महाकुम्भ नगर । विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक आज महाकुम्भ मेला क्षेत्र के सेक्टर 18, ओल्ड जी टी रोड स्थित भरद्वाज आश्रम के वेदव्यास सभागार में सम्पन्न हुई। इस बैठक में देश के प्रमुख संतों की उपस्थिति दर्ज की गई, जिन्होंने हिन्दू समाज की विभिन्न चुनौतियों और आवश्यकताओं पर विचार किया। वहीं अंत में जय श्रीराम के उद्घोष के साथ बैठक संपन्न हुई।
यह बैठक विहिप की वैधानिक इकाई के रूप में कार्य करने वाले केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल के नेतृत्व में हुई, जिसमें देशभर के प्रमुख संत सम्मिलित हुए। इस बैठक के उपरांत आयोजित पत्रकार वार्ता में संत जगतगुरु आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि जी, अध्यक्षता कर रहे आचार्य महामंडलेश्वर विशोकानंद जी, विहिप के केंद्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार जी और महामंत्री बजरंग लाल बागड़ा जी ने विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की और समाज को मार्गदर्शन दिया।
बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय
1. मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने का आह्वान
संतों ने हिन्दू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए जागरण अभियान शुरू करने की घोषणा की। यह अभियान विजयवाड़ा के बड़े सभा से आरंभ हो चुका है। संतों का कहना है कि मंदिरों का प्रबंधन आस्था रखने वाले भक्तों को सौंपा जाना चाहिए और मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण स्थापित करने वाले सभी कानून हटाए जाने चाहिए।
2. हिन्दू समाज की घटती जन्मदर पर चिंता
संतों ने हिन्दू जनसंख्या में हो रहे असंतुलन पर गंभीर चिंता व्यक्त की। मार्गदर्शक मण्डल ने आह्वान किया कि हर हिन्दू परिवार कम से कम तीन बच्चों को जन्म दे, ताकि समाज में संतुलन बना रहे और हिन्दू समाज के अस्तित्व की रक्षा हो सके।
3. वक्फ बोर्ड के अधिकारों पर नियंत्रण
संतों ने वक्फ बोर्ड के निरंकुश और असीमित अधिकारों पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित कानून सुधार का स्वागत किया। मण्डल ने सभी सांसदों से इस विधेयक का समर्थन करने का आग्रह किया, ताकि इसे शीघ्र ही कानून का रूप दिया जा सके।
4. अयोध्या, मथुरा और काशी के लिए प्रतिबद्धता
1984 की धर्म संसद से शुरू हुए आंदोलन के प्रति संतों ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने स्पष्ट किया कि अयोध्या, मथुरा और काशी के मंदिरों की प्राप्ति के लिए संत समाज, हिन्दू समाज, विहिप और संघ भविष्य में भी दृढ़ संकल्प के साथ काम करता रहेगा।
5. सामाजिक और राष्ट्रीय उत्थान के लिए आह्वान
संतों ने सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, हिन्दू संस्कारों का प्रचार-प्रसार, सामाजिक कुप्रथाओं के उन्मूलन और राष्ट्रीय चरित्र के निर्माण के लिए समाज से आह्वान किया। उन्होंने कुटुंब प्रबोधन और आत्मबोध को नागरिकों के कर्तव्यों के रूप में अपनाने पर बल दिया।
इस बैठक में जिनका मार्गदर्शन प्राप्त हुआ उसमें प्रमुख रूप से जगतगुरु शंकराचार्य वासुदेवानन्द सरस्वती जी, आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानन्द गिरि जी, आचार्य महामंडलेश्वर विशोकानन्द जी, महामंडलेश्वर विश्वात्मानन्द भारती जी, महामंडलेश्वर बालकानन्द जी, स्वामी चिदानंद मुनि जी, स्वामी राजेंद्र देवाचार्य जी, स्वामी कौशल्यानन्द गिरि जी, स्वामी अश्विलेश्वरानन्द जी, स्वामी हरिहरानन्द जी, श्री महंत निर्मोही अखाड़ा राजेंद्र दास जी, पूज्य महंत रविन्द्र पूरी जी महानिर्वाणी, पूज्य महामंडलेश्वर चूड़ामणि जी भोपाल, पूज्य महामंडलेश्वर जितेंद्रानंदजी महामंत्री, संत समिति, पूज्य परमात्मानंद जी, महामंत्री आचार्य सभा, नामधारी से पूज्य उदय सिंह जी महाराज, पूज्य बालयोगी उमेश्नाथ जी महाराज, महामंडलेश्वर पूज्य आत्मानंद जी नेपाल, पूज्य संग्राम सिंह जी, आन्ध्र प्रदेश, पूज्य केवलानंद जी सरस्वती, आन्ध्र प्रदेश, पूज्य भास्कर गिरि जी, देवगढ़, पूज्य बाबू सिंह जी, बंजारा समाज आदि उपस्थित रहें ।
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