School locked: पंजाब में शिक्षा व्यवस्था पर आम आदमी पार्टी का झाड़ू फिर चुका लगता है, इस सफाचट शिक्षा व्यवस्था का हाल यह है कि परेशान हो कर बच्चों के अभिभावक स्कूलों पर ताले जड़ने लगे हैं। पटियाला के समाना के गांव दुल्लड का सरकारी स्कूल इस व्यवस्था का सैंकड़ों प्रमाणों से एक सबूत है।
हैरानी की बात ये है कि स्कूल में सिर्फ एक ही अध्यापक है। एक अध्यापक के जिम्मे यह पूरा स्कूल है। दूसरी तरफ पंजाब सरकार का दावा है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों का दाखिला प्रतिशत बढ़ाने के लिए बड़े स्तर पर काम किया जा रहा है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
एक रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि पंजाब में अब भी बच्चों के दाखिले के लिए अभिभावकों की पहली पसंद निजी स्कूल हैं। हो भी क्यों न… क्योंकि समाना के गांव दुल्लड़ जैसे सूबे में और भी स्कूल हैं। गांव दुल्लड़ स्थित सरकारी प्राइमरी स्कूल में अध्यापकों की कमी के चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसी से गुस्साए बच्चों के अभिभावकों ने बुधवार को नौजवान भारत सभा की अगुवाई में स्कूल के गेट को ताला लगा दिया और सरकार के खिलाफ रोष जताया। लोगों ने कहा कि स्कूल में जल्द से जल्द अध्यापकों की नियुक्ति की जाए। वर्ना संघर्ष को तेज किया जाएगा।
नौजवान भारत सभा के नेता दविंदर छबीलपुर और गांव वालों के मुताबिक, इस स्कूल में वर्तमान में गरीब परिवारों के करीब 100 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। लेकिन, उनको पढ़ाने के लिए स्कूल में केवल एक अध्यापक है। जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इस मसले को कईं बार जिला अधिकारियों के संज्ञान में लाया जा चुका है। उनकी तरफ से अध्यापकों की जल्द भर्ती का भरोसा दिलाए जाने के बावजूद अभी तक समस्या का हल नहीं हो सका है। मजबूर होकर गांव वालों को यह कदम उठाना पड़ा है। बच्चों के अभिभावकों की सरकार व प्रशासन से मांग है कि जल्द स्कूल में अध्यापकों की नियुक्ति की जाए।
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सिर्फ एक टीचर वाले 2092 स्कूल
रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के 2092 स्कूल एक ही टीचर के साथ चल रहे हैं। हालांकि इन स्कूलों में बच्चों की संख्या अधिक है। शैक्षणिक सत्र 2023-24 के दौरान इन स्कूलों में 69,532 बच्चों ने दाखिला है। 15 स्कूल ऐसे हैं, जिसमें एक भी बच्चे ने दाखिला नहीं लिया। इन स्कूलों में शिक्षकों की संख्या 35 है। पंजाब में मिशन समर्थ भी लागू किया है, जिसका मकसद स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है। अभियान के तहत सभी बच्चों को साथ लेकर चलना है, ताकि पढ़ाई में कोई भी पीछे न छूटे। खासकर पंजाबी, अंग्रेजी व गणित में पकड़ मजबूत बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। विद्यार्थियों को दोनों भाषाओं में कम से कम पढ़ सकने और गणित के साधारण सवालों को हल करने में सक्षम बनाया जा रहा है। हैरानी की बात है कि इतनी बदहाली में भी आम आदमी पार्टी पंजाब की शिक्षा व्यवस्था को लेकर बगलें बजा रही है।
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