी। केंद्रीय एजेंसियां जैसे-नेफेड और एनसीसीएफ अगले चार वर्ष तक पंजीकृत किसानों से दालों की खरीद करेंगी।

सब्जी, फल और कपास

बजट में सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम हेतु उपायों की भी अवधारणा तैयार की गई है। कृषि और इससे संबंधित गतिविधियों को व्यापक स्तर पर प्रोत्साहन देने के लिए अन्य उपायों के साथ कपास उत्पादकता के लिए 5 वर्षीय अभियान चलाया जाएगा। कृषि के क्षेत्र में पैदावार बढ़ाने के बहुविध उपाय किए जाएंगे। राष्ट्रीय मिशन बेहतर बीज तैयार करेगा, जिसमें इस बात का खास ध्यान रखा जाएगा कि बीज मौसम के हिसाब से बेहतर उपज दें। साथ ही, पूर्वोत्तर में निष्क्रिय पड़े तीन यूरिया संयंत्रों को फिर से चालू किया जाएगा। यही नहीं, यूरिया की आपूर्ति बढ़ाने के लिए असम में एक और संयंत्र स्थापित किया जाएगा, जिसकी सालाना उत्पादन क्षमता 12.7 लाख मीट्रिक टन होगी।

मछुआरों के लिए विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र

समुद्री क्षेत्र की अप्रयुक्त संभावनाओं के द्वार खोलने के लिए सरकार अंदमान-निकोबार तथा लक्षद्वीप जैसे द्वीपों पर विशेष ध्यान देने के साथ भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र और गहरे समुद्र में मछली पकड़ने को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल फ्रेमवर्क लाएगी। वित्त मंत्री ने बजट में कहा है कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए विनिर्माण मिशन नीति समर्थन और विस्तृत ढांचे के माध्यम से छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगों को कवर करेगा। भारत मछली उत्पादन और जलीय कृषि के क्षेत्र में विश्व भर में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। समुद्री खाद्य निर्यात का मूल्य 60 हजार करोड़ रुपये है। मछुआरों के लिए भी किसान के्रडिट कार्ड की सीमा 5 लाख रुपये होगी।

बिहार में बनेगा मखाना बोर्ड

बजट में बिहार के मखाना किसानों के लिए एक बड़ी घोषणा की गई है। मखाना यानी फॉक्सनट के उत्पादन, प्रसंस्करण, वैल्यू एडिशन और मार्केटिंग में सुधार के लिए बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित किया जाएगा। इस काम में लगे लोगों को किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के रूप में संगठित किया जाएगा। वर्षों तक यह उत्पाद उपेक्षा का शिकार रहा, जबकि पोषकता के मामले में इसे सुपरफूड माना जाता है। कैल्शियम और कई खनिजों से भरपूर मखाना का उत्पादन अब देश के दूसरे हिस्सों के साथ विदेशों में भी होने लगा है। सरकार के इस कदम से मखाना और इसके उत्पादकों के लिए संभावनाओं के नए द्वार खुलेंगे। एफपीओ इसे नई ऊंचाई पर ले जाएगा। मखाना बोर्ड किसानों को आधुनिक और जैविक खेती के लिए प्रशिक्षित भी करेगा और उन्हें बेहतर बाजार और निर्यात के अवसर उपलब्ध कराएगा। बोर्ड मखाना के पोषण और स्वास्थ्य लाभ के बारे में जागरूकता अभियान भी चलाएगा। इस तरह यह बोर्ड मखाना किसानों की आय बढ़ाने और इस पारंपरिक फसल को वैश्विक स्तर पर प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

Topics: Rural Prosperityपाञ्चजन्य विशेषFarmer Credit Cardबजट 2025-26 में कृषि क्षेत्रCrop Diversificationकिसानों पर खास ध्यानSelf-sufficiency in Pulsesगांवों की बदलेगी सूरतVegetable and Fruit Programsमछुआरों के लिए आर्थिक क्षेत्रCotton Productivity Campaignबिहार में मखाना बोर्ड Budget 2025-26 will focus on agriculture sectorFisheries Sector DevelopmentMakhana Board in BiharIndia Budget 2025-26 Agriculture Sector Development DetailsIndia 2025-26 BudgetAgriculture DevelopmentPM Dhan-Dhany Kisan Yojanaआत्मनिर्भरता
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

मजहबी ममदानी

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस: छात्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण का ध्येय यात्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

India democracy dtrong Pew research

राहुल, खरगे जैसे तमाम नेताओं को जवाब है ये ‘प्‍यू’ का शोध, भारत में मजबूत है “लोकतंत्र”

कृषि कार्य में ड्रोन का इस्तेमाल करता एक किसान

समर्थ किसान, सशक्त देश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मजहबी ममदानी

फोटो साभार: लाइव हिन्दुस्तान

क्या है IMO? जिससे दिल्ली में पकड़े गए बांग्लादेशी अपने लोगों से करते थे सम्पर्क

Donald Trump

ब्राजील पर ट्रंप का 50% टैरिफ का एक्शन: क्या है बोल्सोनारो मामला?

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies