वक्फ बोर्ड अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। महाकुंभ में वक्फ बोर्ड के दावे को लेकर पहले से ही विरोध हो रहा है, लेकिन अब बोर्ड ने लखनऊ के हुसैनाबाद स्थित प्रसिद्ध गोपेश्वर महादेव मंदिर पर अपना दावा ठोंक दिया है। बोर्ड ने कहा है कि ये मंदिर उसकी संपत्ति पर बना है।
जी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर के पास वक्फ बोर्ड ने अपना बोर्ड भी लगा दिया है। मंदिर के पुजारी का कहना है कि वो इस मंदिर में पिछले 35 वर्षों से पूजा कर रहे हैं। वहीं इस मामले में शिया धर्मगुरू शैफ अब्बास ने तो एक कदम आगे बढ़ते हुए पूरे हुसैनाबाद को ही वक्फ की संपत्ति करार दिया है। अब्बास का कहना है कि हिन्दुओं ने ये मंदिर वक्फ की संपत्ति पर बनाया है। ये संपत्ति शहान ए अवध की जमीन थी, इसलिए इस पर किसी तरह के भेदभाव की बात नहीं है।
शेख अब्बास ने मंदिर की संपत्ति को वक्फ की संपत्ति करार दिया। लोगों का कहना है कि वक्फ बोर्ड इस संपत्ति को अपना करार दे रहा है, लेकिन इसका कोई प्रमाण नहीं दिखाया है।
दावा किया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 90 साल पहले 1932 में किया गया था। पहले ये मंदिर गोमती नदी के किनारे हुआ करता था। मान्यता है कि एक बार बाढ़ में मंदिर नदी के बीचोंबीच चला गया। इसके बाद से भक्तों को भोलेनाथ के दर्शन के लिए नाव के जरिए नदी के बीचों बीच जाना पड़ता है।
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