Waqf Amendment act-2024: वक्फ संशोधन विधेयक-2024 को लेकर विपक्ष की सियासत के बीच जेपीसी ने इसके संसोधन को स्वीकार कर लिया है। इसकी रिपोर्ट भी लोकसभा स्पीकर को सौंप दी गई है। इस पर खुशी जाहिर करते हुए दिल्ली स्टेट वक्फ हज कमेटी की चेयरमैन कौसर जहां ने कहा कि अब जल्द ही वक्फ बोर्ड एक पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त संस्था बनेगी।
वक्फ संशोधन विधेयक को JPC की मंजूरी मिल गई है। मुझे खुशी है कि वक्फ संशोधन की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ा । जल्द ही संसद में भी इन सुधारों पर मुहर लगेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में वक़्फ़ बोर्ड एक पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त और सभी वर्गों के प्रतिनिधत्व वाली… pic.twitter.com/xZKKwiEXLu
— Kausar Jahan (@Kausarjahan213) January 27, 2025
इसको लेकर कौसर जहां ने एक्स के जरिए कहा, “वक्फ संशोधन विधेयक को JPC की मंजूरी मिल गई है। मुझे खुशी है कि वक्फ संशोधन की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ा। जल्द ही संसद में भी इन सुधारों पर मुहर लगेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में वक़्फ़ बोर्ड एक पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त और सभी वर्गों के प्रतिनिधत्व वाली संस्था बन जाएगी। देश को वाक़ई में इन सुधारों का इंतज़ार है।”
जेपीसी स्वीकार कर चुकी है वक्फ बिल सुधारों को
गौरतलब है कि जेपीसी ने वक्फ बिल को लेकर 14 सुधारों को मंजूर कर लिया है। इसके तहत जेपीसी ने राज्य वक्फ बोर्डों में 4 गैर मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का आह्वान किया है। वक्फ बोर्ड के मामले में राज्य सरकार के ऊपर के स्तर के अधिकारी को राज्य सरकार जांच के लिए नामित कर सकती है। समिति ने दाउदी बोहरा और आगाखानी मुस्लिमों को वक्फ बोर्डों के अधिकार क्षेत्र से बाहर रखने के लिए एक संशोधन को भी अपनाया है। ऐसा इसलिए, क्योंकि अधिकतर निकाय सुन्नी मुस्लिम बहुल हैं।
क्या है खास
- मुस्लिम होने का दावा करने वाला व्यक्ति अगर अपनी संपत्ति वक्फ को दान करना चाहता है, तो उसे सबूत पेश करने होंगे कि वो कम से कम 5 साल से इस्लाम का पालन करता आ रहा है।
- वक्फ से संबंधित विवादों की जांच के लिए राज्य सरकार कलेक्टर रैंक से ऊपर के अधिकारी को सौंप सकती है।
- विधवाओं और अनाथों के लिए कल्याणकारी उपायों पर फैसले के लिए वक्फ बोर्डों को कानून द्वारा अनिवार्य करने की जगह अनुमति देने का प्रस्ताव।
- वक्फ बोर्ड काउंसिल में कम से कम दो मुस्लिमों का होना अनिवार्य है, यह केंद्र या राज्य द्वारा तय अधिकारी से अलग होगा।
- किसी भी प्रकार की विवादित संपत्तियों को दान नहीं किया जा सकेगा।
- वक्फ ट्रिब्युनल में तीन सदस्य होंगे, तीसरा इस्लामिक स्कॉलर होगा।
उल्लेखनीय है कि मुस्लिम संगठनों ने जिलाधिकारी को जांच अधिकारी बनाने का विरोध किया था। मुस्लिमों का कहना था कि जिला कलेक्टर राजस्व अभिलेखों के प्रमुख होते हैं, ऐसे में उनके द्वारा निष्पक्ष जांच की आशा नहीं की जा सकती।
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