भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ते तनाव के बीच सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। नदिया जिले के मझदिया क्षेत्र में स्थित एक बगीचे से तीन भूमिगत बंकरों का पता चला है। ये बंकर भारत-बांग्लादेश सीमा के पास छिपे हुए थे और कथित तौर पर तस्करी के लिए बनाए गए थे। इन बंकरों से फेंसेडिल कफ सिरप की 62,200 बोतलें बरामद हुई हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 1.5 करोड़ रुपये है।
बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर द्वारा चलाए गए इस ऑपरेशन का सूत्र एक गुप्त सूचना था, जिसके आधार पर माजदिया के नागहाटा इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया। भारतीय सीमा पर पेट्रोलिंग बढ़ाने और बांग्लादेश से अवैध तस्करी को रोकने के लिए बीएसएफ ने यह सर्च अभियान तेज किया था। इन बंकरों की पहचान होने से भारतीय सेना ने तस्करों के मंसूबों पर पानी फेर दिया और इलाके में सर्च ऑपरेशन का दायरा बढ़ा दिया।
भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में लगातार खटास आ रही है, खासकर पिछले कुछ वर्षों से। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, बांग्लादेशी नागरिकों का भारत में अवैध प्रवेश और सीमा पर तस्करी की गतिविधियां बढ़ी हैं। भारतीय सीमा सुरक्षा बल इन गतिविधियों को रोकने के लिए लगातार मुस्तैद है, जिससे तस्करी के प्रयासों में रुकावट आ रही है। इस तस्करी के माध्यम से प्रतिबंधित कफ सिरप, मवेशी, और अन्य सामान भारत से बांग्लादेश भेजे जा रहे थे। बीएसएफ के सख्त निगरानी के कारण अब तस्करों के लिए इन पदार्थों को सीमा पार करना मुश्किल हो गया है।
बीएसएफ की सफलता
इन बंकरों की पहचान और उनकी खोज सीमा सुरक्षा बल की लगातार मेहनत और सजगता का परिणाम है। यह बंकर भारतीय सेना को चकमा देने के लिए बनाए गए थे, लेकिन बीएसएफ की सतर्कता ने तस्करों के मंसूबों को नाकाम कर दिया। बीएसएफ अब यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि इलाके में और कोई बंकर या तस्करी का सामान न हो।
बीएसएफ के अधिकारियों का मानना है कि ये बंकर बांग्लादेश में तस्करी के लिए बनाए गए थे, लेकिन अब भारत-बांग्लादेश सीमा पर कड़ी निगरानी के कारण तस्करी के प्रयास असफल हो गए हैं। इस दौरान, पुलिस ने तस्करी गिरोह के सदस्यों को पकड़ने के लिए अपनी जांच शुरू कर दी है, जो इन बंकरों का निर्माण और कफ सिरप की आपूर्ति कर रहे थे।
आगे की कार्रवाई
बीएसएफ ने इस सफलता के बाद अपने सर्च ऑपरेशन को तेज कर दिया है और इलाके में और बंकरों की तलाश शुरू कर दी है।
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